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पेट फूला रहता है, पुराना कब्ज है, भूख नहीं लगती? Stomach Acid कंट्रोल करके तुरंत आराम देंगी ये 5 जड़ी बूटी

Low Stomach Acid home remedies: पेट में एसिड या गैस्ट्रिक एसिड बेहतर पाचन के लिए जरूरी है। यह आपके द्वारा खाए गए भोजन से जरूरी मिनरल्स और प्रोटीन को अवशोषित करने के लिए आवश्यक है। इसकी कमी से पेट हमेशा भरा-भरा और फूला हुआ रहता है, आपको कम भूख लगती है, आप हमेशा कब्ज की समस्या से पीड़ित रहते हैं।

Authored byउस्मान खान | नवभारतटाइम्स.कॉम 11 Jul 2022, 8:16 am
क्या आपका पेट हमेशा भरा-भरा और फूला हुआ रहता है, क्या आपको कम भूख लगती है, क्या अप हमेशा कब्ज की समस्या से पीड़ित रहता हैं? पेट और पाचन से जुड़ी यह ऐसी आम समस्याएं हैं, जिनसे अधिकतर लोग रोजाना परेशान रहते हैं। बेशक इन विकारों के लिए कई कारण हो सकते हैं लेकिन पेट में कम तेज़ाब (Stomach acid) बनना भी इसकी एक बड़ी वजह हो सकता है। मेडिकल भाषा में इस समस्या को हाइपोक्लोरहाइड्रिया (Hypochlorhydria) कहा जाता है।
नवभारतटाइम्स.कॉम us based nutritionist reveals 5 herbs that support stomach acid and beat constipation bloating and nausea
पेट फूला रहता है, पुराना कब्ज है, भूख नहीं लगती? Stomach Acid कंट्रोल करके तुरंत आराम देंगी ये 5 जड़ी बूटी


पेट में एसिड या गैस्ट्रिक एसिड बेहतर पाचन के लिए जरूरी है। यह आपके द्वारा खाए गए भोजन से जरूरी मिनरल्स और प्रोटीन को अवशोषित करने के लिए आवश्यक है। पेट में एसिड का ज्यादा या कम बनना दोनों ही स्थितियों में नुकसानदायक है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि पेट में तेज़ाब का कम बनना एसआईबीओ (SIBO) जैसे बैक्टीरियल इन्फेक्शन के जोखिम को बढ़ा सकता है।

अमेरिकी डॉक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट Erin Kenney के अनुसार, तनाव और खराब खानपान कम एसिड बनने के दो बड़े कारक हैं, जो पाचन को प्रभावित करते हैं। हालांकि जिंक की कमी, एंटासिड का उपयोग, उम्र, दवाएं, इन्फेक्शन, चीनी का अधिक सेवन आदि भी ऐसे कारक हैं, जो पेट में एसिड कम कर सकते हैं।

पेट में कम एसिड बनने के लक्षण

  • बाल और नाखूनों का भंगुर होना
  • रिफ्लक्स के लक्षण
  • जी मिचलाना
  • ऐसा महसूस होना कि खाना पच नहीं रहा है
  • असामान्य मल त्याग
  • पोषक तत्वों की कमी

अरुगुला का पौधा

ऐसा माना जाता है कि 100 ग्राम अरुगुला में 91.71 ग्राम पानी और 1.6 ग्राम फाइबर होता है। हाई फाइबर सामग्री आपके आंत, पेट और अन्य पाचन अंगों के लिए भी अच्छी होती है। इसके अलावा हाई फाइबर खाद्य पदार्थ खाने से पेट के कैंसर, अल्सरेटिव कोलाइटिस और डायवर्टीकुलिटिस के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।

लहसुन

यह पेट की जलन जलन और सूजन को कम कर सकता है। लहसुन खाने से एसिड रिफ्लक्स जैसी समस्याओं से बचने में मदद मिलती है। ऐसा माना जाता है कि कच्चे लहसुन की कलियों का सेवन करने से आपको एसिडिटी के लक्षणों जैसे सीने में जलन, पेट दर्द और अपच से राहत मिल सकती है।

अदरक

अदरक एंटीऑक्सिडेंट और विभिन्न केमिकल्स का बढ़िया स्रोत है, जो कई औषधीय लाभ प्रदान कर सकता है। इसके फेनोलिक यौगिकों को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल जलन को दूर करने और गैस्ट्रिक संकुचन को कम करने के लिए जाना जाता है।

कच्चा नारियल

नारियल में एंटीहिस्टामाइन, एंटी-इन्फेक्शन और एंटीसेप्टिक्स गुण पाए जाते हैं। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है और ग्लुकोकोर्टोइड को बढ़ाता और मजबूत करता है। नारियल पेट की बेचैनी और एसिड रिफ्लक्स जैसे लक्षणों से राहत दिलाने में भी कारगर है।

कोको

ऐसा माना जाता है कि कोको पेट से जुड़े कई समस्याओं का समाधान है। इसमें फ्लेवोनोइड्स पाए जाते हैं, जो हल्के दस्त और पाचन मुद्दों से राहत भी दे सकती है। इसके फ्लेवनॉल्स पचने पर प्रीबायोटिक बन सकते हैं और प्रीबायोटिक्स आपके आंत में बैक्टीरिया को संतुलित करने काम करते हैं।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

लेखक के बारे में
उस्मान खान
"उस्मान खान नवभारत टाइम्स में बतौर कंटेंट राइटर कार्यरत हैं। डिजिटल मीडिया में 12 सालों से काम कर रहे हैं। समाचार और मनोरंजन से अपना करियर शुरू किया और और पिछले 7 साल से हेल्थ जर्नलिज्म से जुड़े हुए हैं। इन्हें हेल्थ और फिटनेस पर लिखना पसंद है। हेल्थ एंड फिटनेस के मामले में हमेशा नई चीजें सीखने के लिए उत्सुक रहते हैं। डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, यूरिक एसिड, ओरल हेल्थ, कैंसर, थाइरोइड, किडनी डिजीज, हार्ट डिजीज, लीवर डिजीज, गैस्ट्रिक प्रॉब्लम्स और रियल वेट लॉस स्टोरीज जैसे डेली लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक्स पर लिखना ज्यादा पसंद है। हर मर्ज का इलाज दवा नहीं है और यही वजह है कि ये अपने घरेलू, प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपचारों पर आधारित लेखों के जरिये पीड़ितों का ध्यान इस ओर खींचने का प्रयास करते हैं। दवाओं के विकल्प के तौर पर लिखे गए इनके सभी लेख वैज्ञानिक शोधों, विशेषज्ञों और चिकित्सकों की राय पर आधारित होते हैं। अगर बात करें निजी जीवन की, तो इन्हें खाली समय में फिल्में देखना और पहाड़ों की सैर करना पसंद है। किसी को भी अपने आर्टिकल को पढ़ने पर मजबूर कर देना इनकी सबसे बड़ी ताकत है।"... और पढ़ें

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