नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों का लोकसभा में बीजेपी सांसदों पर असर आज साफ-साफ दिखा जब कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने हंगामा कर रहे विपक्षी नेताओं से कहा कि उनकी हरकतों को जनता देख रही है। उधर, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी विपक्ष को समझाने के दौरान कहा कि जनता सबकुछ देख रही है।
पीएम का बीजेपी सांसदों को मंत्र
पीएम मोदी ने संसद में विपक्ष के रवैये पर मायूसी जताते हुए बीजेपी सांसदों को जनता के बीच विपक्ष के कारनामों को उजागर करने की निर्देश दिया है। पीएम ने कहा कि विपक्ष न बातचीत के टेबल पर आ रहा है और न ही सदन ही चलने देता है। यह बात जनता को जाननी चाहिए। पीएम ने ये बातें संसद भवन में बीजेपी संसदीय दल की मीटिंग में कहीं।
लोकसभा में दिखा मोदी के मंत्र का असर
इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर बोलने के लिए खड़े हुए तो भी विपक्षी सांसदों का हंगामा नहीं रुका। इस पर तोमर विपक्षी सांसदों को किसानों और जनता का वास्ता देते दिखाई दिए। उन्होंने कहा, 'मैं विपक्षी सदस्यों को कहना चाहता हूं कि आज की कार्यसूची में गांव और किसान से संबंधित 15 से अधिक प्रश्न चर्चा के लिए हैं।'
तोमर ने आगे कहा, 'विपक्षी सदस्य अगर किसानों के बारे में थोड़ा सा भी दर्द रखते हैं, थोड़ी सी वफादारी रखते हैं, तो उन्हें शांति बनाकर अपने स्थान पर रहना चाहिए। इन प्रश्नों के माध्यम से अपना विषय रखना चाहिए। सरकार का जवाब सुनना चाहिए। इस प्रकार का हो हल्ला जो हो रहा है, इससे सदन की गरिमा भी नष्ट हो रही है। जनता का भी नुकसान हो रहा है। विपक्षी दलाों का किसानों के प्रति जो चरित्र है, वह भी दृष्टिगोचर हो रहा है।' उधर, स्पीकर ओम बिरला भी यह कहते हुए सुने गए, 'माननीय सदस्यगण सदन में नारेबाजी के लिए कॉम्पिटिशन मत करो। जनता की समस्याओं में बोलने के लिए कॉम्पिटिशन करो। आप नारेबाजी में कॉम्पिटिशन कर रहे हैं। जनता देख रही है। आप जनता की समस्याओं और अभाव के समर्थन में कॉम्पिटिशन करो।'
कार्यवाही बाधित होने से टेंशन में सरकार
दरअसल, संसद के मॉनसून सत्र का पांच दिन बीत चुका है, लेकिन विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष का शोर-शराबा थमने का नाम नहीं ले रहा है। विपक्ष के अड़ियल रवैये से सरकार के हांथ-पांव फूलने लगे हैं क्योंकि विधेयकों को पास करवाने का उसे कोई रास्ता ही नहीं सूझ रहा है। यही कारण है कि सत्र के छठे दिन सत्ताधारी बीजेपी ने नई रणनीति पर मंथन के लिए संसदीय दल की बैठक बुलाई। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी जैसे दिग्गजों ने हिस्सा लिया।
संसदीय दल की मीटिंग में पीएम को बताई सारी बात
जब जोशी और वी. मुरलीधरन ने सांसदों को बताया कि पिछले हफ्ते लोकसभा और राज्यसभा क्या-क्या हुआ और विपक्ष ने किस तरह संसदीय कार्यवाही में बाधा डाली तब प्रधानमंत्री ने मायूसी का इजहार किया। उन्होंने बीजेपी सांसदों से कहा कि वो जनता के सामने विपक्ष को बेनकाब करें क्योंकि विपक्ष न तो बातचीत के लिए मीटिंग में आ रहा है और न ही किसी सदन को चलने दे रहा है जिससे सारा कामकाज ठप्प पड़ा है। बहरहाल, 'पेगासस प्रोजेक्ट' रिपोर्ट पर चर्चा के लिए विपक्षी सांसदों की नारेबाजी के बीच राज्यसभा दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई। वहीं, लोकसभा में भी विपक्ष का हंगामा होता रहा, जिस कारण सदन की कार्यवाही 11.45 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
गांव-गांव जाएंगे बीजेपी कार्यकर्ता
केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बताया कि आज प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में आजादी के 75 साल पर कहा कि इस अवसर पर जनता ने हमें आशीर्वाद दिया है। जन-जन के दिल में और दिमाग में यह भाव उत्पन्न करने का अवसर है कि मैं देश के लिए कुछ करूं। उन्होंने कहा, '2047 में आजादी के 100 साल पूरे होंगे तब देश कहां पहुंच सकता है, इसके बारे में जनता से विचार लें। हर विधानसभा क्षेत्र में 2 कार्यकर्ताओं की जोड़ी बने जो 75 गांवों का दौरा करके एक कैप्सूल तैयार करे कि डिजिटल लिटरेसी से देश कहां तक पहुंचा और कहां तक पहुंच सकता है।'
असम-मिजोरम सीमा विवाद पर बवाल
