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Covid-19 health risk: कोरोना से बचने के लिए अब शरीर पर गाय का गोबर तक लगा रहे लोग, जानें डॉक्‍टरों की राय

कोरोना वायरस से बचाव के लिए एक बार फिर तमाम लोग गाय के मूत्र और गोबर का प्रयोग कर रहे हैं। लोगों का मानना है कि गाय के गोबर की थेरेपी से कोविड से बचा जा सकता है और इससे इम्यूनिटी भी बूस्ट होती है।

नवभारतटाइम्स.कॉम 11 May 2021, 3:20 pm
कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के बीच मरीजों में न जाने कितने ही नए-नए लक्षण देखने को मिल रहे हैं। वैक्सीन आने के बाद देश में एक उम्मीद कि किरण जागी थी लेकिन अब डोज की कमी के चलते रजिस्ट्रेशन भी नहीं हो रहे हैं। वहीं अस्पतालों के हाल भी ऑक्सीजन और बेड्स की कमी के चलते बेहद खस्ताहाल हैं। ऐसे में तमाम लोग जानलेवा वायरस से बचाव के लिए देसी नुस्खे आजमा रहे हैं। कोविड के कहर के बीच देश में घरेलू नुस्खे इंटरनेट पर काफी ट्रेंड कर रहे हैं। कोई काढ़ा और चाय पीने की सलाह दे रहा है तो कोई नींबू व सेंधा नमक के सेवन से कोविड से बचाव का दावा कर रहा है। इन दिनों गाय के गोबर को लोग इम्यूनिटी बूस्ट करने का देसी विकल्प बता रहे हैं।
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Covid-19 health risk: कोरोना से बचने के लिए अब शरीर पर गाय का गोबर तक लगा रहे लोग, जानें डॉक्‍टरों की राय


कुछ लोगों का कहना है कि कोरोना संक्रमण को दूर करने और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए गाय के गोबर का इस्तेमाल देसी तरीका है। लोगों का मानना है कि गाय का गोबर और गोमूत्र का लेप कोरोना महामारी से बचा जा सकता है और प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाया जा सकता है। आइए जानते हैं इस मिथ को लेकर क्या कहते हैं देश के डॉक्टर्स।
(Photo- pixabay)

​गाय के गोबर की थेरेपी

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात के कुछ हिस्सों में तमाम लोग गौशालाओं के चक्कर काट रहे हैं। उन्हें उम्मीद है गोबर और गाय का मूत्र के लेप का शरीर पर इस्तेमाल करने से इम्यूनिटी बढ़ेगी और कोविड से बचाव करेगा।

गुजरात में हिंदू भिक्षुओं (Hindu monks) द्वारा संचालित 'श्री स्वामीनारायण गुरुकुल विश्वविद्या प्रतिष्ठान' (Shree Swaminarayan Gurukul Vishwavidya Pratishthanam) में सैकड़ों लोग हर रोज आश्रम आते हैं और गाय के गोबर का लेप अपने शरीर पर अप्लाई कर बैठ जाते हैं।

गोबर और मूत्र के मिश्रण का लेप लगाने के बाद ये लोग उसके सूखने का इंतजार करते हैं। फिर मिश्रण को दूध या छाछ से धोते हैं। इनकी कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं।

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​गोबर के प्रयोग पर डॉक्टर्स की राय

गाय के गोबर और मूत्र के लेप के प्रयोग को लेकर भारत और दुनिया भर में डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने कोविड -19 के लिए वैकल्पिक उपचार का अभ्यास करने के खिलाफ चेतावनी दे रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि इस गतिविधि के जरिए वे समाज में एक कोविड सुरक्षा की झूठी भावना पैदा कर सकते हैं और स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकते हैं।

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो गाय के गोबर और मूत्र से कोविड के बचाव और इम्यून सिस्टम मजबूत होने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण (scientific evidence) नहीं है बल्कि इससे अन्य बीमारियों के फैलने का खतरा भी है।

​ICMR ने कहा, गाय के गोबर से हो सकती हैं दूसरी बीमारियां

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ जेए जयलाल ने कहा, 'इसका कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि गाय का गोबर या मूत्र कोविड-19 के खिलाफ प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए काम करता है, यह पूरी तरह से विश्वास पर आधारित है। इन उत्पादों को नष्ट करने या सेवन करने में दूसरे स्वास्थ्य जोखिम भी शामिल हैं, जैसे अन्य बीमारियां पशु से मनुष्यों में फैल सकती हैं।'

