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बच्‍चों की परवरिश के लिए इस स्‍टाइल को बेस्‍ट मानते हैं एक्‍सपर्ट्स, कभी नहीं बिगड़ते बच्‍चे

अपने बच्‍चे को पालने का हर पेरेंट्स का तरीका अलग होता है। अब सामने आया है कि पेरेंटिंग के अलग-अलग तरीकों में से क्‍या सबसे ज्‍यादा बेस्‍ट रहेगा।

नवभारतटाइम्स.कॉम 20 Oct 2021, 1:00 pm
हम सभी चाहते हैं कि हम अपने बच्‍चों को सबसे अच्‍छी और बेस्‍ट परवरिश दें और इसके लिए हम हर तरह की कोशिश भी करते हैं। आजकल कई तरह के पेरेंटिंग स्‍टाइल के बारे में बात होती है लेकिन क्‍या आप ये जानते हैं कि एक पेरेंटिंग स्‍टाइल ऐसा है जिसे एक्‍सपर्ट्स तक बेस्‍ट मानते हैं।
नवभारतटाइम्स.कॉम which parenting style is the best
बच्‍चों की परवरिश के लिए इस स्‍टाइल को बेस्‍ट मानते हैं एक्‍सपर्ट्स, कभी नहीं बिगड़ते बच्‍चे


जी हां, इस आर्टिकल में हम आपको उसी पेरेंटिंग स्‍टाइल यानि बच्‍चों की परवरिश करने के तरीके के बारे में बता रहे हैं, जो बच्‍चों के लिए सबसे सही और अच्‍छा माना जाता है।

​कितने तरह की होती है पेरेंटिंग

आमतौर पर पेरेंट्स के पेरेंटिंग स्‍टाइल को चार भागों में बांटा गया है जैसे कि बच्‍चों को प्‍यार से रखना (परमिसिव), अनुशासन में रखना (आथॉरोटेटिव) और बच्‍चों की बात या विचारों को नजरअंदाज (निगलेक्टिंग) और ऑथोरोटेरियन।

बच्‍चों की परवरिश में पेरेंट्स अक्‍सर इस तरह का स्‍टाइल अपनाते हैं और अब पता चला है कि इनमें से सबसे सही तरीका क्‍या है।

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​पेरेंटिंग स्‍टाइल को समझें

परमिसिव पेरेंटिंग का मतलब है जहां पेरेंट्स अपने बच्‍चों को अपने निर्णय लेने देते हैं और बच्‍चों की जिंदगी में ज्‍यादा दखल नहीं देते हैं। आथॉरोटेटिव पेरेंटिंग की बात करें तो इसमें पेरेंट्स बच्‍चे के साथ मिलकर उसकी प्रॉब्‍लम को सुलझाते हैं और उनके लिए कुछ स्‍पष्‍ट नियम बनाकर रखते हैं।

इसमें पेरेंट्स और चाइल्‍ड के बीच साफ कम्‍यूनिकेशन होता है। ऑथोरोटेरियन पेरेंटिंग में पूरी कमान पेरेंट के हाथ में होती है। वो कुछ स्ट्रिक्‍ट रूल बनाते हैं और निर्णय लेते हैं कि बच्‍चे को कैसे व्‍यवहार करना है।

वहीं निगलेक्‍टफुल पेरेंट्स बच्‍चे की जिंदगी से गायब ही होते हैं। इन्‍हें बच्‍चों की सोच, विचारों, फैसलों और जरूरत से कोई फर्क ही नहीं पड़ता है।

​ये पेरेंटिंग है सबसे बेहतर

इन चार तरह के पेरेंटिंग स्‍टाइल में ऑथोरि‍टेटिव पेरेंटिंग सबसे अच्‍छी मानी जाती है। शिक्षा में ग्रोथ, सोशल इमोशनल और बिहेवरियल एप्‍टिट्यूड के हिसाब से इस पेरेंटिंग स्‍टाइल को सबसे सही और बेहतर माना जाता है। ये पेरेंट्स अपने बच्‍चे से बहुत ज्‍यादा उम्‍मीदें लगाते हैं लेकिन इसके साथ ही वो अपने व्‍यवहार को भी बच्‍चे के साथ अच्‍छा रखते हैं।

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​ये खूबियां रखते हैं ऑथोरि‍टेटिव पेरेंट्स

  • इन पेरेंट्स की अपने बच्‍चों से उम्‍मीदें बहुत ज्‍यादा होती हैं लेकिन ये अपने बच्‍चों की इमोशनल जरूरतों को भी पूरा करना जानते हैं।
  • ये अपने बच्‍चे से बात करते रहते हैं और कम्‍यूनिकेशन गैप नहीं आने देते हैं और बच्‍चे की भावनाओं को नजरअंदाज भी नहीं करते हैं।
  • ऑथोरि‍टेटिव पेरेंट्स चीजों को अपने आप सही होने का मौका देते हैा लेकिन बच्‍चों को जिंदगी के जरूरी पाठ भी पढ़ाते हैं।
  • ये अपने बच्‍चे को ऐसा माहौल देते हैं, जहां वो खुद सोच सकें और पेरेंट्स पर ज्‍यादा निर्भर रहने की न सोचें।
  • अपने बच्‍चे की ग्रोथ को लेकर ये ज्‍यादा सीरियस होते हैं।

​क्‍यों है सबसे अच्‍छी

मनोवैज्ञानिक इस पेरेंटिंग स्‍टाइल को सबसे अच्‍छा इसलिए मानते हैं क्‍योंकि इससे बच्‍चे जल्‍दी अपनी प्रॉब्‍लम को समझ पाते हैं और उसे सुलझाना भी सीखते हैं।

इसमें पेरेंट्स कुछ नियम तो बनाते हैं लेकिन ये उम्‍मीद नहीं करते कि उनका बच्‍चा आंख बंद कर के उनकी बात को फॉलो करे। ये अपने बच्‍चों को अपनी फीलिंग्‍स के बारे में बात करने की आजादी देते हैं और उन्‍हें नियम बनाने का महत्‍व भी समझाते हैं।

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