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चीन लंबी लड़ाई के मूड में, इन 5 तरीकों से ड्रैगन की फुफकार रोक सकता है भारत

India China latest news: पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्‍चुअल (LAC) के पास चीन ने भारी फौज इकट्ठा कर रखी है। उकी हरकतों से साफ पता चलता है कि वे जल्‍दी हटने के मूड में नहीं हैं।

नवभारतटाइम्स.कॉम 30 Jun 2020, 1:54 pm
चीन ने जिस तरह से बॉर्डर एरियाज में सैनिक तैनात किए हैं, उससे साफ है कि उनकी मंशा क्‍या है। 15 जून की घटना के बाद भी चीन ने सैनिक घटाए नहीं, उल्‍टे आर्टिलरी और फोर्स लेकर कंस्‍ट्रक्‍शन शुरू कर दिया है। मिलिट्री कमांडर्स के बीच मुलाकातें हो रहीं हैं, मगर उसके बावजूद चीन की आक्रामकता में कोई कमी नहीं है। कई एक्‍सपर्ट्स मानते हैं कि चीन ने यह कदम आर्टिकल 370 हटाने और दौलत बेग ओल्‍डी तक रोड बनाने के विरोध में किया है। जिस तरह सीमा पर दोनों सेनाएं आमने-सामने हैं, आने वाले दिनों में झड़पें बढ़ने के चांसेज हैं। ऐसे में भारत के पास कई विकल्‍प हैं जिनके जरिए वह ड्रैगन पर सीधे-सीधे दबाव डाल सकता है।
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चीन लंबी लड़ाई के मूड में, इन 5 तरीकों से ड्रैगन की फुफकार रोक सकता है भारत


गलवान में कितने चीनी मरे, राज खोल दे भारत

गलवान घाटी में 15-16 जून की रात जो हुआ, भारत ने उसके बारे में अपनी बात साफगोई से रखी। चीन ने हमेशा की तरह अपने मृत सैनिकों का आंकड़ा छिपा लिया। भारत के पास मौका है कि वह गलवान में कितने चीनी मारे गए, इसे लेकर पुख्‍ता जानकारी दुनिया के सामने रखे। क्‍योंकि चीन जैसे अहंकारी देश के लिए एक सैनिक की मौत भी शर्मिंदगी की वजह बनेगी।

इंडियन नेवी बन सकती है चीन की नई मुसीबत

चीन ने लगातार सीमा पर तनाव की जानकारियां छिपाई हैं। जिसका सीधा सा मतलब ये है कि वो लगातार भारत को बातचीत में उलझाए रखना चाहता है। अब भारत के पास इस तनाव के दायरे को बढ़ाने का मौका है। इस दिशा में कदम भी बढ़ाए गए हैं। वेस्‍टर्न इंडियन ओशन में हम चीनी जहाजों के लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। फिर चीनी नेवी को अपने जहाजों की रक्षा के लिए वेस्‍टर्न पैसिफिक छोड़कर इस तरफ आना होगा।

Five Eyes का हिस्‍सा बन जाए भारत

Five Eyes इंटेलिजेंस शेयरिंग के लिए बना एक ग्रुप है जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, न्‍यूजीलैंड, कनाडा और ऑस्‍ट्रेलिया शामिल हैं। ये सभी देश आपस में खुफिया जानकारी शेयर करते हैं। भारत अबतक इसका हिस्‍सा बनने से हिचकिचाता रहा है मगर अब वक्‍त आ गया है कि वो इसका सदस्‍य बने। चीन के बारे में खुफिया जानकारी जुटाने के लिए यह एक अच्छा रास्‍ता है।

मालाबार एक्‍सरसाइज से चीन को जाएगा संदेश

भारत चाहे तो जल्‍द से जल्‍द चारों 'क्‍वाड' मेंबर्स के साथ मालाबर एक्‍सरसाइज करा सकता है। इसमें भारत के अलावा जापान, अमेरिका और ऑस्‍ट्रेलिया हिस्‍सा लेते हैं। वेस्‍टर्न पैसिफिक में होने वाली इस एक्‍सरसाइज में चारों देशों के जंगी जहाज और एयरक्राफ्ट हिस्‍सा लेते हैं। इससे चीन को साफ संदेश जाएगा कि भारत के पक्ष में ताकतवर देश खड़े हैं।

चीनी इम्‍पोर्ट में लानी होगी कमी

चीन का व्‍यापारिक बायकॉट करने की मांग जोर पकड़ रही है। मगर इसे अचानक लागू करने में अपना ही नुकसान है। भारत को चरणबद्ध तरीके से चीनी इम्‍पोर्ट कम करने की दिशा में आगे बढ़ना होगा। सरकार के लिए अहम है कि वह तीन ग्रुप्‍स- अमेरिका, ताइवान और यूरोपियन यूनियन के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स पर तेजी से आगे बढ़े।

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