कोलकाता, सात अक्तूबर :भाषा: इस दुर्गा पूजा देवी उमा ना सिर्फ एक साल के लिए अपने मायके में आगमन करेंगी और लाखों लोगों को खुशियां देंगी, बल्कि वर्षों से अपने प्रियजनों से बिछुड़े कुछ लोगों की घर वापसी भी होगी। दुबई में कार्यरत डिप्लोमा इंजीनियर सौमित्र कांजी के लिए साढ़े चार साल बाद यह घर वापसी की तरह होगी तो अमेरिका में पीएचडी कर रहे अभीक मुखर्जी चार साल से भी अधिक समय बाद अपने माता पिता को देखेंगे। ये सभी एक निजी रेडियो स्टेशन की पहल का शुक्रिया अदा कर रहे हैं जिसका लक्ष्य विदेशों से परिवारों को साथ लाना है। नम आंखों के साथ रिक्ता कांजी कहती हैं, किसी को भी मेरी भावनाएं समझाने में यह सक्षम नहीं होगा। कई वर्ष बाद मैं अपने बेटे :सौमित्र: को देखूंगी। दक्षिण 24 परगना जिले के मिदनापुर के रहने वाले सौमित्र के पिता दीपेंद्रनाथ कांजी ने बताया कि इलेक्टि्रकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह 2011 में दुबई के लिए रवाना हुआ था। उन्होंने बताया, मैं एक निजी फैक्ट्री में काम करता था और परिवार चलाने के लिए मैं अधिक पैसा कमाने और अपने दोनों बच्चों के लिए ट्यूशन फी भरने में अक्षम था। ऐसे में सौमित्र ने दुबई जाने का फैसला किया। दीपेंद्रनाथ ने बताया कि इसके बाद से सौमित्र परिवार के साथ अपने भाई-बहनों की पढ़ाई के लिए भी धन भेज रहा है। उन्होंने कहा, दुबई में रहते हुए उसकी कमाई इतनी नहीं थी कि अपने खर्च के अलावा हमें खर्चे के लिए पैसा भेजने और अपने भाई-बहन की पढ़ाई के लिए रकम भेजने के बाद वह पैसे बचा सकता और घर लौट पाता।
पूजा उत्सवों के बीच रेडियो स्टेशन परिवारों को करीब लाया
कोलकाता, सात अक्तूबर :भाषा: इस दुर्गा पूजा देवी उमा ना सिर्फ एक साल के लिए अपने मायके में आगमन करेंगी और लाखों लोगों को खुशियां देंगी, बल्कि वर्षों से अपने प्रियजनों से बिछुड़े कुछ लोगों की घर वापसी भी होगी।
नवभारतटाइम्स.कॉम 7 Oct 2016, 1:48 pm