देश का राजनीतिक माहौल साल भर सरगर्म रहा। 2018 में देश के 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए। कई लोकसभा और विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी कराए गए। केंद्र की सत्ताधारी बीजेपी के लिए कई विधानसभा चुनाव काफी उत्साहित करने वाले परिणाम लेकर आए। लेकिन साल के आखिर में तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों के परिणाम बीजेपी के लिए चिंता बढ़ाने वाले रहे। बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के जोड़ी ने कई जगहों पर अपना कौशल दिखाया तो वहीं साल के अंत तक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी प्रभावशाली स्थिति में दिखाई दिए। आज हम यहां साल की टॉप 10 राजनीतिक शख्सियतों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जिनका इस साल भारतीय राजनीति पर अच्छा-खासा असर रहा है।
1. नरेंद्र मोदी
भारत के प्रधानमंत्री अपनी लोकप्रियता को बरकरार रखने में लगातार कामयाब हैं। उनके पास अपनी पार्टी को चुनाव जिताने का कौशल है। अंतरराष्ट्रीय राजनीति में लगातार हस्तक्षेप करते नरेंद्र मोदी विश्व के लोकप्रिय नेताओं में भी शुमार हैं। भारत में वह राष्ट्रीय से लेकर क्षेत्रीय पार्टियों तक के लिए एक राजनीतिक खौंफ की तरह हैं। इनकी शख्सियत ही है जिसकी वजह से यहां हर चुनाव मोदी बनाम अन्य के आधार पर लड़ा जा रहा है।
2. अमित शाह
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह को भारतीय राजनीति के चाणक्य की संज्ञा दी जाती है। उनके अध्यक्षीय कार्यकाल में बीजेपी देश के तकरीबन 18 राज्यों की सत्ता में हिस्सेदार है। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि पूर्वोत्तर में भी कमल खिला देना कही जा सकती है। सरकार बनाने के लिए 'जोड़-तोड़' की राजनीति के लिए शाह इस साल खासे चर्चा में रहे हैं।
3. राहुल गांधी
पिछले साल दिसंबर में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने राहुल गांधी की राजनीतिक रणभूमि साल 2018 ही रही। इस साल 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए और गोरखपुर, फूलपुर और कैराना जैसे महत्वपूर्ण जगहों पर उपचुनाव भी। चुनावों के अलावा राहुल साल भर सत्ताधारी मोदी सरकार पर हमलावर रहे। वह किसानों के आंदोलन से लेकर छात्रों के आंदोलन तक में लगातार हिस्सा लेते रहे। केदारनाथ जैसी यात्राओं से दक्षिणपंथी राजनीति में बीजेपी के वर्चस्व को चुनौती देते हुए राहुल शिवभक्त के रूप में भी सामने आए। वह सबसे ज्यादा प्रभावी दिखे साल के अंतिम महीने में, जब पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद कांग्रेस ने बीजेपी से तीन राज्यों की सत्ता छीन ली। इसका क्रेडिट भी राहुल गांधी को दिया गया।
4. योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वैसे तो अपने विवादित बयानों को लेकर काफी चर्चा में रहते हैं लेकिन इस साल उनकी चर्चा कई शहरों के नाम बदलने को लेकर रही। इलाहाबाद, मुगलसराय, फैजाबाद का नाम बदलने को लेकर वह आलोचकों के निशाने पर रहे। ट्विटर इंडिया के मोस्ट टाक्ड अबाउट इंडियन पर्सनैलिटीज चार्ट में योगी को तीसरे नंबर पर रखा गया है।
5. ममता बनर्जी
मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष की गोलबंदी के मुखिया के तौर पर जिनका बार बार नाम लिया जाता है वह ममता बनर्जी हैं। वह पश्चिम बंगाल में दूसरी बार सत्ता में आने वाली टीएमसी की सबसे शक्तिशाली नेता हैं। वेस्ट बंगाल को 'बेस्ट बंगाल' कहने वाली ममता लगातार राष्ट्रीय राजनीति की चर्चाओं के केंद्र में रहती हैं। खासकर तब जब 'विपक्ष' और 'महागठबंधन' की चर्चा होती है।
1. नरेंद्र मोदी
भारत के प्रधानमंत्री अपनी लोकप्रियता को बरकरार रखने में लगातार कामयाब हैं। उनके पास अपनी पार्टी को चुनाव जिताने का कौशल है। अंतरराष्ट्रीय राजनीति में लगातार हस्तक्षेप करते नरेंद्र मोदी विश्व के लोकप्रिय नेताओं में भी शुमार हैं। भारत में वह राष्ट्रीय से लेकर क्षेत्रीय पार्टियों तक के लिए एक राजनीतिक खौंफ की तरह हैं। इनकी शख्सियत ही है जिसकी वजह से यहां हर चुनाव मोदी बनाम अन्य के आधार पर लड़ा जा रहा है।
2. अमित शाह
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह को भारतीय राजनीति के चाणक्य की संज्ञा दी जाती है। उनके अध्यक्षीय कार्यकाल में बीजेपी देश के तकरीबन 18 राज्यों की सत्ता में हिस्सेदार है। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि पूर्वोत्तर में भी कमल खिला देना कही जा सकती है। सरकार बनाने के लिए 'जोड़-तोड़' की राजनीति के लिए शाह इस साल खासे चर्चा में रहे हैं।
3. राहुल गांधी
पिछले साल दिसंबर में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने राहुल गांधी की राजनीतिक रणभूमि साल 2018 ही रही। इस साल 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए और गोरखपुर, फूलपुर और कैराना जैसे महत्वपूर्ण जगहों पर उपचुनाव भी। चुनावों के अलावा राहुल साल भर सत्ताधारी मोदी सरकार पर हमलावर रहे। वह किसानों के आंदोलन से लेकर छात्रों के आंदोलन तक में लगातार हिस्सा लेते रहे। केदारनाथ जैसी यात्राओं से दक्षिणपंथी राजनीति में बीजेपी के वर्चस्व को चुनौती देते हुए राहुल शिवभक्त के रूप में भी सामने आए। वह सबसे ज्यादा प्रभावी दिखे साल के अंतिम महीने में, जब पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद कांग्रेस ने बीजेपी से तीन राज्यों की सत्ता छीन ली। इसका क्रेडिट भी राहुल गांधी को दिया गया।
4. योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वैसे तो अपने विवादित बयानों को लेकर काफी चर्चा में रहते हैं लेकिन इस साल उनकी चर्चा कई शहरों के नाम बदलने को लेकर रही। इलाहाबाद, मुगलसराय, फैजाबाद का नाम बदलने को लेकर वह आलोचकों के निशाने पर रहे। ट्विटर इंडिया के मोस्ट टाक्ड अबाउट इंडियन पर्सनैलिटीज चार्ट में योगी को तीसरे नंबर पर रखा गया है।
5. ममता बनर्जी
मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष की गोलबंदी के मुखिया के तौर पर जिनका बार बार नाम लिया जाता है वह ममता बनर्जी हैं। वह पश्चिम बंगाल में दूसरी बार सत्ता में आने वाली टीएमसी की सबसे शक्तिशाली नेता हैं। वेस्ट बंगाल को 'बेस्ट बंगाल' कहने वाली ममता लगातार राष्ट्रीय राजनीति की चर्चाओं के केंद्र में रहती हैं। खासकर तब जब 'विपक्ष' और 'महागठबंधन' की चर्चा होती है।