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World Day Against Child Labour 2021: कोरोना ने बच्‍चों के कंधों पर लादा बोझ, दो दशक में पहली बार बढ़ी बाल मजदूरों की संख्‍या

World Day Against Child Labour: कोविड-19 के बीच बाल श्रमिकों की संख्‍या बढ़ती जा रही है। विश्व बाल श्रम निषेध दिवस 2021 पर 'वीक ऑफ ऐक्‍शन' की शुरुआत की गई है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 12 Jun 2021, 11:15 am

हाइलाइट्स

  • 12 जून को मनाया जाता है 'विश्व बाल श्रम निषेध दिवस'
  • लगभग करीब 16 करोड़ बच्चे हैं बाल श्रम का शिकार
  • मानसिक और शारीरिक रूप से बेहद नुकसान देना है बाल श्रम
  • पिछले चार साल में 85 लाख बाल श्रमिक बढ़े
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प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर
नई दिल्‍ली
पिछले दिनों एक रिपोर्ट आई थी कि बाल मजदूरों की संख्‍या बढ़कर 16 करोड़ हो गई है। यह आंकड़ा दो दशक में पहली बार बढ़ा है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) और यूनिसेफ की एक रिपोर्ट कहती है बाल मजदूरी को रोकने की दिशा में प्रगति 20 साल में पहली बार रुकी है। जबकि 2000 से 2016 के बीच बाल श्रम में बच्चों की संख्या 9.4 करोड़ कम हुई थी।
पिछले चार साल में 84 लाख का इजाफा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना महामारी के चलते बाल श्रम बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। बाल मजदूरी को रोकने के लिए 'विश्व बाल श्रम निषेध दिवस' की शुरुआत हुई1 हर साल 12 जून को यह दिवस मनाया जाता है।

'विश्व बाल श्रम निषेध दिवस' की शुरुआत ILO ने 2002 में की थी। इस बार 'वीक ऑफ ऐक्‍शन' मनाया जा रहा है जो 10 जून से शुरू हुआ है। रिपोर्ट में बाल मजदूरी में 5 से 11 साल उम्र के बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी की ओर इशारा किया गया है जो पूरी दुनिया में कुल बाल मजदूरों की संख्या की आधे से अधिक है।

World Day Against Child Labour : इस साल का क्‍या थीम?
इस साल 'विश्व बाल श्रम निषेध दिवस' का फोकस ऐक्‍शन लेने पर है। इस साल 'वीक ऑफ ऐक्‍शन' को प्रमोट किया जा रहा है।




विश्व बाल श्रम निषेध 2021 का महत्व
वर्ष 2021 में विश्व में बाल श्रमिकों की संख्या 20 साल में पहली बार बढ़ी है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के हिसाब से बाल श्रम समाजिक असमानता और भेद-भाव को बढ़ावा देता है। बाल श्रम को रोकना काफ़ी आवश्यक है क्योंकि इससे पैदा होने वाले फैक्टर्स जैसे- गरीबी, ट्रांसफर के कारण एक बच्चे पर मानसिक और शारीरिक रूप से काफ़ी बुरा असर पड़ता है। इस बार का आयोजन कोरोना वायरस के कारण वर्चुअल होने वाला है। कोरोना वायरस के कारण कई बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है जिस कारण मज़बूरी में उन्हें बाल श्रम का सहारा लेना पड़ा है।




बाल श्रम पर क्‍या कहती हैं हस्‍त‍ियां?

अगर अभी नहीं तो फिर कब? अगर तुम नहीं तो फिर कौन, अगर हम इन सवालों का जवाब दे सकते हैं तो हम इंसानो की गुलामी को ज़रूर बंद कर सकते हैं।
कैलाश सत्यार्थी

बाल श्रम और गरीबी साथ-साथ चलते हैं। अगर आप बाल श्रम को गरीबी मिटाने के लिये इस्तेमाल कर रहे हैं तो आप गरीबी और बाल श्रम के साथ अंत तक जिएंगे।
ग्रेस एबट

आप बाल श्रम को सही नहीं ठहरा सकते। आप गुलामी को सही नहीं बता सकते। कुछ चीजें बस गलत हैं।
माइकल मूर

दुनिया में एक बच्चे को मुस्‍कुराते हुए देखने से ज्यादा संतोषजनक और कुछ भी नहीं है। मैं हमेशा जितना हो सके उतनी कोशिश करता हूं कि मैं बच्‍चों का भला कर सकूं। भले ही वो मेरा उन्हें ऑटोग्राफ देना ही क्यों ना हो। एक बच्चे की मुस्कान पैसों से कहीं ज्यादा कीमती है।
लियोनेल मेस्सी

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