उधर, पेगासस जासूसी कांड और अंदोलनरत किसानों के मुद्दे पर खार खाए बैठे विपक्ष को असम-मिजोरम सीमा विवाद में सोमवार को हुई हिंसक झड़प का एक और मुद्दा हाथ लग गया है। असम के कांग्रेसी नेता और लोकसभा में पार्टी संसदीय दल के उपनेता गौरव गोगोई ने कार्यस्थगन प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि असम-मिजोरम मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव देने के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर हिंसा की जांच करवाने की मांगी की है।
कांग्रेस सांसद ने कहा, 'कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक घटना के दौरान एलएमजी के इस्तेमाल की बातें सामने आ रही हैं। क्या हम अपने देश में हैं या बॉर्डर पर? हम घटना की जांच की मांग करते हैं।'
वहीं, कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'गृह मंत्री अमित शाह को इस समस्या का हल निकालने के लिए पहले से ही कहना चाहिए था कि ये अंतरराष्ट्रीय सीमा का मामला नहीं है बल्कि प्रांतीय सीमा का मामला है अगर वो इस मामले को पहले हल करते तो ये घटना टल सकती थी।' कांग्रेस ने असम प्रमुख भूपेन बोरा के नेतृत्व में सात सदस्यीय समिति का भी गठन कर दिया है जो असम-मिजोरम सीमा विवाद की जमीनी हकीकत का पता लगाएगी और यह जानने की कोशिश करेगी कि किन हालात में कल असम पुलिस के छह जवानों की जान चली गई।
हम हर मुद्दे पर बातचीत को तैयार: सरकार
वहीं, सरकार का कहना है कि वो हर मुद्दे पर बातचीत को तैयार है, बशर्ते विपक्ष संसदीय नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करे। केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री और राज्यसभा में बीजेपी के उप नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, 'हमने विपक्षी नेताओं से बातचती की थी और कहा था कि हम उनके हर मुद्दे पर बातचीत को तैयार हैं। उम्मीद है कि विपक्ष नोटिस देकर उसपर सभापति और अध्यक्ष को विचार करने देगा कि किस नियम के तहत, कब चर्चा करवानी है।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों का लोकसभा में बीजेपी सांसदों पर असर आज साफ-साफ दिखा जब कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने हंगामा कर रहे विपक्षी नेताओं से कहा कि उनकी हरकतों को जनता देख रही है। उधर, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी विपक्ष को समझाने के दौरान कहा कि जनता सबकुछ देख रही है।
पीएम का बीजेपी सांसदों को मंत्र
पीएम मोदी ने संसद में विपक्ष के रवैये पर मायूसी जताते हुए बीजेपी सांसदों को जनता के बीच विपक्ष के कारनामों को उजागर करने की निर्देश दिया है। पीएम ने कहा कि विपक्ष न बातचीत के टेबल पर आ रहा है और न ही सदन ही चलने देता है। यह बात जनता को जाननी चाहिए। पीएम ने ये बातें संसद भवन में बीजेपी संसदीय दल की मीटिंग में कहीं।
आपसब जनता के सामने विपक्ष को बेनकाब करें क्योंकि विपक्ष न तो बातचीत के लिए मीटिंग में आ रहा है और न ही किसी सदन को चलने दे रहा है जिससे सारा कामकाज ठप्प पड़ा है।
लोकसभा में दिखा मोदी के मंत्र का असर
इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर बोलने के लिए खड़े हुए तो भी विपक्षी सांसदों का हंगामा नहीं रुका। इस पर तोमर विपक्षी सांसदों को किसानों और जनता का वास्ता देते दिखाई दिए। उन्होंने कहा, 'मैं विपक्षी सदस्यों को कहना चाहता हूं कि आज की कार्यसूची में गांव और किसान से संबंधित 15 से अधिक प्रश्न चर्चा के लिए हैं।'
तोमर ने आगे कहा, 'विपक्षी सदस्य अगर किसानों के बारे में थोड़ा सा भी दर्द रखते हैं, थोड़ी सी वफादारी रखते हैं, तो उन्हें शांति बनाकर अपने स्थान पर रहना चाहिए। इन प्रश्नों के माध्यम से अपना विषय रखना चाहिए। सरकार का जवाब सुनना चाहिए। इस प्रकार का हो हल्ला जो हो रहा है, इससे सदन की गरिमा भी नष्ट हो रही है। जनता का भी नुकसान हो रहा है। विपक्षी दलाों का किसानों के प्रति जो चरित्र है, वह भी दृष्टिगोचर हो रहा है।'
कार्यवाही बाधित होने से टेंशन में सरकार
दरअसल, संसद के मॉनसून सत्र का पांच दिन बीत चुका है, लेकिन विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष का शोर-शराबा थमने का नाम नहीं ले रहा है। विपक्ष के अड़ियल रवैये से सरकार के हांथ-पांव फूलने लगे हैं क्योंकि विधेयकों को पास करवाने का उसे कोई रास्ता ही नहीं सूझ रहा है। यही कारण है कि सत्र के छठे दिन सत्ताधारी बीजेपी ने नई रणनीति पर मंथन के लिए संसदीय दल की बैठक बुलाई। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी जैसे दिग्गजों ने हिस्सा लिया।
