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Covid 4th wave: चौथी लहर से पहले Omicron BA.2 को लेकर विशेषज्ञों का दावा, फेफड़ों की बजाय इस अंग को जकड़ रहा वायरस

Omicron BA.2 variant symptoms: विशेषज्ञों के एक वर्ग ने चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस की चौथी लहर में कोरोना के लक्षण बिल्कुल अलग हो सकते हैं। उन्होंने बताया है कि इस बार लोगों को पेट या आंतों से जुड़े लक्षण महसूस हो सकते हैं। इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है कि वायरस की पहचान करना मुश्किल हो सकता है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 28 Mar 2022, 10:03 am
कोरोना वायरस (Coronavirus) का खतरा अभी कम नहीं हुआ है। ओमीक्रोन ने एक बार फिर अपने नए सबवेरिएंट ओमीक्रोन बीए.2 (Omicron BA.2) के रूप में कहर मचाना शुरू कर दिया है। एशिया और यूरोप के अधितर देशों में कोरोना के जिस तेजी से कोरोना के नए मामले बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि कोरोना की चौथी लहर (Covid 4th wave) कभी भी आ सकती है।
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Covid 4th wave: चौथी लहर से पहले Omicron BA.2 को लेकर विशेषज्ञों का दावा, फेफड़ों की बजाय इस अंग को जकड़ रहा वायरस


इस बीच कोलकाता में विशेषज्ञों के एक वर्ग ने चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस की चौथी लहर में कोरोना के लक्षण बिल्कुल अलग हो सकते हैं। उन्होंने बताया है कि इस बार लोगों को पेट या आंतों से जुड़े लक्षण महसूस हो सकते हैं। इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है कि वायरस की पहचान करना मुश्किल हो सकता है।

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ओमीक्रोन के सबवेरिएंट बीए.2 ने यूरोप और पूर्वी एशिया में तबाही मचा रखी है और कई देशों में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस वेरिएंट को लेकर सबसे बड़ी चिंता यह है कि यह फेफड़ों के बजाय पेट को प्रभावित कर रहा है, जिससे पीड़ित को पेट में दर्द, मतली और दस्त जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं। चलिए जानते हैं कि भारत में ओमीक्रोन सबवेरिएंट को लेकर विशेषज्ञ क्या बता रहे हैं।

(फोटो साभार: istock by getty images)

फेफड़ों की बजाय पेट पर हमला कर रहा BA.2

कोलकाता के विशेषज्ञों ने कहा है कि बीए.2 के लक्षणों में खांसी या सांस लेने में तकलीफ के बजाय पेट से जुड़े लक्षण महसूस हो रहे हैं। उन्होंने बताया है कि यह संभव है कि वायरस ने अब अपने पैटर्न को बदल दिया हो और यह पेट को प्रभावित कर रहा हो। एक अध्ययन ने यह सुझाव दिया है आरटी-पीसीआर के जरिए इसकी पहचान करना मुश्किल हो सकता है।

बीए.2 के लक्षण हो सकते हैं हल्के

बीए.2 के अन्य लक्षणों की बात की जाए, तो इस बारे में इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट-ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के प्रोफेसर दीपेंद्र सरकार ने बताया है कि इस वेरिएंट के हल्के होने की संभावना है। इसलिए, यह सामान्य खांसी और सर्दी से ज्यादा हानिकारक नहीं होना चाहिए।

क्या हैं बीए.2 के पेट से जुड़े लक्षण

यूके स्थित एक टैब्लॉइड के अनुसार, स्टील्थ ओमीक्रोन या बीए.2 नाक के बजाय आंत को प्रभावित करता है, जिससे पाचन तंत्र से संबंधित कई समस्याएं होती हैं। इसके परिणाम गलत हो सकते हैं क्योंकि नाक या मुंह में वायरस का पता नहीं लगाया जा सकता है। यह वेरिएंट मतली, दस्त, उल्टी, पेट में दर्द, हीटबर्न और सूजन जैसी पाचन समस्याओं का कारण बन सकता है।

मरीजों को आंत में महसूस हो सकते हैं बीए.2 के लक्षण

सीएमआरआई अस्पताल के पल्मोनोलॉजी के निदेशक राजा धर ने कहा कि आरटी-पीसीआर में वायरस के अनिर्धारित रहने की संभावना नहीं है, हालांकि यह पेट तक जा सकता है और लक्षणों को बढ़ा सकता है। कोविड का संचरण फेफड़ों के जरिए होता है, इसलिए इसका पता लगाया जाना तय है। लेकिन संचरण पेट से भी हो सकता है। इसलिए, यह संभव है कि प्रमुख लक्षण अब श्वसन पथ के बजाय आंत के आसपास केंद्रित होंगे।

आंतों के लक्षणों को न करें नजरअंदाज

डॉक्टर आरएन टैगोर ने बताया कि पहली और दूसरी लहर के दौरान दस्त और पेट दर्द कोरोना के काफी सामान्य लक्षण थे। करोड़ों रोगियों में गैस्ट्रो और आंत से जुड़े लक्षण थे। इसलिए यह संभव है कि वायरस आंत तक पहुंच जाए और एक बार ऐसा हो जाने पर, जठरांत्र संबंधी लक्षण श्वसन पथ से पहले हो सकते हैं, खासकर प्रारंभिक अवस्था में। यह शायद अब यूरोप में हो रहा है, इसलिए हमें स्ट्रेन को देखने और उसका विश्लेषण करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मल के माध्यम से वायरस का बहाव हफ्तों तक हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह संभव है कि थूक की तुलना में कोविड का मल के मामले में अधिक पता लगाया जा सकता है, जिसकी सफलता दर 65% -70% है।

मांसपेशियों में थकान भी है बीए.2 का बड़ा लक्षण

जिन देशों में चौथी लहर आई है, वहां मांसपेशियों में थकान एक और आम लक्षण रहा है। कोलकाता के विशेषज्ञों ने बताया कि यह तीसरी लहर के दौरान भी आम था। तीसरी लहर के दौरान खांसी और बुखार के साथ, अंगों में कमजोरी सबसे अधिक शिकायत थी। यह गैस्ट्रो-आंतों के लक्षणों के साथ-साथ बनी रहती है। इसलिए, हमें अब केवल खांसी और सर्दी के बजाय इन लक्षणों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।

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