लखनउ, छह अप्रैल :भाषा: उत्तर प्रदेश सरकार राज्य की शिक्षा प्रणाली को दुरूस्त करने के मकसद से निजी स्कूलों में प्रवेश और फीस का नियमन करने के लिए अध्यादेश लाने का विचार कर रही है। प्रमुख सचिव :माध्यमिक शिक्षा: जितेन्द्र कुमार ने कहा कि उनके विभाग ने इस संबंध में अध्यादेश का मसौदा विभाग की वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। जनता की राय मांगी गयी है। विभाग की एक समिति भी पंजाब और गुजरात सहित विभिन्न राज्यों के इस तरह के मसौदों का अध्ययन करेगी। राज्य सरकार निजी स्कूल कालेजों द्वारा मनमाना फीस वसूली पर लगाम लगाने के लिए दिशानिर्देश बनाने का भी फैसला किया है। कुमार ने बताया कि सरकार नौंवी से बारहवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए 80 फीसदी हाजिरी अनिवार्य करने का इरादा कर रही है। साथ ही शिक्षकों की उपस्थिति बायोमीट्रिक प्रणाली के जरिए अनिवार्य की जाएगी। निदेशक :माध्यमिक शिक्षा: एएन वर्मा ने बताया कि सरकार इन सभी पहलुओं पर विचार कर रही है। इससे पहले चार अप्रैल को नकल माफिया पर लगाम लगाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि व्यापक पैमाने पर नकल कराने वाले परीक्षा केन्द्रों को काली सूची में डाला जाए और उनके खिलाफ एफआईआर हो। नवगठित भाजपा सरकार ने यह भी तय किया है कि निजी कोचिंग संस्थान चलाने वाले सरकारी शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर की जाएगी।
निजी स्कूलों की फीस के नियमन के लिए अध्यादेश लाएगी योगी सरकार
लखनउ, छह अप्रैल :भाषा: उत्तर प्रदेश सरकार राज्य की शिक्षा प्रणाली को दुरूस्त करने के मकसद से निजी स्कूलों में प्रवेश और फीस का नियमन करने के लिए अध्यादेश लाने का विचार कर रही है।
नवभारतटाइम्स.कॉम 6 Apr 2017, 9:00 pm