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कोरोना की वजह से घर पर ही डिलीवरी पसंद कर रही हैं महिलाएं, जानिए Home Birth के फायदे और नुकसान

पहले के जमाने पर घर पर ही डिलीवरी करवाई जाती थी और अब कोरोना के समय में भी होम बर्थ की मांग और जरूरत बढ़ गई है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 3 Mar 2021, 2:58 pm
कोरोना का कहर अभी पूरी तरह से खत्‍म नहीं हुआ है और नवजात शिशु और गर्भवती महिलाओं के लिए तो यह दो गुना खतरनाक है। इस महामारी के दौर में अस्‍पताल जाकर डिलीवरी करवाने में डर लगना स्‍वाभाविक है। फिलहाल तो कोरोना के लिए कोई टेस्‍ट और सावधानी भी नहीं बरती जा रही है।
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कोरोना की वजह से घर पर ही डिलीवरी पसंद कर रही हैं महिलाएं, जानिए Home Birth के फायदे और नुकसान

अस्‍पताल में अगर कोविड-19 के सभी नियमों का पालन किया भी जा रहा हो, तो भी इस बात की क्‍या गारंटी है कि घर से अस्‍पताल जाते समय या डॉक्‍टर या नर्स के आसपास रहने पर बच्‍चे या मां को कोरोना नहीं होगा।
ऐसे में घर पर डिलीवरी करवाने का ख्‍याल भी महिलाओं के मन में आने लगा है। पहले के समय में भी अस्‍पतालों की बजाय घर पर ही डिलीवरी करवाई जाती थी और अब इस महामारी में भी होम बर्थ के बारे में सोचा जा रहा है।


​क्‍या है होम बर्थ

होम बर्थ के लिए आपको डिलीवरी से काफी दिनों पहले ही फैसला लेना होता है। डॉक्‍टर, नर्स या दाई की निगरानी में घर पर प्रसव करवाया जाता है। होम बर्थ का निर्णय लेने से पहले डॉक्‍टर चेक करते हैं कि डिलीवरी के समय कोई दिक्‍कत आने की संभावना तो नहीं है, इसके जोखिम कारक, लाभ और होम बर्थ से जुड़ी अन्‍य चीजों पर गौर किया जाता है।

​कोरोना में होम बर्थ

यूएस निओनेटल सर्व पर आधारित एक स्‍टडी के मुताबिक समय पर रिपोर्ट ना आने की वजह से मां को बच्‍चे से दूर रखने के समय में इजाफा हो रहा था। इसमें शिशु को जन्‍म के तुरंत बाद मां का दूध नहीं मिल पा रहा है और स्किन-टू-स्किन कॉन्‍टैक्‍ट भी नहीं हो पा रहा था। इसकी वजह से नवजात शिशु का इम्‍यून सिस्‍टम कमजोर हो रहा है। ऐसे में घर पर डिलीवरी करवाने पर मां के संक्रमित होने का खतरा भी नहीं रहता और मां डिलीवरी के बाद शिशु को दूध भी पिला सकती है।
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​घर पर डिलीवरी करवाने के फायदे

घर पर डिलीवरी करवाने को लेकर डॉक्‍टरों के बीच कभी भी एक राय नहीं रही है। हालांकि, इसके कुछ लाभ इस प्रकार हैं :

  • वजाइनल टियर, डिलीवरी के बाद खून बहने और इंस्‍ट्रुयूमेंटल वजाइनल बर्थ जैसी स्थितियों के कारण मां की सेहत को नुकसान पहुंचने से बचाव मिलता है।
  • घर पर प्रसव होने पर महिला को ज्‍यादा आराम और सहूलियत रहती है।
  • मेडिकल उपकरणों के कम इस्‍तेमाल की वजह से शिशु की मृत्‍यु का खतरा कम रहता है।
  • डिलीवरी के समय नर्स या दाई का पूरा ध्‍यान मां और बच्‍चे पर होता है।

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​कब करवा सकती हैं होम बर्थ

जिन महिलाओं की प्रेग्‍नेंसी में कोई दिक्‍कत आने का खतरा ना हो, उन्‍हें डॉक्‍टर घर पर दाई, नर्स या गायनेकोलोजिस्‍ट की देखरेख में डिलीवरी करवाने की सलाह दे सकते हैं। हालांकि, जिन महिलाओं को जेस्‍टेशनल डायबिटीज, प्रीक्‍लैंप्‍सिया, एनीमिया, इंफेक्‍शन और पेट में बच्‍चा उल्‍टा होने का खतरा रहता है, उन्‍हें अस्‍पताल में ही डिलीवरी करवाने की सलाह दी जाती है।

यदि ये महिलाएं घर पर डिलीवरी करवाती हैं तो मेडिकल सहायता और उपकरणों की कमी की वजह से मां और बच्‍चे की जान को खतरा हो सकता है।

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