पंचामृत बनाने की सामग्री
गर्भवती महिलाओं के लिए पंचामृत बनाने के लिए आपको चाहिए एक चम्मच चीनी, एक चम्मच दही, एक चम्मच शहद, पांच चम्मच गाय का दूध, आधा चम्मच घी और केसर के दो से तीन धागे।
पंचामृत बनाने की विधि
पंचामृत बनाने के लिए सभी सामग्री यानी चीनी, दही, चम्मच, शहद और दूध को अच्छी तरह मिला लें। इसमें थोड़ा सा घी और केसर डालकर अच्छी तरह मिला लें। पंचामृत तैयार है।
पंचामृत गर्भवती महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद है, खासकर पहली तिमाही में गर्भवती महिलाओं को इसे जरूर खाना चाहिए। गर्भावस्था में इसे खाने से महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे को असंख्य फायदे मिलते हैं।
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पंचामृत लेने के फायदे
एसिडिटी और थकान से दूर करता है। गर्भावस्था की पहली तिमाही में महिला को एसिडिटी की काफी समस्या होती है। शारीरिक बदलाव के कारण वह काफी थकान भी महसूस करती है। पंचामृत लेने से यह दोनों ही समस्याएं कम हो जाती हैं।
पंचामृत एक बेहतरीन इम्युनिटी बूस्टर है। इसका मतलब है कि पंचामृत का सेवन कर गर्भवती महिला अपने रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और अपने आपको मजबूत बनाती है। यह बच्चे और मां दोनों के लिए सही है।
पंचामृत का सेवन गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु के रंग को गोरा बनाता है। आयुर्वेद के अनुसर पंचामृत कांति प्रदान करता है। कांति यानी शरीर के रंग को गोरा करता है।
मानसिक और शारीरिक लाभ
यह भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने में भी मदद करता है। गर्भवती महिला को शुरुआती दिनों में खुद को मानसिक और भावनात्मक रूप से स्थिर रखने की काफी आवश्यकता होती है। ऐसे में पंचामृत उनके लिए अच्छा विकल्प हो सकता है।
आयुर्वेद के अनुसार पंचामृत गर्भधारण करने से पहले भी काफी कारगर साबित होता है, क्योंकि यह प्रजनन अंगों को बेहतर करता है।
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प्रेग्नेंसी में दूध-दही के फायदे
दूध - आयुर्वेद के मुताबिक पंचामृत में गाय के दूध का उपयोग किया जाता है। गाय का दूध कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह आसानी से पच जाता है, प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है, शरीर तथा मस्तिष्क को नाॅरिश करता है।
इसके अलावा यह हड्डियों तथा मांसपेशियों को भी प्रदान करता है। इसमें कैल्शियम, विटामिन डी और विटामिन बी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। पंचामृत बनाने के लिए टोन्ड दूध या स्किम्ड दूध का उपयोग न करें।
दही - यह प्रोबोयोटिक है। इसमें आवश्यक अमीनो एसिड पाया जाता है। कहा जाता है कि यह खाना पचने में मदद करता है। वैसे भी गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में महिलाओं को पाचन संबंधी समस्या काफी ज्यादा होती है।
यह शरीर को मजबूती देता है और मांसपेशियों को नाॅरिश करता है। आयुर्वेद के अनुसार दही को शुभ माना जाता है।
गर्भावस्था में घी और शहद के लाभ
आयुर्वेद के अनुसार गाय के दूध से बने घी का उपयोग करना चाहिए। घी याद्दाश्त मजबूत करता है, आध्यात्मिक क्षमता को बेहतर करता है।
इसके अलावा घी पाचन तंत्र को बेहतर करता है। दुग्ध से बने सभी उत्पादों में आयुर्वेद में घी को सबसे उच्चतम माना जाता है। यह भावनात्मक संतुलन बनाए रखने में मददगार है।
शहद इम्युनिटी को बेहतर करने में मदद करता है। चीनी एनर्जी प्रदान करता है। प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में महिला में एनर्जी की काफी कमी होती है। इसके अलावा चीनी का सेवन करने से त्वचा का रुखापन भी कम होता है।
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