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क्या गर्भवती महिलाओं के लिए सेफ है Breast Ultrasound?

ब्रेस्ट या स्तन में गठान सा महसूस होने पर डॉक्टर ब्रेस्ट अल्ट्रासाउंड की सलाह देते हैं। लेकिन क्या यह गर्भवती महिलाओं के लिए सेफ है?

नवभारतटाइम्स.कॉम 6 Aug 2019, 1:15 pm
ब्रेस्ट अल्ट्रासाउंड एक इमेजिंग टेकनिक है जिसे आमतौर पर ट्यूमर या ब्रेस्ट से जुड़ी कोई समस्या के बारे में जानने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अलट्रासाउंड हाई-फ्रीक्वेंसी साउंड वेव्स का इस्तेमाल करते हुए ब्रेस्ट के अंदर की कोशिकाओं की विस्तृत इमेज पेश करता है। एक्स-रे और सिटी स्कैन जैसी तकनीकों की तरह अल्ट्रासाउंड रेडिएशन का इस्तेमाल नहीं करता जिससे इसे ज्यादा सेफ माना जाता है।
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कितना सेफ है ब्रेस्ट अल्ट्रासाउंड


इसकी इस खासियत के कारण इस तकनीक के इस्तेमाल को उन महिलाओं के लिए भी सेफ माना जाता है, जिन्हें रेडिएशन से दूर रहने की सलाह दी जाती है। उदाहरण के लिए, प्रेगनेंट महिलाएं, ब्रेस्टफीड करवाने वाली महिलाएं और ऐसी महिलाएं जिन्होंने सिलिकॉन इम्प्लांट करवाए हों।

सावधानी
यूं तो अल्ट्रासाउंड करवाने से पहले कोई सावधानी बरतने की जरूरत नहीं होती है, लेकिन सलाह दी जाती है कि अल्ट्रासाउंड से पहले शरीर पर पाउडर, लोशन या अन्य कॉस्मेटिक न लगाएं, क्योंकि इससे रिपोर्ट की सटीकता पर असर पड़ सकता है।


क्यों करवाया जाता है
ब्रेस्ट में यदि कोई गठान या उभार दिखता है या महसूस होता है तो डॉक्टर अल्ट्रासाउंड की सलाह देता है। इससे डॉक्टर को यह पहचानने में आसानी होती है कि उभार में सिस्ट है या फिर वह ट्यूमर है। इसके साथ ही उन्हें गठान या उभार की सटीक जगह व आकार के बारे में भी पता चलता है।

ट्यूमर के बारे में सटीक जानकारी मिलने के बाद डॉक्टर उसके तरल पदार्थ को टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं, ताकि यह सुनिश्चित करा जा सके कि बन रही गठान में कहीं कैंसर सेल्स तो नहीं हैं और इसी के आधार पर फिर आगे का इलाज तय किया जाता है।

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