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स्‍तनपान के सिर्फ फायदे ही नहीं बल्कि नुकसान भी हैं

स्‍तनपान को मां और शिशु दोनों के लिए फायदेमंद माना जाता है। हालांकि, स्‍तनपान करवाना मां के लिए बहुत मुश्किल होता है। डिलीवरी के बाद पहले कुछ हफ्तों में शिशु को दूध पिलाना बहुत मुश्किल होता है। स्‍तनपान करवाने के फायदे और नुकसान दोनों ही होते हैं और इस आर्टिकल में हम आपको स्‍तनपान करवाने से महिलाओं को होने वाले नुकसान के बारे में बता रहे हैं।

नवभारतटाइम्स.कॉम 5 Aug 2020, 2:32 pm
स्‍तनपान को मां और शिशु दोनों के लिए फायदेमंद माना जाता है। हालांकि, स्‍तनपान करवाना मां के लिए बहुत मुश्किल होता है। डिलीवरी के बाद पहले कुछ हफ्तों में शिशु को दूध पिलाना बहुत मुश्किल होता है। स्‍तनपान करवाने के फायदे और नुकसान दोनों ही होते हैं और इस आर्टिकल में हम आपको स्‍तनपान करवाने से महिलाओं को होने वाले नुकसान के बारे में बता रहे हैं।
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स्‍तनपान के सिर्फ फायदे ही नहीं बल्कि नुकसान भी हैं



​दर्द और पीरियड के साथ एडजस्‍ट करना

ब्रेस्‍टफीडिंग के शुरुआती हफ्ते अक्‍सर सबसे ज्‍यादा मुश्किल होते हैं। कुछ महिलाओं के स्‍तनों में दूध भी कम आता है जिससे शिशु को दूध पिलाने में दिक्‍कत होती है। इसके अलावा निप्‍पल में दर्द या क्रैक भी अन्‍य समस्‍या है। कुछ महिलाओं को गंभीर ब्रेस्‍ट इंफेक्‍शन जैसे कि मैस्‍टिटिस का खतरा रहता है।

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शुरुआत में महिलाओं को शिशु को दूध पिलाना सीखना पड़ता है जिसकी वजह से नींद पूरी नहीं हो पाती है और शिशु की देखभाल भी करनी पड़ती है। वहीं, डिलीवरी के बाद रिकवर भी करना होता है जिसकी वजह से थकान और डिलीवरी के बाद होने वाली समस्‍याएं स्‍तनपान को और ज्‍यादा मुश्किल बना सकती हैं।

​निप्‍पल टाइट होना

निप्‍पलों पर नसें होती हैं और इसकी स्किन बहुत ज्‍यादा संवेदनशील हेती है। शिशु के निप्‍पल से दूध खींचने की वजह से निप्‍पल सख्‍त हो सकते हैं।

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​बॉडी ऑटोनोमी

स्‍तनपान के जरिए मां और शिशु के बीच गहरा संबंध बनता है। लेकिन स्‍तनपान की वजह से महिलाओं के शरीर या स्‍तनों की बनावट खराब हो सकती है। इसका असर महिलाओं की सेक्‍स लाइफ, बॉडी इमेज और आत्‍म सम्‍मान में भी कमी आती है। ब्रेस्‍ट मिल्‍क पंप करने में भी कुछ महिलाओं को असहज महसूस हो सकता है।

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​कब तक करवाना चाहिए स्‍तनपान

अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्‍स के अनुसार, शिशु को दूध पिलाने की कोई समय सीमा नहीं है।

इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि ज्‍यादा समय तक दूध पिलाना नुकसानदायक होता है या नहीं। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्‍स का मानना है कि शिशु के जन्‍म के बाद पहले छह महीने दूध पिलाना जरूरी होता है। इसके बाद आप दूध के साथ उसे ठोस आहार, जूस देना शुरू कर सकती हैं।

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