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खुद कर पाएंगे HIV टेस्ट, डब्ल्यूएचओ ने एचआईवी किट के साथ जारी की गाइडलाइन

अब बिना अस्पताल या क्लिनिक गए आप जान सकेंगे कि आप एचआईवी पॉजिटिव हैं या नहीं। सेल्फ जांच की इस सुविधा से प्रिवेसी का भी खतरा नहीं रहेगा। मरीजों की गोपनीयता बनाए रखने के लिए डब्ल्यूएचओ ने टेस्ट किट लॉन्च कर दी है। अभी टेस्ट के लिए किसी भी सरकारी या एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी सेंटर जाना पड़ता है। मरीज के मुंह के लार या ब्लड सैंपल की मदद से एचआईवी पॉजिटिव या निगेटिव का पता चल पाएगा।

नवभारत टाइम्स 3 Dec 2016, 10:26 am
वरिष्ठ संवाददाता, नई दिल्ली
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खुद कर पाएंगे HIV टेस्ट, डब्ल्यूएचओ ने एचआईवी किट के साथ जारी की गाइडलाइन

अब बिना अस्पताल या क्लिनिक गए आप जान सकेंगे कि आप एचआईवी पॉजिटिव हैं या नहीं। सेल्फ जांच की इस सुविधा से प्रिवेसी का भी खतरा नहीं रहेगा। मरीजों की गोपनीयता बनाए रखने के लिए डब्ल्यूएचओ ने टेस्ट किट लॉन्च कर दी है। अभी टेस्ट के लिए किसी भी सरकारी या एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी सेंटर जाना पड़ता है। मरीज के मुंह के लार या ब्लड सैंपल की मदद से एचआईवी पॉजिटिव या निगेटिव का पता चल पाएगा। इस किट की मदद से केवल 20 मिनट में उन्हें रिजल्ट भी मिल जाएगा।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर डॉ. मार्गेट चान के अनुसार इस किट की औपचारिक शुरुआत कर दी गई है। यह किट प्राइमरी हेल्थ सेंटर की मदद से आम लोगों तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सेल्फ जांच किट ऐसे जगहों पर जांच के लिए बहुत ही कारगर साबित होगी, जहां लोग सोसायटी के डर या शर्म की वजह से हेल्थ सेंटर में अपनी जांच कराने के लिए नहीं जाते हैं। शुरुआत में इस किट को आंगनबाड़ी में काम करने वाले स्टाफ की मदद से घरों तक पहुंचाया जाएगा। जांच के बाद पॉजिटिव रिजल्ट आने पर मरीज को एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी सेंटर पहुंचाया जा सकता है।

डब्ल्यूएचओ का कहना है कि एक अनुमान के अनुसार एआरटी पर पहुंचने वाले 80 प्रतिशत मरीजों के एचआईवी इन्फेक्शन के बारे में समय रहते पता नहीं चलता है। 40 प्रतिशत मरीज टीबी की शिकायत के बाद सेंटर तक आते हैं। नई गाइडलाइन के अनुसार डब्ल्यूएचओ ने एचआईवी इन्फेक्टेड सभी मरीजों के लिए एआरटी को जरूरी बताया है। डॉक्टर चान ने कहा कि प्रेगा किट या फिर गर्भधारण का पता लगाने वाले किट की तरह ही मरीज को इस किट के एक सीरे पर ब्लड या फिर मुंह के स्लैबा का सैंपल रखना होगा। 15 से 20 मिनट के अंदर रिजल्ट का पता लगाया जा सकेगा। आईसीएमआर के साइंटिस्ट का कहना है कि देश में पचास से कम रुपए की कीमत में इसे लॉन्च किया जा सकता है।

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