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पोर्नोग्राफी और इरोटिका में क्या अंतर है?

अगर पोर्नोग्राफी और इरोटिका के अंतर को समझा जाए तो यह पता चल पाता है कि इरॉटिका में लोग अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। लेकिन यहां यह सवाल उठता है कि क्या यह दोनों ही चीजें हमें एक ही मकसद तक नहीं ले जातीं?

Authored byकरण | नवभारतटाइम्स.कॉम 10 May 2023, 5:24 pm
हमारे समाज में सेक्स को लेकर ज्यादा बातचीत नहीं होती है। हालांकि आज के समय में लोग सेक्स को लेकर कई बातें करने लगे हैं। बावजूद इसके हमारे समाज में सेक्स पर ज्यादा बातचीत नहीं की जाती। यह हमारे समाज को अलग तो बनाता है लेकिन इससे कई नुकसान भी हैं। क्या आप जानते हैं कि इरॉटिका और पोर्नोग्राफी में क्या अंतर है? अगर नहीं तो आज हम आपको बताएंगे कि आखिर इनमें क्या अंतर है। जैसा कि हमने आपको बताया कि हमारे समाज में इन मुद्दों पर ज्यादा बातचीत नहीं होती है जिसके कारण लोगों को बहुत कुछ नहीं मालूम होता। आइए, जानते हैं कि इरॉटिका और पॉर्नोग्राफी में क्या अंतर होता है।
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इरोटिका वास्तव में क्या है?
  • इरोटिका कोई भी कलात्मक काम है जो कामुक रूप से उत्तेजक या यौन उत्तेजना वाले विषय से काफी हद तक संबंधित है। पेंटिंग, मूर्तिकला, फोटोग्राफी, नाटक, फिल्म, संगीत या साहित्य सहित सभी प्रकार की कला कामुक सामग्री को चित्रित कर सकती है। इरॉटिका को कला का रूप दिया गया है, जो इसे व्यावसायिक पोर्नोग्राफ़ी से अलग करती हैं।
  • दूसरी ओर, पॉर्नोग्राफी को एक रचनात्मक गतिविधि (लेखन, चित्र, फिल्म, आदि) के रूप में वर्णित किया जा सकता है, जिसका यौन इच्छा को प्रोत्साहित करने के अलावा कोई साहित्यिक या कलात्मक मूल्य नहीं है।
पोर्नोग्राफी क्या है ?
  • पोर्नोग्राफी को आप इस तरीके से समझ सकते हैं कि इसे जो दर्शक देखते हैं वह उत्तेजित हो जाते हैं और पोर्नोग्राफी का काम भी यही होता है। पोर्नोग्राफी इसलिए ही की जाती है जिसे देखकर लोग काफी ज्यादा उत्तेजित हो जाए। इसी के साथ ही पोर्नोग्राफी में इंटर कोर्स भी दिखाया जाता है जो इरॉटिका में नहीं दिखाया जाता। पोर्नोग्राफी को देखकर लोग तेजी से काफी ज्यादा उत्तेजित हो जाते हैं, वहीं इरॉटिका में यह उतनी तेजी से नहीं होता।
  • इसके अलावा, पोर्नोग्राफ़ी मुख्य रूप से एक पैसा कमाने वाला उपक्रम है, जो हमेशा इरोटिका के मामले में नहीं होता है। वहीं, पोर्नोग्राफी में महिलाओं को सिर्फ एक यौन वस्तु की तरह ही दिखाया जाता है। लेकिन इरॉटिका में ऐसा कुछ नहीं होता। यहां महिलाओं को अपनी कला दिखाने की पूरी आजादी होती है। पोर्नोग्राफी में दिखाया जाता है कि महिलाएं सिर्फ लोगों की वासना पूरी करती हैं। लेकिन इरॉटिका में महिलाएं अपनी कला से उत्तेजित करती हैं।
अंतर को समझिए अगर पोर्नोग्राफी और इरोटिका के अंतर को समझा जाए तो यह पता चल पाता है कि इरॉटिका में लोग अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। लेकिन यहां यह सवाल उठता है कि क्या यह दोनों ही चीजें हमें एक ही मकसद तक नहीं ले जातीं? तो आपको बता दें कि इरोटिका के पीछे का विचार यौन आनंद और कामुक मिलन की सार्वभौमिक इच्छा का जश्न मनाना है। साथ ही इरॉटिका को लोग बार-बार देख सकते हैं लेकिन पोर्न को लोग ज्यादा से ज्यादा एक या दो बार ही देखते हैं।
लेखक के बारे में
करण
करण बतौर कंटेंट राइटर नवभारत टाइम्स की लाइफस्टाइल टीम से लंबे समय से जुड़े हैं। सेक्सुअल हेल्थ से संबंधित विषयों के बारे में यह अच्छी समझ रखते हैं। इसके साथ ही हेल्थ विशेषज्ञों से बातचीत करके पाठकों तक उनके सवालों के जवाब को आसान भाषा में पहुंचाने का उन्हें बेहतरीन अनुभव है।... और पढ़ें

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