इस साल विश्व पर्यावरण दिवस की थीम 'टाइम फॉर नेचर' रखी गई है। हम सभी पिछले करीब 3 महीनों के अपने व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर अगर बात करें तो पाएंगे कि वाकई यह समय सिर्फ और सिर्फ प्रकृति की देखभाल के लिए ही है। हम चाहें तो बढ़ते हुए पलूशन को भी रोक सकते हैं और पलूशन के कारण होनेवाली जानलेवा बीमारियों को भी....
अलग-अलग पलूशन तो अलग-अलग बीमारियां
-पलूशन के कारण होनेवाली बीमारियों सबसे अधिक और बड़ी संख्या श्वांस से संबंधित रोगों की होती है। ये बीमारियां वायु प्रदूषण के कारण होती हैं। जबकि जल प्रदूषण के कारण पेट संबंधी रोग अधिक होते हैं।
Corona And Face Masks: कोरोना से बचना है तो ऐसा करना ही होगा!
-इसके साथ ही यदि पैस्ट्रिसाइट्स के चलते मिट्टी में कैमिल्स की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाती है तो ऐसी पॉल्यूटेड जमीन में उपजनेवाली फसल के सेवन से कैंसर के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होती है।
वायु प्रदूषण से होनेवाले रोग
-जैसा कि हम ऊपर ही बता चुके हैं कि एयर पलूशन के कारण श्वांस से संबंधित रोग अधिक होते हैं। यानी रेस्पॉरेट्री डिजीज अधिक होती हैं। इनमें गले से संबंधित रोग, फेफड़ों से संबंधित बीमारियां और लंग्स कैसर आदि अधिक होते हैं।
-इसके साथ वायु प्रदूषण से लेड पॉइजिंग जैसी त्वचा संबंधी बीमारियां भी होती हैं। इन बीमारियों के कारण पेशंट की जान पर अक्सर जोखिम बन जाता है।
Coronavirus: हफ्तेभर में दम तोड़ रहा 10 में से 1 कोरोना का डायबिटिक मरीज
जल प्रदूषण से होनेवाले रोग
-जल प्रदूषण के कारण हमें पेट और त्वचा संबंधी रोग अधिक होते हैं। लूज मोशन, डायरिया, डिसेंट्री (पॉटी के साथ ब्लड आना), उल्टियां आना जैसी बीमारियां आमतौर पर जल प्रदूषण के कारण होती हैं।
-यदि इन बीमारियों की वजह दूर कर सही समय पर इलाज ना मिल पाए तो मरीजों की जान भी चली जाती है। क्योंकि मामूली लगनेवाली ये दिक्कतें पेशंट के शरीर को अंदर से बहुत कमजोर कर देती हैं। इससे उनके ऊपर अन्य बीमारियां हावी होने लगती हैं।
भू प्रदूषण के कारण होनेवाले रोग
-हम कई तरीकों से अपनी भूमि और मिट्टी को प्रदूषित कर रहे हैं। इनमें फसलों पर पैस्ट्रिसाइट्स का उपयोग और कारखानों से निकलनेवाले कैमिकल युक्त पानी को जमीन में डालने जैसी गलतियां शामिल हैं।
-कैमिकल युक्त मिट्टी में उपजी फसलें और जमीन में जानेवाला कैमिकल युक्त पानी मिलकर हमें लिवर कैंसर, लिवर एब्सेस, कोलोन कैंसर, ट्यूमर जैसी जानलेवा बीमारियों का मरीज बना देते हैं।
World Environment Day 2020: कोरोना ने खिला दिए नेचर लवर्स के चेहरे!
