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जिंदगीभर गोल-मोल नहीं होगा आपका बच्‍चा, बस आपको आजमाने होंगे ये 5 आसान तरीके

भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में बच्‍चों में मोटापे का खतरा बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इस वजह से माता-पिता की जिम्‍मेदारी और भी बढ़ गई है कि वो अपने बच्‍चे को कुछ ऐसी आदतें डालें जो उसे ना सिर्फ मोटापे से बचाकर रखे बल्कि इससे होने वाली कई बीमारियों से भी सुरक्षा प्रदान करे।

Authored byपारुल रोहतगी | नवभारतटाइम्स.कॉम 31 Oct 2022, 1:19 pm
गलत या अनहेल्‍दी आहार की वजह से बच्चों में मोटापा अधिक आम होता जा रहा है, लेकिन इसके साथ ही यह समझना भी महत्वपूर्ण हो गया है कि मोटापा दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। फास्‍ट फूड खाने के शौक और जीरो फिजिकल एक्टिविटी की वजह से बच्‍चों में मोटापा या ओबेसिटी का खतरा बढ़ता जा रहा है। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्‍चा कई बीमारियों की जड़ कहलाने वाले मोटापे की चपेट में ना आए तो आप कुछ आसान टिप्‍स से बच्चों को खाने की हेल्‍दी आदतों को सीखने और विकसित करने में उनकी मदद कर सकते हैं ताकि वे आजीवन स्वस्थ वजन का आनंद ले सकें जिसमें सक्रिय, आत्मविश्वासपूर्ण जीवन शैली शामिल हो। हम बच्‍चों को डाइट पर रखने की नहीं कह रहे हैं। कैलोरी कम करने के साथ-साथ गुड या बैड फूड्स के बारे में बताने में आप विफल रहे हैं। अब आप बच्‍चे को हेल्‍दी बिहेवियर सिखाएं और उसे बताएं कि वो किस तरह पौष्टिक विकल्‍प चुन सकता है।
नवभारतटाइम्स.कॉम 5 ways to prevent your child from obesity
जिंदगीभर गोल-मोल नहीं होगा आपका बच्‍चा, बस आपको आजमाने होंगे ये 5 आसान तरीके



हेल्‍दी ईटिंग हैबिट्स डालें

बचपन में मिला पोषण महत्वपूर्ण होता है; बच्चों को कम उम्र में जो सिखाया जाता है, वह आमतौर पर जीवन भर उसका पालन करते हैं। यदि आप ऐसा करते हैं तो उनके स्वस्थ खाने की संभावना अधिक होती है। अपनी रसोई और रेफ्रिजरेटर को पौष्टिक खाद्य पदार्थों जैसे फल और सब्जियां, साबुत अनाज, बीन्स, लीन मीट और पोल्ट्री और डेयरी उत्पाद से भरें जो वसा से रहित होते हैं। आपका बच्चा प्रतिदिन कम से कम दो फल और प्रत्येक भोजन में एक हरी सब्जी का सेवन जरूर करे।

​पानी पिलाना है

हम सभी जानते हैं कि मानव शरीर के लिए पानी कितना महत्वपूर्ण है और बच्चों को इसके बारे में सिखाना बहुत जरूरी है। हर दिन 8 से 10 गिलास पानी पीने की सलाह दी जाती है। इसे बच्चे की दिनचर्या में शामिल करने के लिए, माता-पिता उन्हें एक पानी की बोतल दे सकते हैं और उन्हें निर्देश दे सकते हैं कि उन्हें पूरे दिन में चार बार (पानी की बोतल की क्षमता के आधार पर) पूरी बोतल खाली करनी होगी।

यह उन्हें अपने रूटीन में शामिल करना होगा, लेकिन याद रखें कि इसके लिए उन्‍हें मजबूर न करें क्योंकि इसमें समय लगेगा और आपका बच्चा शुरू में निर्धारित समय के लिए पूरी बोतल नहीं पी सकता है।

