Urine Leakage: खांसते समय कपड़ों में ही निकल जाता है यूरिन, यह है समस्या की वजह
कुछ महिलाओं और पुरुषों दोनों के साथ ही हंसते, खांसते, छींकते या कोई शारीरिक श्रम करते समय कपड़ों में ही यूरिन निकल जाने की समस्या होती है। इस समस्या के तार कई बार लोगों की टीनऐज से जुड़े होते हैं तो कई बार सेहत से जुड़ी दूसरी समस्याओं से। यहां जानें इस समस्या और निदान के बारे में...
नवभारतटाइम्स.कॉम 2 Jul 2020, 4:49 pm
टीनऐज में कदम रखते ही शरीर में कई तरह के बदलाव शुरू हो जाते हैं। ये बदलाव ज्यादातर हॉर्मोनल होते हैं। इस उम्र में लड़के और लड़कियों दोनों के ही शरीर में बहुत अधिक परिवर्तन चल रहे हैं। यही वह उम्र है जब लड़कियों को महावारी यानी पीरियड्स आने शुरू होते हैं। पीरियड्स का शुरू होना एक लड़की की मानसिक और शारीरिक सेहत को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। आइए, यहां जानते हैं कि युवावस्था की तरफ कदम बढ़ाते हुए लड़के और लड़कियों को किस बात का ध्यान सबसे अधिक रखना चाहिए...
यह है मुख्य मुद्दा
-ग्रोइंग बच्चों को जिस चीज पर सबसे अधिक ध्यान देना चाहिए, वह है उनकी पर्सनल हाइजीन। आज भी पैरंट्स इस मुद्दे पर बच्चों से बात करने में झिझकते हैं। लेकिन इस स्थिति को बदलने की जरूरत है। जब बच्चों को अपनी पर्सनल हाइजीन के बारे में पता नहीं होता है तो वे कई तरह के इंफेक्शन का शिकार हो जाते हैं। साथ ही झिझक के कारण अपनी बात किसी से साथ शेयर भी नहीं कर पाते हैं।
Diet Syndrome: डायटिंग के बाद बढ़ जाता है वजन? यो-यो डायट सिंड्रोम हो सकता है वजह
-इस कारण अक्सर ये इंफेक्शन गंभीर रूप ले लेते हैं। इस तरह की समस्या खासतौर पर लड़कियों में देखने को मिलती है। उन्हें पीरियड्स से जुड़ी जरूरी साफ-सफाई, पैड चेंज करने का सही समय आदि के बारे में पता नहीं होता है। इस कारण उनके प्राइवेट पार्ट में पनपनेवाला इंफेक्शन उनके शरीर के अंदरूनी हिस्सों में भी फैल जाता है।
इस तरह की होती हैं समस्याएं
-यूरिन इंफेक्शन या प्राइवेट पार्ट में पनपे अन्य बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण कई बार यह दिक्कत लड़कियों के गर्भाश्य तक पहुंच जाती है। इससे कुछ लड़कियों को शादी के बाद प्रेग्नेंसी में भी दिक्कत आती है।
अत्यधिक ऐक्टिव ब्लेडर
-जब हमारे ब्लेडर में यूरिन भर जाता है तो इसकी तरफ से एक सिग्नल हमारे ब्रेन को भेजा जाता है, इसी से हमें यूरिन जाने का अहसास होता है। लेकिन जब ब्लेडर बहुत अधिक ऐक्टिव हो जाता है तो यह यूरिन को बिल्कुल भी होल्ड नहीं कर पाता है। और थोड़ा-सा यूरिन जमा होने पर ही बहुत तेज प्रेशर बनने लगता है।
लू और लूज मोशन से बचने के घरेलू तरीके
-हालांकि बहुत अधिक ऐक्टिव ब्लेडर का कोई पुख्ता कारण अभी तक साफ नहीं है। लेकिन इतनी बात जरूर साफ है कि ज्यादातर महिलाओं में ओवर ऐक्टिव ब्लेडर की वजह तनाव होता है। कुछ में सिर्फ मानसिक तनाव अधिक देखने को मिलता है। जबकि कुछ महिलाओं में मानसिक और शारीरिक दोनों तरह का तनाव देखने को मिलता है।
पेल्विक मसल्स का कमजोर होना
-बच्चे के जन्म के बाद, अधिक वजन बढ़ जाने पर, प्रीमेनोपॉज की स्थिति में या कई बार बढ़ती उम्र के कारण पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, इस कारण खांसते, छींकते या एक्सर्साइज करते समय यूरिन लीक होने की समस्या शुरू हो जाती है।
जिन्हें देसी घी खाना पसंद नहीं उनके लिए शानदार विकल्प है कोकोनट वर्जिन ऑइल
-कुछ लोगों में शारीरिक कमजोरी, किसी लंबी बीमारी या सही डायट के अभाव में भी यूरिन लीक होने की समस्या देखने को मिलती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पेल्विक मसल्स कमजोर हो जाती हैं और इन हंसने, खांसने, छींकने या शारीरिक गतिविधि करने के दौरान जब हमारे ब्लेडर पर दबाव पड़ता है तो वह यूरिन को रोककर नहीं रख पाता और कुछ मात्रा में पेशाब कपड़ों में ही लीक हो जाता है।
उपचार