वहीं फार्मास्युटिकल्स कंपनी (Pharmaceuticals company) के एक एसोसिएट मैनेजर गौतम मणिलाल बोरीसा ने कहा, 'हम देखते हैं कि डॉक्टर भी यहां आते हैं। उनका मानना है कि इस थेरेपी से उनकी प्रतिरोधक क्षमता में सुधार हुआ है और वे बिना किसी डर के मरीजों के पास जा सकते हैं।'

​गोबर पर क्‍या कहते हैं आयुर्वेदिक डॉक्टर

गाय के गोबर और गौमूत्र से इम्यूनिटी बढ़ाने और कोविड की बीमारी को भगाने को लेकर जब हमने आयुर्वेदिक डॉक्टर से बात की तो उन्होंने भी अपनी राय दी।

जीवोत्तमा आयुर्वेद केंद्र, बैंगलोर के आयुर्वेद वैद्य डॉ. शरद कुलकर्णी M.S (Ayu),(Ph.D.) से ने हमसे बातचीत में कहा, कि गाय के गोबर और गौमूत्र से इम्यूनिटी बढ़ाई जा सकती है लेकिन कोविड के इलाज के कोई गारंटी नहीं है।

​फायदेमंद है गाय के पंचगव्य का सेवन

डॉक्टर शरद कुलकर्णी ने बताया कि गाय के गोबर में एंटीमाइक्रोबियल के गुण होते हैं। जिसके जरिए हमारा इम्यून सिस्टम बूस्ट हो सकता है। उन्होंने बैक्टीरिया और वायरस से बचने के लिए एक उपाय बताया जिसका आयुर्वेद में भी जिक्र है। उन्होंने बताया कि गाय के पंच गव्य को आयुर्वेद में औषधि बताया गया है।

दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर के सामूहिक मिश्रण को पंचगव्य कहा जाता है। इन सभी चीजों के हाफ एमएल की मात्रा से पंचगव्य तैयार किया जाता है। जो हानिकारक बैक्टीरिया और संक्रामक रोगों का स्रोत हो सकता है।

​धर्म ग्रंथों में औषधीय गुणों से भरपूर है गाय का गोबर

हिंदू धर्म में गाय को पृथ्वी का एक मात्र पवित्र जीव माना जाता है और उसे देवताओं का प्रतीक बताया जाता है। किसी भी शुभ अवसर पर गाय के गोबर का प्रयोग किया जाता है। इसे औषधीय तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि इसमें एंटीसेप्टिक गुण मौजूद हैं।

आपको बता दें कि गाय के गोबर का उल्लेख धर्मग्रंथों में मौजूद है। यहां तक कि प्राचीन ऋषि-मुनि गाय के गोबर से पहले हवन वेदी को शुद्ध करते थे। यही वजह है कि मौजूदा दौर में भी तमाम लोग इसके लेप को शरीर पर लगातार अपनी इम्यूनिटी बूस्ट कर रहे हैं।

​राजनेता भी कर चुके हैं गाय के मूत्र से इम्यूनिटी बढ़ाने का दावा

पिछले साल भी कोरोना से बचाव के लिए गाय के मूत्र को पिलाने के कई कैंप लगाए गए थे। हाल ही में बुलंदशहर से बीजेपी विधायक देवेंद्र सिंह लोधी ने कोरोना महामारी से गोमूत्र पीने की बात कही है। उनका दावा है कि गाय के मूत्र से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसको पीने से कोरोना और कैंसर जैसी बीमारियां नहीं होंगी।

लोधी के मुताबिक, हर रोज 25 ML गोमूत्र का सेवन करने से सारी बीमारियां दूर भाग जाएंगी। साथ ही यह फेफड़े, लिवर और किडनी को भी खराब होने से बचाएगा। उन्होंने अपने ट्विटर एक वीडियो भी शेयर किया है जिसमें वे पानी में मिलाकर गौमूत्र का सेवन करते दिख रहे हैं। हालांकि, डॉक्टर्स इस दावे को खारिज कर रहे हैं।

बीजेपी MLA का दावा

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