वायु और जल प्रदूषण से होते हैं ये रोग
-कुछ बीमारियां ऐसी हैं, जो वायु और जल दोनों तरह के पलूशन के कारण होती हैं। इनमें त्वचा संबंधी बीमारियां शामिल हैं। जैसे स्किन कैंसर, स्किन इंफेक्शन आदि।
-आपको जानकार हैरानी होगी की सड़क पर बिछाए जानेवाले तारकोल से भी वायु प्रदूषण बढ़ता है। इस प्रदूषण के कारण स्किन डिजीज के केस बढ़ सकते हैं। तारकोल से होनेवाली प्रदूषण के चलते स्किन कैंसर जैसा गंभीर रोग हो सकता है।
Gargle Effect On Corona: कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा कोरोना, करें इस पानी के गरारे
अलग-अलग पलूशन तो अलग-अलग बीमारियां
-पलूशन के कारण होनेवाली बीमारियों सबसे अधिक और बड़ी संख्या श्वांस से संबंधित रोगों की होती है। ये बीमारियां वायु प्रदूषण के कारण होती हैं। जबकि जल प्रदूषण के कारण पेट संबंधी रोग अधिक होते हैं।
Corona And Face Masks: कोरोना से बचना है तो ऐसा करना ही होगा!
-इसके साथ ही यदि पैस्ट्रिसाइट्स के चलते मिट्टी में कैमिल्स की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाती है तो ऐसी पॉल्यूटेड जमीन में उपजनेवाली फसल के सेवन से कैंसर के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होती है।
वायु प्रदूषण से होनेवाले रोग
-जैसा कि हम ऊपर ही बता चुके हैं कि एयर पलूशन के कारण श्वांस से संबंधित रोग अधिक होते हैं। यानी रेस्पॉरेट्री डिजीज अधिक होती हैं। इनमें गले से संबंधित रोग, फेफड़ों से संबंधित बीमारियां और लंग्स कैसर आदि अधिक होते हैं।
-इसके साथ वायु प्रदूषण से लेड पॉइजिंग जैसी त्वचा संबंधी बीमारियां भी होती हैं। इन बीमारियों के कारण पेशंट की जान पर अक्सर जोखिम बन जाता है।
Coronavirus: हफ्तेभर में दम तोड़ रहा 10 में से 1 कोरोना का डायबिटिक मरीज
जल प्रदूषण से होनेवाले रोग
-जल प्रदूषण के कारण हमें पेट और त्वचा संबंधी रोग अधिक होते हैं। लूज मोशन, डायरिया, डिसेंट्री (पॉटी के साथ ब्लड आना), उल्टियां आना जैसी बीमारियां आमतौर पर जल प्रदूषण के कारण होती हैं।
-यदि इन बीमारियों की वजह दूर कर सही समय पर इलाज ना मिल पाए तो मरीजों की जान भी चली जाती है। क्योंकि मामूली लगनेवाली ये दिक्कतें पेशंट के शरीर को अंदर से बहुत कमजोर कर देती हैं। इससे उनके ऊपर अन्य बीमारियां हावी होने लगती हैं।
भू प्रदूषण के कारण होनेवाले रोग
-हम कई तरीकों से अपनी भूमि और मिट्टी को प्रदूषित कर रहे हैं। इनमें फसलों पर पैस्ट्रिसाइट्स का उपयोग और कारखानों से निकलनेवाले कैमिकल युक्त पानी को जमीन में डालने जैसी गलतियां शामिल हैं।
-कैमिकल युक्त मिट्टी में उपजी फसलें और जमीन में जानेवाला कैमिकल युक्त पानी मिलकर हमें लिवर कैंसर, लिवर एब्सेस, कोलोन कैंसर, ट्यूमर जैसी जानलेवा बीमारियों का मरीज बना देते हैं।
World Environment Day 2020: कोरोना ने खिला दिए नेचर लवर्स के चेहरे!
वायु और जल प्रदूषण से होते हैं ये रोग
-कुछ बीमारियां ऐसी हैं, जो वायु और जल दोनों तरह के पलूशन के कारण होती हैं। इनमें त्वचा संबंधी बीमारियां शामिल हैं। जैसे स्किन कैंसर, स्किन इंफेक्शन आदि।
-आपको जानकार हैरानी होगी की सड़क पर बिछाए जानेवाले तारकोल से भी वायु प्रदूषण बढ़ता है। इस प्रदूषण के कारण स्किन डिजीज के केस बढ़ सकते हैं। तारकोल से होनेवाली प्रदूषण के चलते स्किन कैंसर जैसा गंभीर रोग हो सकता है।
Gargle Effect On Corona: कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा कोरोना, करें इस पानी के गरारे