ऐपशहर

8 साल की उम्र में बेटा हुआ मोटापे का शिकार, इस टेक्निक से बैंकर मां ने 9 महीने में करवा दिया 10kg Weight Loss

Fat To Fit Transformation: 8 साल के बेटे के बढ़ते वजन से परेशान बैंकर मां ने अपनी वेट लॉस जर्नी के अनुभव से सिर्फ 9 महीने में मोटापा कम कर दिया। वह बताती हैं कि बच्चे को अहसास कराए बिना लाइफस्टाइल में बदलाव करना एक कठिन हिस्सा था।

Authored byशारदा सिंह | नवभारतटाइम्स.कॉम 13 Dec 2022, 2:43 pm
बैंकर, वेलनेस कोच और दो बच्चों की मां भावना सिन्हा अपने बड़े बेटे के मोटापे के लिए खुद को जिम्मेदार मानती हैं। वह बताती हैं कि ध्यान न देने की वजह से उनका बेटा 8 साल की उम्र में 47 किलो का हो गया था। खुद के मोटापे के दौरान परेशानियों के अनुभव से मिली सीख ने भावना को अहसास कराया कि बच्चे के हेल्दी लाइफ के लिए वक्त रहते स्वस्थ वजन को पाना बहुत जरूरी है। इस पक्के इरादे के साथ भावना ने केवल 9 महीनों में अपने बेटे का वेट 47 किलो से 37 किलो तक पहुंचा दिया। चलिए जानते हैं कैसी थी भावना के मार्गदर्शन में उनके बेटे प्रियेश सिन्हा की वेट लॉस जर्नी।
नवभारतटाइम्स.कॉम kid weight loss story mom help her 8 years old son to lose excess fat
8 साल की उम्र में बेटा हुआ मोटापे का शिकार, इस टेक्निक से बैंकर मां ने 9 महीने में करवा दिया 10kg Weight Loss



​टर्निंग प्वाइंट

बेटे के मोटापे की जिम्मेदार भावना खुद को बताती हैं। उसका दिन भर बिस्कुट खाना, बिस्तर और सोफे पर दिनभर पड़े रहना यह सब मेरे आंखों के सामने हो रहा था पर मैंने इस तरह ध्यान नहीं दिया। COVID-19 से खेलने या कोई बाहरी गतिविधि करने से रोकने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। हालांकि, एक बार जब मुझे एहसास हुआ कि मेरा बेटा अनहेल्दी लाइफस्टाइल जी रहा है, तो मैंने उसके वेट लॉस प्लान बनाने का पक्का मन बना लिया।

​बच्चे के लाइफस्टाइल में किए ये बदलाव

भावना वेट लॉस के लिए बेटे को सुबह नारियल पानी देती थी, जिससे उसकी बॉडी में दिनभर एनर्जी बनी रहे। वह बताती हैं कि मैंने उसे एक घंटे के लिए उसके पसंदीदा खेल टेनिस खेलने के लिए क्लास ज्वाइन करवाया। बेटे की रूटीन में 20% फिजिकल एक्टिविटी के बदलाव के साथ आहार में 80% बदलाव शामिल किए। हालांकि, ये परिवर्तन धीरे-धीरे शुरू किए जिससे मेरे बच्चे को इस बदलाव का बिल्कुल भी आभास नहीं हुआ।

​ब्रेकफास्ट

बेटे का ब्रेकफास्ट डाइट शेयर करते हुए भावना बताती हैं कि मैंने पोषण वाले ड्रिंक के साथ प्रियेश को भिगोए हुए ड्राई फ्रूट्स और एक केला रोज देना शुरू किया। इसके अलावा इसके सेब को छिलके खाने की आदत में सुधार के सेब को छिलके साथ खिलाया।

​डाइट से अनहेल्दी चीजें हटाकर खिलाया घर का खाना

भावना ने बेटे को स्नैक्स के लिए बिस्कुट की जगह घर पर बिने ड्राई फ्रूट्स के लड्डू दिए। साथ ही लंच बॉक्स में घर का बना खाना ही पैक किया। वह बताती हैं कि इसके कुछ दिन बाद से मैंने उसके लिए भोजन से पहले खीरे जैसी कच्ची सब्जी खाना अनिवार्य कर दिया। इस आदत को बनाने में मुझे 7 सप्ताह से अधिक समय लग गया। अब वह खीरा, चुकंदर जरूर लेता है, और केला, सेब के साथ पपीता जैसे फल भी उसके डाइट का हिस्सा हैं।

​खाने से सोने तक का बनाया डेली रूटीन

भावना बताती हैं कि मैंने अपने बेटे के लिए खाने से लेकर सोने तक का समय तय कर दिया था। डेली रूटीन में इस एक सुधार ने मैजिक की तरह काम किया। पहले वह रात करीब 11 बजे मेरे साथ सोता था। जिससे उसे सुबह स्कूल और टेनिस क्लास की वजह से पर्याप्त नींद नहीं मिल पा रही थी।

​अपनी वेट लॉस जर्नी की सीख से किया बेटे का वेट लॉस

भावना कहती हैं कि मुझे खुशी है कि मुझे वक्त रहते यह एहसास हो गया कि मेरे बेटे के हेल्थ पर ध्यान देने की जरूरत है। यह केवल मेरे खुद के स्वास्थ्य और फिटनेस जर्नी के कारण ही संभव हुआ। हेल्थ कोच बनकर और हेल्थ एजुकेशन में अपना समय इन्वेस्ट करके मुझे विजन मिला की कैसे एक आइडल हेल्थ को पाया जा सकता है।

इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

डिस्क्लेमर : लेखक के लिए जो चीजें काम आईं जरूरी नहीं है कि आपके लिए भी काम करें। तो इस लेख में बताई गई डाइट-वर्कआउट को आंख मूंदकर फॉलो करने से बचें और पता करें कि आपके शरीर के लिए सबसे अच्छा क्या काम करता है।

यदि आपके पास भी ऐसी ही वेट लॉस से जुड़ी अपनी कहानी है, तो हमें nbtlifestyle@timesinternet.in पर भेजें।

लेखक के बारे में
शारदा सिंह
शारदा सिंह 2022 से नवभारत टाइम्स में बतौर कंटेंट राइटर कार्यरत हैं। इन्हें हेल्थ, होम डेकोर और रिलेशनशिप जैसे टॉपिक्स पर लिखने का अनुभव है। इसके अलावा खाली समय में नेचर को एक्सप्लोर करना पसंद करती हैं, इसलिए अक्सर अपनी छुट्टियां यह पहाड़ों पर ट्रैकिंग करते बिताती हैं। इसके अलावा थिएटर और किताबों में भी इनकी बहुत रुचि है।... और पढ़ें

अगला लेख

Lifestyleकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर
ट्रेंडिंग