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क्‍या होती है प्रीकोशियस प्यूबर्टी? जानें लड़के और लड़कियों में इसके लक्षण

प्रीकोशियस प्यूबर्टी जिसका मतलब होता है असामयिक यौवन। असामयिक यौवन का अर्थ यह होता है कि किसी भी बच्चे में समय से पहले जवान होने के लक्षण नजर आना। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि असामयिक यौवन या बच्चों के अंदर जल्दी ही बहुत से बदलाव होना आजकल बहुत ही कॉमन समस्या हो चुकी है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 12 Aug 2021, 3:55 pm
अगर लड़कियों की बात करें तो उनके शरीर में बदलाव शुरू होने का समय होता है 8 से 10 साल। हालांकि, 8 साल थोड़ा जल्दी होता है लेकिन 8 के बाद बदलाव शुरू हो रहे हों तो चिंता की बात नहीं होती। लेकिन 8 साल के पहले ही उनके शरीर में बदलाव नजर आए तो ये प्रीकोशियस प्यूबर्टी के लक्षण होते हैं और इस परिस्थिति में एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए।
नवभारतटाइम्स.कॉम what is precocious puberty and its symptoms
क्‍या होती है प्रीकोशियस प्यूबर्टी? जानें लड़के और लड़कियों में इसके लक्षण


असामयिक यौवन के कारण, लक्षण, उपचार

​लड़कियों में प्रीकोशियस प्यूबर्टी शुरू होने के लक्षण

किसी लड़की को अगर प्रीकोशियस प्यूबर्टी शुरू होने लगे तो सबसे पहले जो लक्षण नजर आते है उनमें से एक होता है ब्रेस्ट में चेंजेस आना। ब्रेस्ट के नीचे छोटी सी गांठ बन जाती है जिसमें शुरुआत में हल्का दर्द भी होता है। दूसरा सबसे कॉमन सिम्पटम होता है प्युबिक एरिया और अंडर आर्म में बालो का आना। तीसरा मुख्य लक्षण है पीरियड शुरू हो जाना।



लड़कों की बात की जाए तो लड़कों की जो एवरेज एज प्यूबर्टी आने की है, वो है 9 से 11 साल के बीच, अगर 9 साल से पहले उनके शरीर में बदलाव नजर आए तो ये प्रीकोशियस प्यूबर्टी के लक्षण होते हैं।

​लड़कों के शरीर में प्रीकोशियस प्यूबर्टी शुरू होने के लक्षण

लड़कों के शरीर में समय से पहले बदलाव आने का सबसे पहला लक्षण होता है उनके अंडकोष या टेस्टिस का बढ़ना, लेकिन अधिकतर ये पेरेंट्स नोटिस नहीं कर पाते क्योंकि बच्चे बड़े होने पर खुद से नहा लेते हैं, जिसकी वजह से पेरेंट्स का ध्यान इस पर नही जा पाता। प्रीकोशियस प्यूबर्टी का दूसरा लक्षण होता है अंडर आर्म्स में और प्यूबिक एरिया में बालो का आना।

​लड़कियों में ये समस्या अधिक पाई जाती है

प्रीकोशियस प्यूबर्टी की समस्या लड़कों की अपेक्षा लड़कियों में ज्यादा पाई जाती है, प्रीकोशियस प्यूबर्टी का डिस्कशन इसलिए किया जा रहा है क्योंकि इसके दुष्प्रभाव होते है। लड़कियों में अगर प्रीकोशियस प्यूबर्टी हो जाती है तो उनकी हाइट प्रॉपर नहीं बढ़ पाती, साथ ही जल्दी पीरियड आने पर वह मेंटली तैयार नहीं होती और कई बार उन्हें स्ट्रेस या सदमा लग जाता है।

प्रीकोशियस प्यूबर्टी और हाइट का आपस में कुछ संबंध भी होता है, लड़कियों को जब पीरियड आना शुरू होता है उसके बाद उनके शरीर की ग्रोथ रुक जाती है ,जिससे उनकी हाइट नहीं बढ़ पाती और हाइट कम ही रह जाती है। पीरियड आने के बाद कुछ समय तक हो सकता है कि हाइट बढ़ जाए लेकिन उसके बाद हाइट का बढ़ना बहुत मुश्किल हो जाता है।

​प्रीकोशियस प्यूबर्टी के कारण

आम तौर पर इसका कोई मुख्य कारण नहीं होता यह बस किसी किसी बच्चों में हारमोंस का जल्दी स्विच ऑन होना होता है। हारमोंस का स्विच ऑन हो जाने का मतलब यह होता है कि अगर किसी लड़की में ब्रेस्ट डेवलपमेंट 6 से 8 साल के बीच शुरू हो जाए तो उनके पीरियड अगले दो से ढाई साल में शुरू हो जाते है।

​समय रहते मिलें डॉक्टर से

कुछ माता-पिता बच्चे को लेकर डॉक्टर के पास देर से पहुंचते हैं जिसके बाद कुछ नहीं किया जा सकता है, जैसे कि लड़की के पीरियड स्टार्ट होने के 1 से 2 साल के बाद डॉक्टर के पास जाते हैं कि इसकी हाइट नहीं बढ़ रही है तो उस परिस्थिति में कुछ नहीं किया जा सकता।

प्रीकोशियस प्यूबर्टी के कोई भी लक्षण दिखते ही अगर डॉक्टर से मिल लिया जाए तो इस समस्या को काफी हद तक दूर किया जा सकता है।

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