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शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन को इसलिए करते हैं पीला, हल्दी सेरेमनी की ये रही असली वजह

हल्दी की रस्म के बिना ज्यादातर भारतीय शादियां पूरी नहीं होती हैं। पूरब से लेकर पश्चिम तक और उत्तर से लेकर दक्षिण तक हर राज्य में अलग-अलग रूपों में शादी समारोह का हिस्सा होती है हल्दी की रस्म। (Haldi Ceremony )

नवभारतटाइम्स.कॉम 25 May 2021, 7:33 am
हल्दी को लेकर यह सवाल में आना सामान्य है कि सेहत और त्वचा के लिए बहुत सारी चीजें उपयोगी होती हैं, फिर उनसे जुड़ी रस्म तो शादी के दौरान नहीं होती। फिर हल्दी में ही ऐसा क्या खास है, जो हल्दी की रस्म की जाती है! (Haldi Ceremony Ritual)
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शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन को इसलिए करते हैं पीला, हल्दी सेरेमनी की ये रही असली वजह


हल्दी की कौन-सी खूबियां इसे खास बनाती हैं और क्यों होने-वाले दूल्हा-दुल्हन को हल्दी लगाई जाती है, इस बारे में यहां काफी जरूरी बातें बताई जा रही हैं। जिन्हें जानने के बाद आप भी बिना शादी के ही हल्दी को अपने स्किन केयर रुटीन का हिस्सा बना लेंगी। (Why Perform Haldi Ceremony )

हल्दी की पहली खासियत

हल्दी के गुणों से अलग अगर किसी एक खासियत की बात करें तो हल्दी का रंग पीला होता है। इस रंग को भारतीय परंपरा और संस्कारों में बहुत पवित्र माना जाता है। पीला रंग प्रेम, त्याग और समृद्धि का प्रतीक है।

होने वाले दूल्हा-दुल्हन अपने जीवन की एक नई शुरुआत कर रहे होते हैं, ऐसे में इन्हें इन सभी गुणों की जरूरत होती है। इसलिए सभी रिश्तेदारों और परिजनों की ओर से सांकेतिक तौर पर हल्दी लगाकर भावी वर-बधू को आशीर्वाद दिया जाता है।

तुरंत असर दिखाती है

हल्दी एक ऐसी जड़ी-बूटी है जो रंगत निखारने के मामले में तुरंत असर दिखाती है। जब हल्दी को सरसों तेल, मलाई और गुलाबजल के साथ मिलाकर पारंपरिक उबटन बनाया जाता है। तो यह एक बार लगाने पर ही असर दिखाती है।

पुराने समय में सौंदर्य को निखारने के लिए घरेलू नुस्खों का ही उपयोग किया जाता था। शादी के समय दूल्हा और दुल्हन को सबसे सुंदर दिखने का आशीर्वाद दिया जाता है। इसलिए पुराने समय से ही दूल्हा-दुल्हन को हल्दी लगाकर रूप निखारने की परंपरा चली आ रही है।

डेड स्किन सेल्स हटाने के लिए

पुराने समय में स्क्रब का चलन नहीं था। महिलाएं पूमिस स्टोन या झांवा पत्थर, ईंट का छोटा टुकड़ा और सूती वस्त्र को लूफा के रूप में उपयोग किया करती थीं। लेकिन शादी के समय दुल्हन और दूल्हे की त्वचा पर जमा डेड सेल्स को हटाने के लिए इनका उपयोग शुभ नहीं माना जाता था।

बेस्ट एक्सफोलिएटर

ऐसे में हल्दी में सरसों तेल मिलाकर बेस्ट एक्स्फोलिएटर तैयार किया जाता था। अरे, अलग से कोई एक्सफोलिएटर नहीं बनता था लेकिन उबटन का मेन इंग्रीडिएंट हल्दी और सरसों तेल ही होते हैं और ये एक शानदार एक्सफोलिएटर की तरह काम करते हैं। लेकिन इनसे स्किन में हल्की जलन होती है, जिससे बचने के लिए दूध, मलाई और गुलाबजल मिलाया जाता है।

दूल्हा-दुल्हन की नजर उतारने के लिए

कुछ लोगों को यह बात जानकर हैरानी हो सकती है, जबकि कुछ लोगों के लिए यह आम बात है। क्योंकि कई जगहों पर हल्दी की रस्म को दूल्हा-दुल्हन की नजर उतारने से जुड़ी रस्म माना जाता है। मान्यता है कि हल्दी लगाने से भावी वर-बधू को हर बुरी नजर से सुरक्षा मिलती है। यह विश्वास भी हल्दी की पवित्रता से ही जुड़ा है।

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