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बच्‍चों को इस उम्र से पहले न खिलाएं चॉकलेट वरना बहुत पछताएंगे

बच्‍चे अक्‍सर चॉकलेट खाने की जिद करते हैं और पैरेंट्स ये कह कर मना कर देते हैं कि चॉकलेट से दांत खराब हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं है। चॉकलेट खाने से बच्‍चों को कई फायदे होते हैं।

नवभारतटाइम्स.कॉम 2 Nov 2020, 11:58 am
बच्‍चों से पूछा जाए कि उन्‍हें मीठे में क्‍या पसंद है? तो वो सबसे पहले चॉकलेट का ही नाम लेंगे। वहीं मां-बाप भी दांत खराब होने के डर से बच्‍चों को चॉकलेट खिलाने से कतराते हैं। अगर आपके बच्‍चे को भी चॉकलेट बहुत पसंद है, तो उसकी इस पसंद को पूरा करने से पहले ये जान लें कि बच्‍चों को चॉकलेट खिलाने की सही उम्र क्‍या है।
नवभारतटाइम्स.कॉम chocolate for kids


क्या बच्चे चॉकलेट खा सकते हैं?
सभी जानते हैं कि बच्चों को चॉकलेट बहुत पसंद होती है। इसके स्वाद के वह दीवाने होते हैं, लेकिन इसको ज्यादा मात्रा में देने से बचना चाहिए क्योंकि चॉकलेट में कैफीन पाया जाता जो बच्चे की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इसको खाने से ब्‍लड प्रेशर और दिल की धड़कन तेज हो जाती है।
चॉकलेट में कई अन्य उत्तेजक पदार्थ जैसे चीनी, थियोब्रोमाइन और फेनाइलेथैलामाइन होते हैं जो बच्चे के नर्वस सिस्टम को हानि पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा, चॉकलेट में एन्डामाइड एसिड भी होता है जिसकी वजह से यह मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को नुकसान पहुंचा सकता है।

बच्चे को चॉकलेट कब देनी चाहिए?
जब तक बच्चा एक साल का नहीं हो जाता तब तक उसको चॉकलेट से दूर रखना चाहिए और एक साल के होने के बाद बच्‍चे को डार्क चॉकलेट खिलाना शुरू करें। जब आप उसको चॉकलेट खाने को देते हैं तो यह भी जरूर जांच लें कि कहीं बच्चे को इससे कोई एलर्जी तो नहीं है।

बच्‍चों के लिए चॉकलेट खाने के फायदे
यह कहना गलत नहीं होगा कि चॉकलेट खाने से कई फायदे होते हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार है :
  • मस्तिष्क का विकास : चॉकलेट मे फ्लेवोनोल्स नामक तत्व होता है, जो प्राकृतिक रूप से इसमें पाया जाता है। यह बच्चे के मस्तिष्क का संज्ञानात्मक विकास करने में मदद करता है और उसके दिमाग को तेज करता है।
  • नर्वस सिस्‍टम के लिए मददगार : चॉकलेट खाने से ह्रदय और रक्त वाहिकाओं के कार्य में सुधार आता है। इसमें फ्लेवेनॉल्स पाया जाता है जो खून के थक्के बनने से रोकता है और ब्‍लड सर्कुलेशन में सुधार लाने का कार्य करता है।
  • कोशिकाओं की मरम्‍मत : चॉकलेट में एंटीऑक्सीडेंट की प्रचुर मात्रा होती है जो सब्जियों और फलों में पाए जाते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट कोशिकाओं को रिपेयर करने का काम करते हैं।
  • मूड को अच्छा करती है : चॉकलेट मूड को बेहतर करने में मदद करती है। चॉकलेट में एंडोर्फिन नामक न्यूरोट्रांसमीटर पाया जाता है, जो व्यक्ति में खुशी की भावना उत्पन्न करने के लिए जाना जाता है। चॉकलेट को स्ट्रेस बस्टर भी कहा जाता है।
  • कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती है : वैसे तो बच्चों में कोलेस्ट्रॉल को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं होती है, लेकिन यह जानना सही होगा कि चॉकलेट एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (बैड कोलेस्ट्रॉल) के स्तर को कम कर सकती है और और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) को बढ़ाने में मदद करती है।
कुल मिलाकर एक साल के होने से पहले बच्‍चों को चॉकलेट खिलाना सही नहीं रहता है और बेहतर होगा अगर आप अपने बच्‍चे को डार्क चॉकलेट खिलाएं, क्‍योंकि ये सेहत के लिए ज्‍यादा फायदेमंद होती है।

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