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चुनाव में खड़े हैं TMC नेता मित्रा, नहीं दे सकते वोट

तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी और पूर्व मंत्री मदन मित्रा भले ही खुद जेल की सलाखों के पीछे बंद हों, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि जनता उनके लिए बढ़-चढ़कर मतदान करेगी। वह कामरहाटी से चुनाव लड़ रहे हैं। जेल में बंद होने के कारण उन्हें वोटिंग का अधिकार नहीं है। मित्रा शारदा चिटफंड घोटाले के मुख्य आरोपियों में हैं।

टाइम्स न्यूज नेटवर्क 25 Apr 2016, 11:21 am
कोलकाता तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी और पूर्व मंत्री मदन मित्रा भले ही खुद जेल की सलाखों के पीछे बंद हों, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि जनता उनके लिए बढ़-चढ़कर मतदान करेगी। पश्चिम बंगाल में आज चौथे चरण का मतदान हो रहा है। आज जिन उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होना है, उनमें मित्रा भी शामिल हैं। मित्रा कामरहाटी विधानसभा क्षेत्र से TMC के उम्मीदवार हैं। उनका नाम भले ही मतदाता सूची में दर्ज हो, लेकिन मित्रा मतदान नहीं कर सकेंगे।
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चुनाव में खड़े हैं TMC नेता मित्रा, नहीं दे सकते वोट


चुनाव आयोग के अधिकारियों ने पुष्टि करते हुए बताया कि मित्रा को वोट देने का अधिकार नहीं दिया जाएगा। मालूम हो कि करोड़ों रुपये के शारदा चिटफंड घोटाले में आरोपी मित्रा फिलहाल अलीपुर जेल में बंद हैं। सूत्रों ने बताया, 'चाहे विचाराधीन कैदी हों या फिर अदालत में दोषी मान लिए गए सजा काटते कैदी, किसी को भी मतदान का अधिकार नहीं है। मित्रा भी इस नियम से अपवाद नहीं हैं।'

रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल्स ऐक्ट 1951 के अनुसार, 'अगर किसी व्यक्ति को जेल में रखा गया है, तो वह किसी भी चुनाव में मतदान नहीं कर सकता है। फिर चाहे उसे सजा मिली हो या फिर वह पुलिस की कानूनन हिरासत में हो।' हालांकि इसी कानून में कैदियों को चुनाव लड़ने का अधिकार दिया गया है। जब तक किसी व्यक्ति को अदालत द्वारा दोषी मानकर सजा नहीं सुनाई जाती, तब तक वह चुनाव लड़ सकता है। यह पहला मौका है जब कि पश्चिम बंगाल चुनाव में जेल के अंदर से कई हाई-प्रोफाइल उम्मीदवार चुनाव लड़ रहा है।

मित्रा को CBI ने साल 2014 में गिरफ्तार किया था। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद मित्रा के विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए गई थीं। ममता ने दावा किया कि मित्रा केंद्र की साजिश का शिकार हुए हैं। मित्रा के खिलाफलेफ्ट के मानस मुखर्जी और BJP के कृषाणु मित्रा मैदान में खड़े हैं। मित्रा का नाम नारद स्टिंग ऑपरेशन में भी आया। स्टिंग में वह पैसे लेते हुए दिख रहे हैं।

चुनाव में नामांकन के समय जमा किए गए घोषणापत्र में मित्रा ने कहा है कि शारदा घोटाले के अलावा उनका नाम दंगा, खतरनाक हथियार रखने, सरकारी अधिकारी को उसका काम नाम करने देने के लिए मारपीट और आपराधिक हिंसा का इस्तेमाल करने जैसे कई मामलों में दर्ज है।

इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ें- Jailed ex-minister Madan Mitra, a candidate who can't vote

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