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Women's health: ज्‍यादातर महिलाओं को नहीं पता PCOS के बारे में ये बातें, ठीक होना है तो छोड़ दें ये सफेद चीज

जिन महिलाओं को पीसीओएस की शिकायत है, उन्हें इनके प्रकारों के बारे में जानकारी जरूर होनी चाहिए। इससे समस्या का उपचार करने में आसानी होगी।

नवभारतटाइम्स.कॉम 16 Mar 2021, 10:38 am
महिलाओं में पीसीओएस (पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम ) होना सामान्य है। लेकिन जो महिलाएं इस हार्मोनल विकार से ग्रसित हैं वे अब भी इससे जुड़ी कई बातों से अनजान हैं। डॉक्टर्स के अनुसार, पीसीओएस एक नहीं बल्कि कई प्रकार का होता है। लेकिन ज्यादातर महिलाएं इस बारे में कुछ नहीं जानतीं। उन्हें नहीं पता , कि वे आखिर किस तरह के पीसीओएस की शिकार हैं। आगे चलकर स्थिति गंभीर न हो, इसके लिए जरूरी है कि पीसीओएस के प्रकार, लक्षण और उपचारों के बारे में जानने की कोशिश करें।
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Women's health: ज्‍यादातर महिलाओं को नहीं पता PCOS के बारे में ये बातें, ठीक होना है तो छोड़ दें ये सफेद चीज


डॉक्टर्स के अनुसार अलग-अलग प्रकार के पीसीओएस के लक्षण भी अलग होते हैं। इन लक्षणों को समय रहते नहीं पहचाना गया, तो सही उपचार में देरी हो सकती है। वैसे सभी महिलाओं के लिए पहला संकेत है अनियमित पीरियड्स। अगर आप जानती हैं कि आप ओव्यूलेट नहीं कर रही हैं और पीरियड्स भी समय पर नहीं आ रहे, तो आपको ये पता लगाना चाहिए कि आप किस टाइप के पीसीओएस से जूझ रही हैं। यहां आपकी मदद के लिए हम आपको पीसीओएस के प्रकार , इनके कारण और लक्षणों के बारे में बताएंगे। इससे आपको जानने में मदद मिलेगी कि आप खुद किस तरह के पीसीओएस से ग्रसित हैं।

पीसीओएस के प्रकार

इंसुलिन -प्रतिरोधी पीसीओएस-
यह पीसीओएस का सबसे आम प्रकार है। इसमें इंसुलिन का लेवल हाई होने पर ओव्यूलेशन रूक जाता है, जिससे पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं। इसके लक्षणों में शामिल है वजन बढना, मूड स्विंग होना, मुंहासे और पीरियड में कमी आना। आपको बता दें कि इन लक्षणों वाली पीसीओएस की महिलाओं को बॉर्डर लाइन डायबिटिक माना जाता है।
(फोटो साभार: istock by getty images)

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सूजन आधारित पीसीओएस

यह पीसीओएस का वो प्रकार है, जिसमें महिलाएं वजन बढऩे का अनुभव नहीं करतीं। ऐसा सूजन आने पर होता है। ऐसी स्थिति में ओव्यूलेशन रूक जाता है और पीरियड्स भी अनियमित हो जाते हैं। कई बार चीनी, सोया , डेयरी उत्पाद दबे हुए ओव्यूलेशन और इरेगुलर पीरियड्स का कारण बनते हैं। यानि की ओव्यूलेशन की कमी लक्षणों का कारण बन सकती है।

सिंथेटिक बेस्ड पीसीओएस

इस तरह का पीसीओएस उन महिलाओं में सामान्य है, जो जन्म नियंत्रण गोलियों के कारण विकसित होता है। इससे ओव्यूलेशन दब जाता है। अधिकांश महिलाओं के साथ यह स्थिति लंबे समय तक नहीं रहती। गोली का असर खत्म होने के बाद वे फिर से ओव्यूलेशन शुरू कर देती हैं। लेकिन कुछ महिलाएं महीनों और सालों तक ओव्यूलेट नहीं कर पातीं।

पीसीओएस के लिए सामान्य उपचार

वैसे तो पीसीओएस का कोई खास उपचार नहीं है, लेकिन उपचार ऐसे कारकों के लिए है, जो पीसीओएस के लक्षणों का संकेत देते हैं।
डायबिटीज की दवाएं- डायबिटीज में दी जाने वाली दवाएं इसे मैनेज करने में मदद करेंगी। ऐसा इसलिए क्योंकि बॉडी में शुगर लेवल बढ़ जाने से पीसीओएस की संभावना बढ़ सकती है।

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फर्टिलिटी की दवाएं

इंफर्टिलिटी के उपचार में कुछ दवाएं जैसे एफएसएच और एलएच जैसे क्लोमिड और इंजेक्शन वाली दवाएं शामिल हैं। कई बार डॉक्टर लेट्रोजोल लेने को कहते हैं।

इंफर्टिलिटी के लिए उपचार-
आईवीएफ या आईयूआई जैसे उपचार में कुछ दवाएं जैसे स्पिरोनोलैक्टोन दी जाती है । जिस कारण बालों का विकास नियंत्रित हो जाता है।

पीसीओएस के लिए प्राकृतिक उपचार

पीसीओएस से ग्रसित महिलाओं के लिए वीटेक्स अच्छा विकल्प नहीं है। जबकि इंफ्लेमेशन बेस्ड पीसीओएस यानि सूजन आधारित पीसीओएस वाली महिलाएं के लिए वीटेक्स बढिय़ा है, लेकिन वे अगर किसी अलग प्रकार के पीसीओएस से ग्रसित हैं, तो ऐसी स्थिति में वीटेक्स लक्षणों को और भी बदतर बना सकता है।

पीसीओएस टाइप्स के लिए 3 स्टेज स्ट्रेटजी अपनाएं-
  • ब्लड शुगर को स्थिर करके इंसुलिन को संतुलित करें।
  • स्ट्रेस मैनेज कर कॉटिसोल को संतुलित करें।
  • डिटॉक्सीफिकेशन का समर्थन और एस्ट्रोजन हार्मोन को संतुलित करने का प्रयास करें।

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पीसीओएस प्रकार के लिए सुझाव

  • यदि आपके इंसुलिन प्रतिरोधी पीसीओएस है, तो अपने रक्त शकर्रा की स्थिरता पर ध्यान देना चाहिए। इसके लिए आप अपने आहार में दालचीनी का सेवन बढ़ाएं।
  • अच्छी नींद लें।
  • चीनी से दूरी बनाए रखें।
  • मैग्नीशियम सप्लीमेंट का सेवन करें।
  • इंसुलिन स्पाइक को रोकने के लिए खाने के बाद रोज ब्रिस्क वॉक करें।

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