नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने रविवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में ज्ञानवापी मस्जिद, ताजमहल और कृष्ण जन्मभूमि तथा देश के अन्य सभी विवादित स्थानों की सच्चाई लोगों के सामने आनी चाहिए। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में अलग से पत्रकारों से कहा कि लोग इन जगहों के बारे में सच्चाई जानना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे देश को 'सही दिशा' प्राप्त करने में मदद मिलेगी। कुमार ने कहा कि यह किसी के प्रति किसी द्वेष या किसी राजनीति के कारण नहीं है कि लोग इन जगहों की सच्चाई जानना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि आम लोगों को लगता है कि इन जगहों के बारे में जितनी सच्चाई सामने आएगी उतनी ही देश को सही दिशा देने में मदद मिलेगी। संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य कुमार ने लोगों से अपनी जाति, समुदाय, क्षेत्र, धर्म और पार्टी से ऊपर उठने और ‘ऐसे विवादों’ के बारे में सच्चाई सामने लाने में अदालत की मदद करने की अपील की। ज्ञानवापी में दूसरे दिन गुंबद और तहखाने का सर्वे
ज्ञानवापी मस्जिद में रविवार को दूसरे दिन गुंबदों के साथ ही नमाज स्थल समेत परिसर के चप्पे-चप्पे की विडियोग्राफी हुई। एक तहखाने में भरे मलबे को हटवाकर भी सर्वे किया गया। सर्वे के लिए 52 सदस्यों की टीम 5 घंटे तक ज्ञानवापी परिसर में रही। रविवार को सिक्योरिटी और बढ़ा दी गई थी। वादी (हिंदू) पक्ष ने वजूखाना के पास छोटे तालाब का पानी निकालकर सर्वे कराए जाने की मांग की थी, जिसका अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमिटी ने विरोध किया। हालांकि कोर्ट कमिश्नर ने विरोध को दरकिनार कर दिया। सोमवार को तालाब समेत बाकी कुछ हिस्से में सर्वे होगा। इस बीच वादी पक्ष का कहना है कि सर्वे में मिले साक्ष्यों से उनका दावा मजबूत हुआ है। वहीं मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा कि कहीं कुछ नहीं मिला। वादी पक्ष क्या कह रहा है, इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। सर्वे की रिपोर्ट मंगलवार को अदालत में पेश होने के बाद दुनिया के सामने आएगी।
ताजमहल पर अर्जी, कोर्ट बोला- PhD करेंताजमहल के 22 कमरों को खुलवाने की याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने खारिज कर दी थी। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इस मामले में कड़ी फटकार भी लगाई। याचिकाकर्ता से हाई कोर्ट ने कहा कि आप मानते हैं कि ताजमहल को शाहजहां ने नहीं बनाया है? क्या हम यहां कोई फैसला सुनाने आए हैं? जैसे कि इसे किसने बनवाया था या ताजमहल की उम्र क्या है? आपको जिस बारे में पता नहीं है, उस पर रिसर्च करिए। जाइए एमए कीजिए, पीएचडी कीजिए, अगर आपको कोई संस्थान रिसर्च करने से रोक रहा है तो फिर हमारे पास आइए।
ज्ञानवापी मस्जिद में रविवार को दूसरे दिन गुंबदों के साथ ही नमाज स्थल समेत परिसर के चप्पे-चप्पे की विडियोग्राफी हुई। एक तहखाने में भरे मलबे को हटवाकर भी सर्वे किया गया। सर्वे के लिए 52 सदस्यों की टीम 5 घंटे तक ज्ञानवापी परिसर में रही। रविवार को सिक्योरिटी और बढ़ा दी गई थी। वादी (हिंदू) पक्ष ने वजूखाना के पास छोटे तालाब का पानी निकालकर सर्वे कराए जाने की मांग की थी, जिसका अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमिटी ने विरोध किया। हालांकि कोर्ट कमिश्नर ने विरोध को दरकिनार कर दिया। सोमवार को तालाब समेत बाकी कुछ हिस्से में सर्वे होगा। इस बीच वादी पक्ष का कहना है कि सर्वे में मिले साक्ष्यों से उनका दावा मजबूत हुआ है। वहीं मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा कि कहीं कुछ नहीं मिला। वादी पक्ष क्या कह रहा है, इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। सर्वे की रिपोर्ट मंगलवार को अदालत में पेश होने के बाद दुनिया के सामने आएगी।
ताजमहल पर अर्जी, कोर्ट बोला- PhD करेंताजमहल के 22 कमरों को खुलवाने की याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने खारिज कर दी थी। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इस मामले में कड़ी फटकार भी लगाई। याचिकाकर्ता से हाई कोर्ट ने कहा कि आप मानते हैं कि ताजमहल को शाहजहां ने नहीं बनाया है? क्या हम यहां कोई फैसला सुनाने आए हैं? जैसे कि इसे किसने बनवाया था या ताजमहल की उम्र क्या है? आपको जिस बारे में पता नहीं है, उस पर रिसर्च करिए। जाइए एमए कीजिए, पीएचडी कीजिए, अगर आपको कोई संस्थान रिसर्च करने से रोक रहा है तो फिर हमारे पास आइए।