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भारत ने विकसित किया कुष्ठ रोग का पहला टीका

दुनिया में कुष्ठ के जितने मरीज हैं, उनमें 60 फीसद से ज्यादा अकेले भारत में पाए जाते हैं। कुष्ठ के शिकार ज्यादातर लोग सही इलाज नहीं मिलने के कारण अपाहिज हो जाते हैं। उनके साथ रहने वालों में भी संक्रमण फैल जाता है। भारत ने कुष्ठ रोग का पहला टीका विकसित किया है। रोगियों पर इसका परीक्षण जल्द शुरु होगा।

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 21 Aug 2016, 3:32 am
नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम worlds first leprosy vaccine developed in india to go on trial
भारत ने विकसित किया कुष्ठ रोग का पहला टीका

भारत ने कुष्ठ रोग के लिए इलाज के लिए दुनिया का पहला टीका विकसित किया है। इसे आने वाले कुछ ही हफ्तों में बिहार और गुजरात के 5 जिलों में उपलब्ध कराया जाएगा। मालूम हो कि भारत में हर साल करीब 1.25 लाख लोग कुष्ठ रोग का शिकार होते हैं।

दुनिया के कुल कुष्ठ रोगियों में से लगभग 60 फीसद मरीज भारत में पाए जाते हैं। इस रोग से पीड़ित ज्यादातर लोग समय रहते बीमारी का पता ना चलने और इलाज के अभाव के कारण अपंग हो जाते हैं। इस टीके की शुरुआती जांच में अगर संतोषजनक नतीजे आते हैं, तो देशभर के बाकी कुष्ठ प्रभावित इलाकों में भी इसे मरीजों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

कुष्ठ के जीवाणुओं के शिकार लोगों के संपर्क में रहने वाले भी इस गंभीर बीमारी से संक्रमित हो जाते हैं। यह टीका उनके लिए भी कारगर साबित होने की उम्मीद है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की निदेशक डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने बताया, 'कुष्ठ के लिए यह पहला टीका है। भारत वह पहला देश है जहां इतने बड़े स्तर पर कुष्ठ के लिए टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। परीक्षण में पाया गया है कि अगर कुष्ठ रोगियों के करीबी संपर्क में रहने वाले लोगों को यह टीका दिया जाए, तो 3 साल के अंदर ही कुष्ठ मामलों में 60 फीसद कमी लाई जा सकती है। अगर कुष्ठ के कारण किसी की त्वचा जख्मी हो गई है, तो यह टीका उसके ठीक होने की रफ्तार भी बढ़ा देगा।'

यह टीका नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी के संस्थापक व निदेशक जी पी तलवार द्वारा विकसित की गई है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) और अमेरिका की FDA ने भी इसे मंजूरी दे दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नाड्डा ने कहा कि केंद्र सरकार ने देशभर के सर्वाधिक कुष्ठ प्रभावित 50 जिलों में घर-घर जाकर मरीजों की पहचान का काम शुरू कर दिया है। अब तक करीब 7.5 करोड़ लोगों की जांच हो चुकी है। इनमें से करीब 5,000 लोगों के कुष्ठ रोगी होने की पुष्टि हो चुकी है। अगले चरण में तमिलनाडु के इरोड जिले सहित इस महामारी से बुरी तरह ग्रस्त 163 जिलों में जांच अभियान चलाया जाएगा। नाड्डा ने कहा, 'हम किसी को भी छोड़ना नहीं चाहते हैं। जो कुष्ठ रोग से पीड़ित पाए गए हैं, उन्हें इलाज मुहैया कराई जाएगी। इन रोगियों के संपर्क में रहने वालों को संक्रमण से बचाने के लिए दवा दी जाएगी।'

इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ें: World’s first leprosy vaccine, developed in India, to go on trial

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