संसदीय दल की मीटिंग में पीएम को बताई सारी बात
जब जोशी और वी. मुरलीधरन ने सांसदों को बताया कि पिछले हफ्ते लोकसभा और राज्यसभा क्या-क्या हुआ और विपक्ष ने किस तरह संसदीय कार्यवाही में बाधा डाली तब प्रधानमंत्री ने मायूसी का इजहार किया। उन्होंने बीजेपी सांसदों से कहा कि वो जनता के सामने विपक्ष को बेनकाब करें क्योंकि विपक्ष न तो बातचीत के लिए मीटिंग में आ रहा है और न ही किसी सदन को चलने दे रहा है जिससे सारा कामकाज ठप्प पड़ा है। बहरहाल, 'पेगासस प्रोजेक्ट' रिपोर्ट पर चर्चा के लिए विपक्षी सांसदों की नारेबाजी के बीच राज्यसभा दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई। वहीं, लोकसभा में भी विपक्ष का हंगामा होता रहा, जिस कारण सदन की कार्यवाही 11.45 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
माननीय सदस्यगण सदन में नारेबाजी के लिए कॉम्पिटिशन मत करो। जनता की समस्याओं में बोलने के लिए कॉम्पिटिशन करो। आप नारेबाजी में कॉम्पिटिशन कर रहे हैं। जनता देख रही है। आप जनता की समस्याओं और अभाव के समर्थन में कॉम्पिटिशन करो।
गांव-गांव जाएंगे बीजेपी कार्यकर्ता
केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बताया कि आज प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में आजादी के 75 साल पर कहा कि इस अवसर पर जनता ने हमें आशीर्वाद दिया है। जन-जन के दिल में और दिमाग में यह भाव उत्पन्न करने का अवसर है कि मैं देश के लिए कुछ करूं। उन्होंने कहा, '2047 में आजादी के 100 साल पूरे होंगे तब देश कहां पहुंच सकता है, इसके बारे में जनता से विचार लें। हर विधानसभा क्षेत्र में 2 कार्यकर्ताओं की जोड़ी बने जो 75 गांवों का दौरा करके एक कैप्सूल तैयार करे कि डिजिटल लिटरेसी से देश कहां तक पहुंचा और कहां तक पहुंच सकता है।'
असम-मिजोरम सीमा विवाद पर बवाल
उधर, पेगासस जासूसी कांड और अंदोलनरत किसानों के मुद्दे पर खार खाए बैठे विपक्ष को असम-मिजोरम सीमा विवाद में सोमवार को हुई हिंसक झड़प का एक और मुद्दा हाथ लग गया है। असम के कांग्रेसी नेता और लोकसभा में पार्टी संसदीय दल के उपनेता गौरव गोगोई ने कार्यस्थगन प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि असम-मिजोरम मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव देने के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर हिंसा की जांच करवाने की मांगी की है।
कांग्रेस सांसद ने कहा, 'कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक घटना के दौरान एलएमजी के इस्तेमाल की बातें सामने आ रही हैं। क्या हम अपने देश में हैं या बॉर्डर पर? हम घटना की जांच की मांग करते हैं।'
हमने विपक्षी नेताओं से बातचती की थी और कहा था कि हम उनके हर मुद्दे पर बातचीत को तैयार हैं। उम्मीद है कि विपक्ष नोटिस देकर उसपर सभापति और अध्यक्ष को विचार करने देगा कि किस नियम के तहत, कब चर्चा करवानी है।
वहीं, कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'गृह मंत्री अमित शाह को इस समस्या का हल निकालने के लिए पहले से ही कहना चाहिए था कि ये अंतरराष्ट्रीय सीमा का मामला नहीं है बल्कि प्रांतीय सीमा का मामला है अगर वो इस मामले को पहले हल करते तो ये घटना टल सकती थी।' कांग्रेस ने असम प्रमुख भूपेन बोरा के नेतृत्व में सात सदस्यीय समिति का भी गठन कर दिया है जो असम-मिजोरम सीमा विवाद की जमीनी हकीकत का पता लगाएगी और यह जानने की कोशिश करेगी कि किन हालात में कल असम पुलिस के छह जवानों की जान चली गई।
हम हर मुद्दे पर बातचीत को तैयार: सरकार
वहीं, सरकार का कहना है कि वो हर मुद्दे पर बातचीत को तैयार है, बशर्ते विपक्ष संसदीय नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करे। केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री और राज्यसभा में बीजेपी के उप नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, 'हमने विपक्षी नेताओं से बातचती की थी और कहा था कि हम उनके हर मुद्दे पर बातचीत को तैयार हैं। उम्मीद है कि विपक्ष नोटिस देकर उसपर सभापति और अध्यक्ष को विचार करने देगा कि किस नियम के तहत, कब चर्चा करवानी है।'