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भारत में कोरोना की तीसरी लहर आने वाली है? ओमीक्रोन के साथ इन आंकड़ों ने बढ़ाई चिंता

कोरोना का नया वेरिएंट ओमीक्रोन तेजी से दुनिया के 38 से ज्‍यादा मुल्‍कों में पहुंच गया है। भारत में भी इसके मामले आए हैं। इसने चिंता बढ़ा दी है। लोगों को तीसरी लहर आने का डर भी सताने लगा है।

Curated byअमित शुक्‍ला | नवभारतटाइम्स.कॉम 4 Dec 2021, 11:41 pm

हाइलाइट्स

  • कुछ ही दिनों में 38 से ज्‍यादा देशों में पहुंचा ओमीक्रोन
  • भारत में ओमीक्रोन का चौथा केस मिला, बढ़ी टेंशन
  • एक्‍सपर्ट्स तीसरी लहर आने की करते रहे हैं भविष्‍यवाणी
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नई दिल्‍ली
कोरोना का नया वेरिएंट ओमीक्रोन तेजी से फैल रहा है। भारत में भी इसने सेंध लगा दी है। इसकी तेज रफ्तार देख तीसरी लहर आने का डर सताने लगा है। कुछ एक्‍सपर्ट्स तो इसकी बात भी करने लगे हैं। उनका कहना है कि तीसरी लहर अगले साल के शुरू के महीनों में पीक पर होगी। पहले भी तीसरी लहर आने की बात एक्‍सपर्ट्स करते रहे हैं।
एक्‍सपर्ट्स की कही बातें कुछ-कुछ सही होती दिख रही हैं। देखते ही देखते कोरोना का नया वेरिएंट 38 से ज्‍यादा देशों में पहुंच गया है। भारत में भी यह वेरिएंट दस्‍तक दे चुका है। शनिवार को देश में ओमीक्रोन का चौथा मामला सामने आया है। विदेश से मुंबई लौटे युवक में कोरोना के नए वेरिएंट की पुष्टि हुई है।

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यह शख्‍स 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन से दुबई और दिल्ली के रास्ते मुंबई पहुंचा। उसने कोई टीका नहीं लगवाया है। उसके हाई रिस्क कॉन्‍टैक्‍ट में से 12 और कम रिस्क वाले संपर्कों में से 23 का पता लगा लिया गया है। सभी का टेस्ट नेगेटिव आया है। गुजरात में भी ओमीक्रोन वेरिएंट का पहला केस मिला है। यह 72 साल के एक बुजुर्ग में पाया गया है। वह 28 नवंबर को जिम्‍बाब्‍वे से लौटे थे। एक-एक केस पर नजर रखी जा रही है।

नए ओमीक्रोन वे‍रिएंट को देखते हुए सरकार ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अलर्ट किया है। उन्‍हें सलाह दी गई है कि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर कड़ी नजर रखें, उभरते हॉटस्पॉट की निगरानी करें और संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों का तुरंत पता लगाएं। इसके अलावा सभी संक्रमित नमूनों को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजने, मामलों की तुरंत पहचान करने और स्वास्थ्य ढांचे की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए भी कहा गया है।

किन देशों में ओमीक्रोन ने पसारे पांव?
कोरोना का नया वेरिएंट ओमीक्रोन अभी तक 38 से ज्‍यादा देशों में पांव पसार चुका है। इनमें भारत, श्रीलंका, मलेशिया, मैक्सिको, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बोत्सवाना, ब्राजील, कनाडा, चेक गणराज्य, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, घाना, हांगकांग, आयरलैंड, इजराइल, इटली, जापान, मोजाम्बिक, नीदरलैंड, नाइजीरिया, नॉर्वे, पुर्तगाल, रीयूनियन द्वीपसमूह, सऊदी अरब , दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, स्पेन, स्वीडन, स्विटजरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), ब्रिटेन और अमेरिका समेत कई दूसरे देश भी शामिल हैं।

कितनी रफ्तार से फैला वायरस?
दक्षिण अफ्रीका में ओमीक्रोन का पहला मामला 24 नवंबर को मिला था। इसके दो दिन बाद डब्लूएचओ ने ओमीक्रोन को वेरिएंट ऑफ कन्‍सर्न यानी चिंता वाला वेरिएंट घोषित कर दिया था। इस वेरिएंट के कारण दक्षिण अफ्रीका में कोरोना के मामले 300 फीसदी तक बढ़ गए हैं। इतना ही नहीं, कुछ दिनों में 30 लाख कोरोना केस आने के बाद अस्पतालों में भी पैर रखने की जगह नहीं बची है।

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क्‍यों अहम हैं ये आंकड़े?
दूसरी लहर में देश ने कोरोना का तांडव देखा है। तब कोरोना के डेल्‍टा वेरिएंट ने तबाही मचाई थी। यह वेरिएंट तेजी से फैला था। अप्रैल-मई में दूसरी लहर पीक पर पहुंच गई थी। वैक्‍सीनेशन की रफ्तार बढ़ने से कोरोना पर काफी हद तक अंकुश लगाने में मदद मिली थी। हालांकि, अब नए वेरिएंट से दोबारा टेंशन बढ़ गई है।

इस साल सितंबर में बनारस हिंदू विश्‍वविद्यालय (BHU) के जूलॉजी विभाग के प्रोफेसर ज्ञानेश्‍वर चौबे ने कहा था कि तीसरी लहर कम से कम तीन महीने बाद आएगी। हालांकि, वैक्‍सीनेशन के चलते लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। इससे उन्‍हें तीसरी लहर का मुकाबला करने में मदद मिलेगी।

वहीं, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर में सी3आई हब के कार्यक्रम निदेशक प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने शनिवार को बताया कि आंकड़ों की मानें तो अभी मरीजों में कम ही लक्षण सामने आए हैं। भारत में इसका उतना असर देखने नहीं मिलेगा क्योंकि यहां 80 फीसदी वैक्सीनेशन का कार्यक्रम पूरा हो गया है। तीसरी लहर अगले साल के शुरू के महीनों में पीक पर होगी। इसके बाद मरीजों की संख्या कम होनी शुरू हो जाएगी।
लेखक के बारे में
अमित शुक्‍ला
पत्रकारिता और जनसंचार में पीएचडी की। टाइम्‍स इंटरनेट में रहते हुए नवभारतटाइम्‍स डॉट कॉम से पहले इकनॉमिकटाइम्‍स डॉट कॉम में सेवाएं दीं। पत्रकारिता में 15 साल से ज्‍यादा का अनुभव। फिलहाल नवभारत टाइम्स डॉट कॉम में असिस्‍टेंट न्‍यूज एडिटर के रूप में कार्यरत। टीवी टुडे नेटवर्क, दैनिक जागरण, डीएलए जैसे मीडिया संस्‍थानों के अलावा शैक्षणिक संस्थानों के साथ भी काम किया। इनमें शिमला यूनिवर्सिटी- एजीयू, टेक वन स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय (नोएडा) शामिल हैं। लिंग्विस्‍ट के तौर पर भी पहचान बनाई। मार्वल कॉमिक्स ग्रुप, सौम्या ट्रांसलेटर्स, ब्रह्मम नेट सॉल्यूशन, सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी और लिंगुअल कंसल्टेंसी सर्विसेज समेत कई अन्य भाषा समाधान प्रदान करने वाले संगठनों के साथ फ्रीलांस काम किया। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। देश-विदेश के साथ बिजनस खबरों में खास दिलचस्‍पी।... और पढ़ें

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