सभी की जिंदगी में एक ऐसा मुकाम आता है, जब शादी के बाद लगने लगता है कि केवल हमारी ही शादी नहीं बल्कि हमसे जुड़ी सारी चीजें भी बदल चुकी हैं। सोशल मीडिया पर प्री वेडिंग शूट, शादी की फोटोज हनीमून की फोटोज और सब कुछ केवल शादी से जुड़ा। खैर जिन लोगों को अपनी पसंद का जीवनसाथी मिल जाता है, उनके लिए तो ये सब अच्छा है। मगर वे लोग जिनको इन सब सामाजिक रीति-रिवाजों से गुजरने के बाद भी अच्छा जीवनसाथी नहीं मिल पाता है उनके लिए यह सब किसी बोझ से कम नहीं होता है। जरूरी नहीं है कि आप शादी करके ही अपने जीवन को खुशनुमा बना सकती हैं। शादी के बिना भी आप खुश रह सकते हैं। हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसी बातें जो आपको केवल अपने बारे में सोचनी चाहिए न कि शादी के बारे में...
शादी जिंदगी का हिस्सा है जिंदगी नहीं
हममें से अधिकांश लोग सोचते हैं जिंदगी का मकसद शादी करके घर बसाना और बच्चे पैदा करना है। जैसे ही हम किसी अच्छे दोस्त या फिर अच्छे साथी के बारे में सोचना शुरू करते हैं वैसे ही हमारा समाज हमें याद दिलाने लगता है कि अब शादी करने का सही समय आ गया है।
अपने सपनों के बारे में सोचें
शादी के बारे में हमेशा सोचने से अच्छा है कि अपने सपनों के बारे में सोचें जो आपने बचपन से देखें हैं अपने करियर को लेकर। अपनी जिंदगी को जीना शुरू कीजिए। दावा है कि आपको कहीं ज्यादा सुकून मिलेगा।
आपका पति और शादी ही केवल आपकी पहचान नहीं
अगर आप सोचती हैं कि किसी की वाइफ कहलाने से ही आपको समाज में इज्जत और सुरक्षा मिलेगी तो आप गलत सोच रही हैं। शादी आपके जीवन में सिर्फ कुछ आयाम जोड़ती है। समाज में आपको सम्मान खुद से बनाना पड़ता है।
उम्र नंबर के अलावा और कुछ नहीं
एक लड़की को अपनी ट्वेंटीज में शादी कर लेनी चाहिए और 30 साल से पहले-पहले बच्चे पैदा कर लेने चाहिए तभी आपकी जिंदगी पूर्ण मानी जाएगी, ऐसा सोचना एकदम गलत है। किसी के साथ शादी के बंधन में तभी बंधना चाहिए जब आप उसके साथ पूरा जीवन बिताने को लेकर आश्वस्त हों।
सोचिए कि आपको क्या चाहिए
सब लोग केवल शादी के बारे में ही बात करते हैं। ऐसा नहीं है कि शादी के बिना जिंदगी ही नहीं है। आप अपनी शादी के बारे में फैसला तभी लीजिए जब आप खुद से संतुष्ट हों।
सच्चा रिश्ता सच्चा रिश्ता केवल शादी कर लेने भर से नहीं बन जाता, बल्कि सच्चे रिश्ते के लिए सबसे जरूरी है कमिट्मेंट। शादी करना आसान है, लेकिन शादी के बाद रिश्ता निभा पाना उतना ही मुश्किल है।
शादी जिंदगी का हिस्सा है जिंदगी नहीं
हममें से अधिकांश लोग सोचते हैं जिंदगी का मकसद शादी करके घर बसाना और बच्चे पैदा करना है। जैसे ही हम किसी अच्छे दोस्त या फिर अच्छे साथी के बारे में सोचना शुरू करते हैं वैसे ही हमारा समाज हमें याद दिलाने लगता है कि अब शादी करने का सही समय आ गया है।
अपने सपनों के बारे में सोचें
शादी के बारे में हमेशा सोचने से अच्छा है कि अपने सपनों के बारे में सोचें जो आपने बचपन से देखें हैं अपने करियर को लेकर। अपनी जिंदगी को जीना शुरू कीजिए। दावा है कि आपको कहीं ज्यादा सुकून मिलेगा।
आपका पति और शादी ही केवल आपकी पहचान नहीं
अगर आप सोचती हैं कि किसी की वाइफ कहलाने से ही आपको समाज में इज्जत और सुरक्षा मिलेगी तो आप गलत सोच रही हैं। शादी आपके जीवन में सिर्फ कुछ आयाम जोड़ती है। समाज में आपको सम्मान खुद से बनाना पड़ता है।
उम्र नंबर के अलावा और कुछ नहीं
एक लड़की को अपनी ट्वेंटीज में शादी कर लेनी चाहिए और 30 साल से पहले-पहले बच्चे पैदा कर लेने चाहिए तभी आपकी जिंदगी पूर्ण मानी जाएगी, ऐसा सोचना एकदम गलत है। किसी के साथ शादी के बंधन में तभी बंधना चाहिए जब आप उसके साथ पूरा जीवन बिताने को लेकर आश्वस्त हों।
सोचिए कि आपको क्या चाहिए
सब लोग केवल शादी के बारे में ही बात करते हैं। ऐसा नहीं है कि शादी के बिना जिंदगी ही नहीं है। आप अपनी शादी के बारे में फैसला तभी लीजिए जब आप खुद से संतुष्ट हों।
सच्चा रिश्ता सच्चा रिश्ता केवल शादी कर लेने भर से नहीं बन जाता, बल्कि सच्चे रिश्ते के लिए सबसे जरूरी है कमिट्मेंट। शादी करना आसान है, लेकिन शादी के बाद रिश्ता निभा पाना उतना ही मुश्किल है।