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एक ही जगह देर तक बैठे रहने के हो सकते हैं गंभीर नतीजे

ताजा शोध में यह बात सामने आई है कि 'वैरिकोज वेन्स' यानी पैरों की नसें सूजने की बीमारी युवाओं में चिंता का कारण बन रही है। करीब 7 प्रतिशत युवा इस स्थिति से परेशान हैं। इस रोग से महिलाओं को चार गुना अधिक खतरा रहता है...

नवभारत टाइम्स 14 Aug 2017, 2:34 pm
ताजा शोध में यह बात सामने आई है कि 'वैरिकोज वेन्स' यानी पैरों की नसें सूजने की बीमारी युवाओं में चिंता का कारण बन रही है। करीब 7 प्रतिशत युवा इस स्थिति से परेशान हैं। इस रोग से महिलाओं को चार गुना अधिक खतरा रहता है। पैरों की नसें सूजने के कारण शारीरिक व्यायाम न करना, एक ही जगह देर तक बैठे रहना, तंग कपड़े पहनना है।
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यह रोग तब होता है, जब निचले अंगों की नसों के वॉल्व क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। नतीजतन, निचले अंगों से हृदय की ओर रक्त का प्रवाह कम हो जाता है। इससे नसों में खून एकत्रित होता रहता है और पैरों में सूजन आ जाती है। यह रोग आमतौर पर पैरों में पाया जाता है।

आईएमए के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल के अनुसार, 'पैर में कई वॉल्व होते हैं, जो रक्त को हृदय की दिशा में प्रवाहित होने में मदद करते हैं। वैरिकोज अल्सर दोनों पैरों में हो सकता है। जब ये वॉल्व क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, तो सूजन, दर्द, थकान, खुजली और रक्त के थक्के बनना शुरू हो होता है। यह एक धीमी लेकिन बेहद परेशान करने वाली बीमारी है।'

डॉक्टर अग्रवाल के मुताबिक इस बीमारी के लक्षण शुरुआत में हल्के होते हैं, जिस वजह से लोग इस पर ध्यान नहीं देते। इससे जटिलता का सामना करना पड़ सकता है और इलाज मुश्किल होता जाता है। इलाज समय पर कराना जरूरी है, वरना अल्सर विकसित हो सकता है। गर्भावस्था, पीरियड्स कुछ कारक हैं जो महिलाओं में वैरिकोज नसों को प्रभावित करते हैं।

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