फोटो साभार : TOI

​गुड स्‍लीपिंग हैबिट्स

नींद की कमी का असर बच्चे के वजन पर पड़ सकता है। जब आप पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, तो आपके हंगर हार्मोन शिफ्ट हो जाते हैं, जिससे भूख लग सकती है। इसके अलावा, जब आपका बच्चा थका हुआ होता है, तो वह शारीरिक गतिविधि के बारे में उत्साहित नहीं होता है। बच्चों को उनकी उम्र के आधार पर रोज रात 8 से 14 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है। अपने बच्चे के लिए सोने का एक निश्चित समय रखें और उसके कमरे को ठंडा, अंधेरा और इलेक्ट्रॉनिक्स से मुक्त रखें ताकि उसे पर्याप्त नींद मिल सके।

फोटो साभार : TOI

​रोज फिजिकल एक्टिविटी करनी है

फिजिकल एक्टिविटीज को बच्‍चों के रूटीन में शामिल करने में उनकी सहायता करें। शारीरिक गतिविधि आपके बच्चे को मजबूत हड्डियों को विकसित करने, प्रतिरक्षा बढ़ाने और उनके आत्म-सम्मान में सुधार करने में मदद कर सकती है, साथ ही मोटापे को रोकने में भी मदद कर सकती है

टाइम्‍स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक लेख में डॉ अर्चना बत्रा, न्‍यूट्रिशनिस्‍ट, सर्टिफाइड डायबिटीज एजुकेटर और फिजियोथेरेपिस्ट छह साल से कम उम्र के बच्चों को पूरे दिन स्वाभाविक रूप से सक्रिय रहना चाहिए। अपने बच्चों को नियमित रूप से टहलने के लिए ले जाएं, और जब भी संभव हो, आउटडोर गेम्‍स के लिए प्रोत्साहित करने की सलाह देती हैं।

फोटो साभार : TOI

​पोर्शन कंट्रोल

जब बच्चे भूखे होते हैं, तो हो सकता है कि माता-पिता उन्हें अधिक दूध पिला सकते हैं, जो कि गलत होता है। पोर्शन कंट्रोल एक और स्किल है जिसे बच्चों को सिखाया जाना चाहिए क्योंकि यह उनके जीवन भर काम आएगा। आप यह सुनिश्चित करके शुरू कर सकते हैं कि आपका बच्चा तीन बड़े भोजन के बजाय बीच में अंतराल में कम-कम खाए।

यह उन्हें अधिक समय तक भरा हुआ महसूस कराएगा, जिससे उन्हें अधिक खाने से रोका जा सकेगा। उन्हें नाश्‍ते में हेल्‍दी विकल्‍प दें जैसे कि कटे हुए फल या एयर-पॉप्ड पॉपकॉर्न। चिप्स और कुकीज जैसे स्नैक्स के लिए जगह बचाने के लिए उन्हें भोजन छोड़ने न दें।

फोटो साभार : TOI

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लेखक के बारे में
पारुल रोहतगी
पारुल रोहतगी को पत्रकारिता के क्षेत्र में 9 वर्षों से अधिक अनुभव है। इन्‍होंने डिजिटल के साथ-साथ प्रिंट मीडिया में भी काम किया हुआ है। वर्तमान में ये NBT के लाइफस्टाइल फैमिली सेक्शन में बतौर कंसल्टेंट काम कर रही हैं। इन्‍हें अलग-अलग विषयों पर लिखना और अपने लेखों से लोगों को जानकारी देना पसंद है। इन्‍हें हेल्‍थ, एस्‍ट्रोलॉजी, लाइफस्टाइल, टेक आदि सेक्‍शन पर लिखने का अनुभव भी है। खाली समय में इन्‍हें किताबें पढ़ना और नई टेक्नोलॉजी को सीखना पसंद है।... और पढ़ें

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