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इस तरह से करेंगे बच्‍चे की परवरिश तो ना फूलेगी सांस और ना ही रहेगी टेंशन, इंटरनेट पर खूब पॉपुलर हो रहा है ये स्‍टाइल

बच्‍चों की परवरिश में मां-बाप को दिनभर भागना पड़ता है। कभी कुछ उसे खिलाने के लिए तो कभी उसे पढ़ाने के लिए। पैरेंटिंग को आप 24 घंटे की जॉब भी कह सकते हैं। बच्‍चों की परवरिश में एक नया पैरेंटिंग स्‍टाइल भी जुड़ गया है जिसे सिटरवाइजिंग कहा जा रहा है।

Authored byपारुल रोहतगी | नवभारतटाइम्स.कॉम 10 Oct 2022, 8:30 am
पैरेंटिंग काफी चुनौतीपूर्ण है, खासतौर पर न्‍यू या पहली बार पैरेंट्स बनने वाले कपल्‍स के लिए। हाल ही में पैरेंटिंग का एक नया ट्रेंड शुरू हुआ है जिसे लोग सिटरवाइजिंग का नाम दे रहे हैं। आजकल इंटरनेट पर यह पैरेंटिंग स्‍टाइल काफी पॉपुलर हो रहा है क्‍योंकि इससे पैरेंट्स को अपने बच्‍चों के साथ बॉन्‍ड बनाने में मदद मिलती है। सिटरवाइजिंग का प्रमुख लक्ष्‍य है कि बच्‍चे अपने पैरेंट्स के साथ हैंगआउट करें और पैरेंट्स अपने बच्‍चों को सुपरवाइज करें।
नवभारतटाइम्स.कॉम sittervising parenting way is popular now
इस तरह से करेंगे बच्‍चे की परवरिश तो ना फूलेगी सांस और ना ही रहेगी टेंशन, इंटरनेट पर खूब पॉपुलर हो रहा है ये स्‍टाइल


क्‍यों अलग है सिटरवाइजिंग

आजकल कई पैरेंट्स अपने पैरेंटिंग स्‍टाइल में सिटरवाइजिंग को शामिल कर रहे हैं। वे बच्चों के चारों ओर मंडराने के बजाय उन्‍हें बैठकर देखने की कोशिश कर रहे हैं। वो अपने बच्‍चों को सेंटरस्‍टेज देकर, उन्‍हें देखते हैं और उन्‍हें दूर से ही सही दिशा बताते हैं।

आमतौर पर पैरेंट्स यही करते हैं कि हर काम करवाने के लिए अपने बच्‍चे के आगे-पीछे घूमते रहते हैं लेकिन सिटर वाइजिंग में ऐसा नहीं है। इसमें माता-पिता बच्‍चे के पीछे-पीछे भागने के बजाय एक जगह बैठकर उस पर नजर रखते हैं। अगर आप भी पैरेंट्स हैं तो आपको भी इस नए पॉपुलर पैरेंटिंग स्‍टाइल के बारे में पता होना चाहिए।

फोटो साभार : TOI

​ब्रिज है सिटरवाइजिंग

सिटरवाइजिंग को आप हेलिकॉप्‍टर और फ्री रेंज पैरेंटिंग के बीच का ब्रिज कह सकते हैं। सिटरवाइजिंग में बच्‍चे खेलते हैं जबकि पैरेंट्स एक जगह बैठकर उनकी एक्टिविटी में बिना कोई दखल दिए उन्‍हें मॉनिटर करते हैं।

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हेल्‍दी और सेफ बॉन्‍ड बनाएं

इसका ये मतलब नहीं है कि खेल के दौरान माता-पिता अपने बच्‍चों को ज्‍वॉइन नहीं कर सकते हैं। कई रिसर्च में यह साबित हुआ है कि एकसाथ खेलने से पैरेंट्स और बच्‍चों के बीच हेल्‍दी और सेफ बॉन्‍ड बनता है।

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​क्‍या है फायदा

सिटरवाइजिंग माता-पिता के लिए बच्चों को खुद खेलने देने का एक अवसर है क्योंकि इससे उन्हें अन्य आवश्यक स्किल्‍स को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी जो उन्हें अपने बचपन में सीखनी चाहिए। सिटरवाइजिंग के जरिए बच्चे कम्‍यूनिकेशन, सहानुभूति, प्रॉब्‍लम सॉल्विंग और महत्वपूर्ण सोच सीखते हैं, जो उनके संपूर्ण विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।

फोटो साभार : TOI

​पैरेंट्स को क्‍या है फायदा

सिटरवाइजिंग से पैरेंट्स अपने बच्‍चों की हॉबी में साथ आते हैं और उनके साथ कुछ समय भी बिता पाते हैं। बच्‍चों को मॉनिटर करते समय पैरेंट्स अपने काम भी कर पाते हैं।

फोटो साभार : TOI

​क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट

टाइम्‍स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक लेख में डॉक्‍टर जेसल शेठ सीनियर कंसल्‍टेंट-पीडियाट्रिशियन, फोर्टिस हॉस्‍पीटल, मुलुंड, का कहना है कि 'सिटरवाइजिंग एक वेलकम ट्रेंड है जो बच्‍चों के साथ पैरेंट्स को बॉन्‍ड बनाने का मौका देता है। इससे पैरेंट्स का रूटीन भी खराब नहीं होता है। इस पैरेंटिंग स्‍टाइल से बच्‍चों की परवरिश एक आत्‍मनिर्भर और एक्‍शन फोकस माहौल में होती है।

आप भी अपने बच्‍चे की परवरिश में इस नए और पॉपुलर स्‍टाइल को अपना सकते हैं। इससे आपके और आपके बच्‍चे के बीच का बॉन्‍ड और मजबूत होगा।

फोटो साभार : TOI

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लेखक के बारे में
पारुल रोहतगी
पारुल रोहतगी को पत्रकारिता के क्षेत्र में 9 वर्षों से अधिक अनुभव है। इन्‍होंने डिजिटल के साथ-साथ प्रिंट मीडिया में भी काम किया हुआ है। वर्तमान में ये NBT के लाइफस्टाइल फैमिली सेक्शन में बतौर कंसल्टेंट काम कर रही हैं। इन्‍हें अलग-अलग विषयों पर लिखना और अपने लेखों से लोगों को जानकारी देना पसंद है। इन्‍हें हेल्‍थ, एस्‍ट्रोलॉजी, लाइफस्टाइल, टेक आदि सेक्‍शन पर लिखने का अनुभव भी है। खाली समय में इन्‍हें किताबें पढ़ना और नई टेक्नोलॉजी को सीखना पसंद है।... और पढ़ें

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