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देसी मांओं के इन डायलॉग्‍स से परेशान हो गए हैं बच्‍चे, बेटियों की तो डबल है मुसीबत

दुनिया चाहे कितनी भी क्यों न बदल जाए, लेकिन देसी मां की बातें, ताने, दुलार और लाड़-प्यार में कभी कमी या बदलाव नहीं आता। जबकि हम सभी जानते हैं कि मांओं के कुछ ऐसे डायलॉग या बातें होती हैं जो बच्चों को परेशान कर देती हैं। यहां हम आपको कुछ ऐसे ही डायलॉग्‍स के बारे में बता रहे हैं, जो अक्‍सर आपकी मां ने आपसे बोला होगा।

नवभारतटाइम्स.कॉम 11 Mar 2022, 2:55 pm
हम सभी लोग देसी परिवारों में पले-बढ़े हैं। अक्‍सर देखा गया है कि बच्‍चे अपने परिवार में मां के ज्यादा करीब होते हैं। आपने नोटिस किया होगा कि हमारी मांओं की काफी आदतें एक-दूसरे से मिलती जुलती हैं और उनकी बातें भी। देसी मांओं की अपनी अलग ही खासियत होती है। उनकी बातें, उनके ताने, उनका दुलार और उनकी सलाह भले ही खराब लगे, लेकिन दूर रहने पर इन्‍हीं चीजों की बड़ी याद आती है।
नवभारतटाइम्स.कॉम favourite dialogues of indian or desi moms which irritates children
देसी मांओं के इन डायलॉग्‍स से परेशान हो गए हैं बच्‍चे, बेटियों की तो डबल है मुसीबत


देसी मां दुनिया में कहीं भी रहे, उनका देसीपन कभी नहीं जाता। हर मां लगभग एक जैसी ही बात करती है। हो सकता है भाषा और कहने का तरीका अलग हो, लेकिन मकसद एक ही रहता है। अपने बच्चे की खाने-पीने की आदतों से लेकर उनके दोस्तों और फोन तक पर मां टोकती है। यहां हम आपको मांओं के कुछ ऐसे डायलॉग बता रहे हैं, जो शायद आपने भी अपनी जिंदगी में कभी न कभी तो जरूर ही सुने होंगे।

रोटी गोल नहीं होगी, तो शादी कैसे होगी

हर देसी मां का ये डायलॉग बड़ा ही फेमस है पर क्या सच में शादी के लिए हर लड़की को गोल रोटी बनाना आना जरूरी है। शादियों में गोल रोटियों के अलावा और भी बहुत सी चीजें हैं, जो मायने रखती हैं।

​कितना खाएगी

हर मां को अपने बच्ची की फ्रिक होती है। वह चाहती है कि उनकी बेटी हमेशा फिट दिखे। कम खाने पर टोकती हैं कि कितनी दुबली हो गई है और अगर ज्यादा खाया, तो ताने मारने से नहीं चूकती और कहती हैं कि कितना खाएगी। तो ऐसे में लड़की करे भी तो क्या।

फोटो साभार : TOI

​लोग क्या कहेंगे

पूरी दुनिया और लोगों का भार जैसे मां के ऊपर होता है। उन्हें पूरी दुनिया की फ्रिक रहती है। सबसे ज्यादा उन्हें इस बात की चिंता सताती है कि लोग क्या कहेंगे। एक पल तो कहती हैं कि दुनिया तो कहती रहेगी, उनका काम है कहना और दूसरे ही पल लोग क्या कहेंगे वाली फीलिंग आने लगती है। अब समय आ गया है कि आप अपनी लाडली की खुशियों के बारे में सोचें, न कि पड़ोसन क्या कहेगी यह सोचने में समय बर्बाद करें।

फोटो साभार : TOI

​जब हम मर जाएंगे, तब याद करोगे

हममें से न जाने कितने बच्चे मां का ये डायलॉग सुन चुके होंगे। ये डायलॉग इमोशनल ब्लैकमेलिंग से ज्यादा और कुछ नहीं है। अब कोई इनसे पूछे कि मां को याद करने के लिए इन्हें मरना क्यों हैं।

फोटो साभार : TOI

​जब तुम्हारे बच्चे होंगे, तब पता चलेगा

अब ये डायलॉग तो हर देसी मां का फेवरेट है। अगर बच्चा उनके प्यार की कद्र नहीं करता, तो हर मां ऐसा कहती है कि तुम्हारे बच्चे होंगे, तब पता चलेगा। अब कोई इन माओं से पूछे कि जिम्मेदारी, स्नेह और प्यार कैसा लगता है, यह जानने के लिए क्या वास्तव में बच्चे पैदा करना जरूरी है।

फोटो साभार : TOI

​जो बोलती हूं, तुम्हारे भले के लिए ही बोलती हूं

बच्चे जानते हैं कि मां अपने बच्चों से बहुत प्यार करती हैं, उनकी परवाह करती हैं, लेकिन अब समय बदल गया है और बच्चे भी। वे आपके भीतर की चिंताओं को समझते हैं, लेकिन कहीं उनकी भलाई का विचार उनकी स्वतंत्रता पर हावी न हो जाए, इससे वे डरते हैं। इसलिए अब ऐसा कहना छोड़ दीजिए।

फोटो साभार : TOI

​ज्यादा बड़ी हो गई हो अब तुम

पहले तो मां चाहती है कि बेटी बड़ी हो जाए, गोल रोटियां बनाएं, घर के काम सीखे, लेकिन फिर जब वह यह सब करने लगे, तो उम्मीद करती है कि वह अपनी राय न रखे और पारिवारिक मुद्दों पर कुछ बोले नहीं। आपको समझना होगा कि आपकी बेटी अब बड़ी हो गई है और उसे अपनी बात रखने का पूरा हक है। इसलिए बार-बार यह बात कह कर कि 'ज्यादा बड़ी हो गई हो तुम' उसे शर्मिंदा न करें।

फोटो साभार : TOI

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