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Health Benefits Of Mulethi: बरसात के मौसम में करें मुलेठी का उपयोग, दूर रहेंगे ये इंफेक्शन

बरसात के मौसम और कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते जितनी भी सेहत संबंधी समस्याएं इस समय बढ़ रही हैं, उन्हें मुलेठी के सेवन से नियंत्रित किया जा सकता है...

नवभारतटाइम्स.कॉम 29 Jul 2020, 3:01 pm
बरसात के मौसम में अधिकतर लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। इसकी वजह मुख्य रूप से लगातार घटता-बढ़ता तापमान होता है, जिसके साथ हमारे शरीर को संतुलन बनाने करने में दिक्कत होती है। इस स्थिति में शरीर को एक्स्ट्रा सपॉर्ट की जरूरत होती है, जो उसे एजेस्टमेंट के लिए एनर्जी दे सके। मुलेठी एक ऐसी ही आयुर्वेदिक औषधि है, जो हमारी बॉडी में पॉवर बूस्टर की तरह काम करती है...
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Health Benefits Of Mulethi: बरसात के मौसम में करें मुलेठी का उपयोग, दूर रहेंगे ये इंफेक्शन


पॉवर बूस्टर की तरह काम करती है दालचीनी

ऐसा नहीं है कि मुलेठी का सेवन तभी करना चाहिए, जब हम किसी रोग के शिकार हो चुके हों। अगर आप चाहते हैं कि आप हमेशा हेल्दी और फिट रहें तो आप निश्चित मात्रा में मुलेठी का सेवन नियमित रूप से कर सकते हैं। इसके सेवन से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।

कोरोना से बचने में लाभकारी

हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस हमारे शरीर पर जल्दी से अटैक नहीं कर पाते हैं। यही वजह है कि कोरोना वायरस बचने के लिए भी हेल्थ एक्सपर्ट मुलेठी के सेवन की सलाह दे रहे हैं। इसे लिक्यॉरस (Liquorice) और लिकरिस (liquorice) नाम से भी जाना जाता है।

एलर्जी नहीं बढ़ने देते

मुलेठी का नियमित सेवन हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मुलेठी में जो एंजाइम्स पाए जाते हैं वे शरीर में लिंफोसाइट्स (lymphocytes) और (macrophages) का उत्पादन करने में मदद करते हैं। लिंफोसाइट्स और मैक्रोफेज शरीर को बीमार बनानेवाले माइक्रोब्स, पॉल्यूटेंट, एलर्जी और उन हानिकार सेल्स को शरीर में विकसित होने से रोकते हैं, जो हमें ऑटोइम्यून सिस्टम से संबंधित बीमारियां दे सकते हैं।

गले के इंफेक्शन से बचाती है मुलेठी

मुलेठी गले, कान, आंख और नाक में होनेवाले लोगों से बचाती है। आमतौर पर हमें कोई भी संक्रमण सांस और गले के जरिए होता है। जैसे खांसी, फ्लू, छींके आना आदि। ऐसे में अगर आपको लगता है कि आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आ गए हैं और गले या नाक में तकलीफ हो सकती है तो मुलेठी के छोटे से टुकड़े पर शहद लगाकर उसे टॉफी की तरह चूसते रहें। गले में आए हुए बैक्टीरिया पनप नहीं पाएंगे।

खांसी और सीजनल फ्लू से बचाए

सीजनल फ्लू से भी बचाने में मददगार है मुलेठी। यह खांसी में बहुत अधिक लाभकारी होती है। खासतौर पर गीली खांसी में। गीली खांसी यानी वह स्थिति जब खांसते वक्त कफ आता है। इस खांसी में मुलेठी को शहद में मिलाकर चाटने से लाभ होता है। आप एक छोटी चम्मच से आधा चम्मच मुलेठी लें और उसे एक चम्मच शहद में मिला लें। इस मिश्रण को धीरे-धीरे चाटकर खाएं। आप यह प्रक्रिया दिन में अधिक से अधिक तीन बार अपना सकते हैं।

डायजेशन ठीक रखती है मुलेठी

-मुलेठी में ग्लाइसीरहिजिन (glycyrrhizin) और कार्बेनेक्सोलोन (carbenoxolone) जैसे ऐक्टिव कंपाउंड्स (सक्रिय यौगिक) होते हैं। ये ऐक्टिव कंपाउंड्स हमारी आंतों में किसी भी तरह के वेस्ट को जमा नहीं होने देते हैं। इस कारण हमें कब्ज से राहत मिलती है।

-पेट दर्द, पेट में भारीपन, अनइजीनेस, खट्टी डकारें, एसिड बनने की समस्या नहीं होती है। यह एक हल्के रेचक (mild laxative) के रूप में काम करता है, जो पेट में किसी भी तरह के वेस्ट के जमा होने पर प्रेशर क्रिएट करता है और शरीर में मौजूद अपशिष्ट पदार्थ मल के रूप में बाहर निकल जाते हैं।

गठिया से बचाए

गठिया यानी ऑर्थराइटिस (arthritis)एक ऐसी समस्या है, जिससे ज्यादातर लोग बढ़ती उम्र में परेशान रहते हैं। या फिर कई केसेज में पोषक तत्वों की कमी, कैल्शियम का अभाव भी इस बीमारी की वजह बन जाता है। लेकिन मुलेठी में मौजूद सूजन और दर्द को कम करनेवाले गुण होते हैं।

-इन्हें सूजन निरोधी गुणों (anti-inflammatory properties) के रूप में जाना जाता है। इन गुणों के कारण मुलेठी शरीर में अंदरूनी या बाहरी किसी भी तरह की सूजन को पनपने नहीं देती है।

दिल के रोगों से बचाए

-आयुर्वेद के जानकार और दिशा में प्रमुखता से काम करने वाले बाबा रामदेव का कहना है कि सही तरीके से मुलेठी और शहद का सेवन किया जाए तो यह हृदय के रोगों से बचाता है। बस जरूरी है कि आप अच्छे वैद्य जी से सही मात्रा और खाने के सही तरीके की जानकारी प्राप्त करें।

अस्थमा जैसे रोगों से बचाए

-मुलेठी का नियमित सेवन अस्थमा जैसे रोगों से बचाए रखता है। क्योंकि इसमें कफोत्सारक (Expectorant) गुण होते हैं। ये शरीर के वायु मार्ग में कफ के उत्सर्जन को संतुलित बनाए रखने का काम करते हैं। इसके सेवन से व्यक्ति ब्रोंकाइटिस (Bronchitis), गले में सूजन और अस्थमा जैसे रोगों से बचा रहता है।

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