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Pleurisy (Pleuritis): खांसते समय होता है Chest Pain, तो समझ जाएं हो गई ये बीमारी; जानलेवा बनने से पहले ऐसे करें इलाज

Pleurisy Symptoms: खांसी बॉडी की एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसकी मदद से वह सांस की नलियों और फेफड़ों से गंदी को बाहर निकालता है। लेकिन यदि खांसी ज्यादा दिन तक रहे या खांसते समय सीने में दर्द का अहसास होने लगे तो यह किसी बीमारी का संकेत हो सकता है।

Authored byशारदा सिंह | नवभारतटाइम्स.कॉम 12 Dec 2022, 12:34 pm
ठंड के समय में इंफेक्शन का प्रकोप बढ़ जाने से सर्दी-खांसी की समस्या बहुत सामान्य होती है। इसलिए लोग इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते हैं। लेकिन यदि खांसते समय आपके सीने में दर्द हो रहा है तो इसे नजरअंदाज करना आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
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Pleurisy (Pleuritis): खांसते समय होता है Chest Pain, तो समझ जाएं हो गई ये बीमारी; जानलेवा बनने से पहले ऐसे करें इलाज


खांसते समय में सीने में दर्द फेफड़ों में सूजन का नतीजा हो सकता है। फेफड़ों से छाती तक फैले कोशिकाओं की सतह प्ल्यूरा में होने के कारण इस बीमारी को मेडिकल भाषा में प्लूरिसी (Pleurisy) भी कहा जाता है। इसका दर्द खांसी के साथ सांस लेते वक्त भी हो सकता है। इस बीमारी के होने के पीछे के कुछ कारणों की वजह से कई बार यह बीमारी जानलेवा भी बन जाती है। ऐसे में यह जरूरी है कि वक्त पर इससे बचाव और उपचार के उपाय किए जाए।

​प्लूरिसी कैसे होता है?

Webmd के अनुसार, बैक्टीरियल इंफेक्शन जैसे निमोनिया अक्सर प्लुरिसी का कारण बनते हैं। यह फ्लू या फंगस जैसे वायरस के कारण भी हो सकता है। इसके अलावा कई गंभीर बीमारियों के फेफड़ों तक फैलने से यह रोग हो सकता है। जैसे-

  • फेफड़ों का कैंसर
  • कैंसर जो फेफड़ों या प्लूरा को प्रभावित करते हैं
  • फेफड़े में खून का थक्का
  • ऑटोइम्यून डिजीज जैसे ल्यूपस या रुमेटीइड गठिया
  • छाती पर चोट
  • सिकल सेल एनीमिया
  • मेसोथेलियोमा
  • टीबी
  • कैंसर थैरेपी

​प्लूरिसी के लक्षण

  • सांस लेते वक्त सीने में चुभन
  • लगातार खांसी आना
  • ठंड लगने के साथ बुखार
  • गले में खराश
  • जोड़ों में दर्द और सूजन
  • कंधे और पीठ को फैलाने के दौरान सीने में दर्द

​प्लूरिसी कितना गंभीर है

प्लूरिसी का इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा बन सकती है। इसके साथ ही ब्लड फ्लो में रुकावट, फेफड़ों की सतह में पस भरना (प्लूरल इफ्यूजन) होना, सांस लेने में तकलीफ का बढ़ने की समस्या भी हो सकती है।

​प्लूरिसी कितने समय तक रहता है

NHS के अनुसार, यदि प्लूरिसी वायरल संक्रमण के कारण हुआ है, तो यह आमतौर पर कुछ दिनों के बाद अपने आप ठीक हो जाता है। वहीं, यदि यह बीमारी का कारण बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होता है, तो आपको एंटीबायोटिक दवाओं की आवश्यकता होती है, जो धीरे-धीरे इस समस्या को नॉर्मल करता है।

​कैसे चलता है प्लूरिसी का पता

प्लूरिसी के लक्षण नजर आने पर डॉक्टर स्टेथोस्कोप की मदद से आपके फेफड़ों की आवाज सुनते हैं, रगड़ की आवाज आने पर इस बीमारी की पुष्टि करते हैं। इसके अलावा एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, बायोप्सी जैसे तरीकों से भी इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है।

​प्लूरिसी का इलाज और बचाव

प्लूरिसी से जुड़े दर्द और सूजन का इलाज आमतौर पर नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (एनएसएआईडी) से किया जाता है, जैसे कि इबुप्रोफेन (एडविल, मोर्टिन आईबी, अन्य)। कभी-कभी, डॉक्टर स्टेरॉयड दवा भी लिख सकते हैं।

आप यह नहीं जान सकते हैं कि चोट या बीमारी से प्लूरिसी होगा या नहीं, लेकिन आप धूम्रपान न करके प्लूरिसी के जोखिम को कम कर सकते हैं। इसके साथ ही नियमित चेकअप कराकर और ऑटोइम्यून या फेफड़ों के रोगों का उचित उपचार, बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण को रोकने के लिए हाथ धोने जैसे हाइजीन के मुद्दों पर ध्यान रखना मददगार साबित हो सकता है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

लेखक के बारे में
शारदा सिंह
शारदा सिंह 2022 से नवभारत टाइम्स में बतौर कंटेंट राइटर कार्यरत हैं। इन्हें हेल्थ, होम डेकोर और रिलेशनशिप जैसे टॉपिक्स पर लिखने का अनुभव है। इसके अलावा खाली समय में नेचर को एक्सप्लोर करना पसंद करती हैं, इसलिए अक्सर अपनी छुट्टियां यह पहाड़ों पर ट्रैकिंग करते बिताती हैं। इसके अलावा थिएटर और किताबों में भी इनकी बहुत रुचि है।... और पढ़ें

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