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क्या आपके बच्चे को भी बात-बात पर गुस्सा आता है?

टरनेट सर्फिंग भले ही आपकी फेवरिट हॉबी हो, लेकिन ध्यान रहे कि इससे आपको हेल्थ प्रॉब्लम भी हो सकती हैं। आज कल बड़ों के साथ-साथ बच्चे भी बहुत ज्यादा समय इंटरनेट पर ही गुजार देते हैं। ऐसे में जरूरत है उनकी कुछ आदतों को रोकने की। इसका नुकसान यह है कि उनमें चिड़चिड़ाहट पैदा होती है और वे बात-बात पर गुस्साने लगते हैं।

नवभारत टाइम्स 18 Dec 2016, 9:28 am
इंटरनेट सर्फिंग भले ही आपकी फेवरिट हॉबी हो, लेकिन ध्यान रहे कि इससे आपको हेल्थ प्रॉब्लम भी हो सकती हैं। आज कल बड़ों के साथ-साथ बच्चे भी बहुत ज्यादा समय इंटरनेट पर ही गुजार देते हैं। ऐसे में जरूरत है उनकी कुछ आदतों को रोकने की। इसका नुकसान यह है कि उनमें चिड़चिड़ाहट पैदा होती है और वे बात-बात पर गुस्साने लगते हैं। दरअसल, तेज सिरदर्द, आंखें लाल होना, आंखों में ड्राईनेस, गर्दन, पीठ और कंधे में लगातार दर्द जैसी प्रॉब्लम्स कंप्यूटर और लैपटॉप जैसी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स पर लगातार काम करने से पैदा हो रही हैं।
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क्या आपके बच्चे को भी बात-बात पर गुस्सा आता है?


एक्सपर्ट्स की अगर मानें, तो कंप्यूटर की स्क्रीन पर लगातार आंखें टिकाए रखने से आंखों में ड्राई आई सिंड्रोम नामक बीमारी भी हो जाती है। अक्सर लोग सोचते हैं कि यह टेंशन, माइग्रेन या वर्क लोड की वजह से है, लेकिन इसकी असली प्रॉब्लम कंप्यूटर विजन सिंड्रोम (सीवीएस) है। खास बात यह है कि यह प्रॉब्लम हर साल 6 से 7 फीसदी बढ़ रही है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की एक स्टडी पर गौर करें, तो 70 प्रतिशत से ज्यादा कंप्यूटर यूजर्स को खास चश्मे की जरूरत पड़ती है।

बात- बात पर आता है गुस्सा
अगर आप लगातार मोबाइल के की- बोर्ड पर अपनी उंगलियां दौड़ाते रहते हैं, तो आप जाने-अनजाने 'कार्पल टनल सिंड्रोम' नामक बीमारी से घिर जाते हैं। भले ही मैसेजिंग आपको दूसरों से कनेक्ट रखती है, लेकिन ये आपकी आंखों के साथ-साथ उंगलियों और कलाइयों को भी बेहद नुकसान पहुंचाती है। मोबाइल पर गेम खेलते वक्त या एसएमएस करते समय लोग अंगूठे का यूज ज्यादा करते हैं। अंगूठे पर बार- बार प्रेशर पड़ने से नसों में खिंचाव बना रहता है। हाथों में सुन्नपन, चीजों को पकड़ने में कमजोरी और हाथ को कंधे तक उठाने में दर्द भी इसी की वजह से होता है। हॉलैंड की एक यूनिवर्सिटी में 200 लोगों पर की गई एक रिसर्च के बाद यह पता चला। मोबाइल के ज्यादा यूज से कई बार लोग बहुत चिड़चिड़े हो जाते हैं। कई बार तो कोई सिचुएशन रिएक्ट करने वाली नहीं होती है, तो भी वे उस पर रिएक्ट कर जाते हैं। डॉक्टर्स ऐसा होने की वजह मोबाइल का बहुत ज्यादा यूज करना मानते हैं।

मोबाइल और कंप्यूटर है इसकी सबसे बड़ी वजह
एक हालिया रिसर्च की मानें, तो मोबाइल पर घंटों बातें करना भी आपको अग्रेसिवव बनाता है। वहीं, अगर आप घंटों कंप्यूटर के आगे बैठे रहते हैं, तो आपको हेल्थ से जुड़ी तमाम प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ सकता है।

पेट में हो जाएगा इंफेक्शन
एक रिसर्च से पता चला है कि मोबाइल फोन में टॉयलेट के फ्लश हैंडल से औसतन 18 गुना ज्यादा हानिकारक बैक्टीरिया होते हैं। न्यूजपेपर डेली मेल के अनुसार, जांच में पाया गया है कि फोन पर खतरनाक बैक्टीरिया होते हैं। इनकी वजह से फोन धारकों को पेट में गंभीर बीमारी होने की आशंका ज्यादा रहती हैं। रिपोर्ट में पाया गया कि ब्रिटेन में इस्तेमाल किए जा रहे 6.3 करोड़ मोबाइल फोन में से 1.47 करोड़ यूजर्स को हेल्थ संबंधी प्रॉब्लम पाई गई। रिसर्च की मानें, तो यह डाइजेस्ट सिस्टम पर भी असर डालता है।

घंटों न लें आंखों से काम
इस रिसर्च को करने वाले हेल्थ एक्सपर्ट जिम फ्रांसिज ने बताया कि जब आप अपनी आंखों की क्षमता से ज्यादा काम करते हैं, तो विडियो डिस्प्ले टर्मिनल (वीडीटी) होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। घंटों कंप्यूटर स्क्रीन पर आंखें टिकाए रखना हमारी आंखों के लिए अननैचरल सिचुएशन होती है। हमारी आंखें और ब्रेन प्रिंटेट चीजों को जिस तरह से देखते हैं, उसकी तुलना में स्क्रीन पर देखने से ये अलग रिस्पॉन्स देती हैं, जिस वजह से सीवीसी होता है।

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