अध्ययनों की मानें तो पहले जहां बच्चों को यह वायरस कम प्रभावित कर रहा था या उनमें लक्षण नहीं दिख रहे थे, वहीं अब कोरोना की दूसरी लहर बच्चों में लक्षण भी पैदा कर रही है और बच्चों में इसके मामले भी बढ़े हैं।
अब बच्चों पर भी मंडरा रहा है खतरा
भले ही पॉजीटिव आने के बाद बच्चों में कम लक्षण दिखें और वो जल्दी रिकवर कर जाएं लेकिन फिर भी इस वायरस से गुजरना बच्चे और उसके परिवार के लिए मुश्किल होता है। बच्चे के कोरोना पॉजीटिव आने पर, उसे घर में एक अकेले कमरे में आइसोलेट करना बहुत कठिन होता है। समय पर लक्षणों की पहचान कर सही इलाज से परिस्थिति को कंट्रोल किया जा सकता है।
दुर्भाग्यवश, अगर आपके बच्चे को कोरोना हो गया है, तो आप यहां बताए गए कुछ तरीकों से बच्चे को संभाल सकते हैं।
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लक्षणों पर तुरंत दें ध्यान
आंकड़ों की मानें तो 1 से 5 साल के बच्चे इस महामारी के दौर से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। डॉक्टरों की मानें तो इस समय बच्चों में सबसे आम लक्षणों और संकेतों में कफ जमना, खांसी, बुखार, सिरदर्द और बदन दर्द शामिल है। बच्चे में इस तरह के लक्षण दिखने पर पेरेंट्स इसे फ्लू या वायरल इंफेक्शन भी समझ बैठते हैं। लेकिन इस समय अगर दो दिन से ज्यादा समय तक यह लक्षण बने रहें, तो बच्चे का कोविड टेस्ट जरूर करवा लें।
कुछ बच्चों में पेट खराब होने और दस्त जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं।
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बच्चों को कैसे करें आइसोलेट
बड़े बच्चे और टीएनजर्स अकेले कमरे में क्वारंटीन हो सकते हैं लेकिन छोटे बच्चों को अकेले रहने में डर लगता है। छोटे बच्चे अकेले खुद को नहीं संभाल सकते हैं इसलिए उन्हें एक कमरे में अकेले नहीं छोड़ना सही नहीं होता है।
अगर सिर्फ आपका बच्चा पॉजीटिव है, तो आप उससे कुछ दूरी बनाकर रखें ताकि इंफेक्शन न फैले। अगर एक ही कमरे में हैं तो वेंटिलेशन का ध्यान रखें और कमरा हवादार होना चाहिए। संक्रमण फैलने से बचने के लिए आप डबल मास्क भी लगा सकते हैं।
हालांकि, संक्रमित बच्चे को दादा-दादी और घर में मौजूद किसी बीमार व्यक्ति से दूर ही रखें।
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कैसे करें बच्चे को शांत
कोरोना वायरस बड़ों को ही मानसिक रूप से झकझोर रहा है, तो फिर बच्चों के बारे में क्या ही कहा जाए। दोस्तों से दूर रहना और कमरे में अकेले रहना और किसी चीज को छूने से मनाही होने पर बच्चा डर जाता है। डर और तनाव के कारण उसे रात में बुरे सपने भी आ सकते हैं।
ऐसे में आप जल्दी रिकवर करने के लिए अपने बच्चे की मदद करें। इसके लिए कमरे और घर का वातावरण शांत और आरामदायक रखें और उसके आसपास उसकी पसंद के खिलौने, किताबें और प्ले सेट रखें। बच्चे को इंफेक्शन के बारे में बताएं और नेगेटिव शब्दों का इस्तेमाल न करें।