-यूरिन लीकेज को रोकने के लिए सबसे पहले आपको अपनी डायट में मीठी और खट्टी चीजों का सेवन बहुत ही कम या बंद करना होगा।
-आप अपने ब्लेडर को ट्रेंड करने की कोशिश करें, इस बारे में पेल्विक मसल्स से जुड़ी एक्सर्साइज आपके लिए सहायक होंगी।
-चाय-कॉफी और कैफीन की मात्रा लेना एकमद बंद कर दें। बहुत जरूरी हो तो दिनभर में 1 कप से ज्यादा चाय या कॉफी ना लें।
-नियमित योग और एक्सर्साइज आपकी समस्या को दूर करने में सहायक होगी।
-यदि इन सबके बाद भी आपको राहत का अनुभव ना हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।
यह है मुख्य मुद्दा
-ग्रोइंग बच्चों को जिस चीज पर सबसे अधिक ध्यान देना चाहिए, वह है उनकी पर्सनल हाइजीन। आज भी पैरंट्स इस मुद्दे पर बच्चों से बात करने में झिझकते हैं। लेकिन इस स्थिति को बदलने की जरूरत है। जब बच्चों को अपनी पर्सनल हाइजीन के बारे में पता नहीं होता है तो वे कई तरह के इंफेक्शन का शिकार हो जाते हैं। साथ ही झिझक के कारण अपनी बात किसी से साथ शेयर भी नहीं कर पाते हैं।
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-इस कारण अक्सर ये इंफेक्शन गंभीर रूप ले लेते हैं। इस तरह की समस्या खासतौर पर लड़कियों में देखने को मिलती है। उन्हें पीरियड्स से जुड़ी जरूरी साफ-सफाई, पैड चेंज करने का सही समय आदि के बारे में पता नहीं होता है। इस कारण उनके प्राइवेट पार्ट में पनपनेवाला इंफेक्शन उनके शरीर के अंदरूनी हिस्सों में भी फैल जाता है।
इस तरह की होती हैं समस्याएं
-यूरिन इंफेक्शन या प्राइवेट पार्ट में पनपे अन्य बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण कई बार यह दिक्कत लड़कियों के गर्भाश्य तक पहुंच जाती है। इससे कुछ लड़कियों को शादी के बाद प्रेग्नेंसी में भी दिक्कत आती है।
अत्यधिक ऐक्टिव ब्लेडर
-जब हमारे ब्लेडर में यूरिन भर जाता है तो इसकी तरफ से एक सिग्नल हमारे ब्रेन को भेजा जाता है, इसी से हमें यूरिन जाने का अहसास होता है। लेकिन जब ब्लेडर बहुत अधिक ऐक्टिव हो जाता है तो यह यूरिन को बिल्कुल भी होल्ड नहीं कर पाता है। और थोड़ा-सा यूरिन जमा होने पर ही बहुत तेज प्रेशर बनने लगता है।
लू और लूज मोशन से बचने के घरेलू तरीके
-हालांकि बहुत अधिक ऐक्टिव ब्लेडर का कोई पुख्ता कारण अभी तक साफ नहीं है। लेकिन इतनी बात जरूर साफ है कि ज्यादातर महिलाओं में ओवर ऐक्टिव ब्लेडर की वजह तनाव होता है। कुछ में सिर्फ मानसिक तनाव अधिक देखने को मिलता है। जबकि कुछ महिलाओं में मानसिक और शारीरिक दोनों तरह का तनाव देखने को मिलता है।
पेल्विक मसल्स का कमजोर होना
-बच्चे के जन्म के बाद, अधिक वजन बढ़ जाने पर, प्रीमेनोपॉज की स्थिति में या कई बार बढ़ती उम्र के कारण पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, इस कारण खांसते, छींकते या एक्सर्साइज करते समय यूरिन लीक होने की समस्या शुरू हो जाती है।
जिन्हें देसी घी खाना पसंद नहीं उनके लिए शानदार विकल्प है कोकोनट वर्जिन ऑइल
-कुछ लोगों में शारीरिक कमजोरी, किसी लंबी बीमारी या सही डायट के अभाव में भी यूरिन लीक होने की समस्या देखने को मिलती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पेल्विक मसल्स कमजोर हो जाती हैं और इन हंसने, खांसने, छींकने या शारीरिक गतिविधि करने के दौरान जब हमारे ब्लेडर पर दबाव पड़ता है तो वह यूरिन को रोककर नहीं रख पाता और कुछ मात्रा में पेशाब कपड़ों में ही लीक हो जाता है।
उपचार
-यूरिन लीकेज को रोकने के लिए सबसे पहले आपको अपनी डायट में मीठी और खट्टी चीजों का सेवन बहुत ही कम या बंद करना होगा।
-आप अपने ब्लेडर को ट्रेंड करने की कोशिश करें, इस बारे में पेल्विक मसल्स से जुड़ी एक्सर्साइज आपके लिए सहायक होंगी।
-चाय-कॉफी और कैफीन की मात्रा लेना एकमद बंद कर दें। बहुत जरूरी हो तो दिनभर में 1 कप से ज्यादा चाय या कॉफी ना लें।
-नियमित योग और एक्सर्साइज आपकी समस्या को दूर करने में सहायक होगी।
-यदि इन सबके बाद भी आपको राहत का अनुभव ना हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।