नई दिल्ली
पूर्वी दिल्ली के एक बिजनसमैन को बदमाशों ने 10 लाख रुपए का चूना लगाया है। बदमाशों ने जिस तरह से बिजनसमैन को ठगा है उससे पुलिस भी हैरान है। ठगों ने पहले तो बिजनसमैन को फ्री में एक क्रेडिट कार्ड ऑफर किया और फिर फोन कॉल्स की बौछार कर दी।
अनचाही फोन कॉल्स से परेशान पीड़ित संजय जैन से कुछ लोगों ने उनके टेलिफोन सर्विस प्रवाइडर के सिक्यॉरिटी ऑफिसर के रूप में संपर्क किया। इसके बाद उन्होंने जैन से अपने फोन में एक सॉफ्टवेयर रन करने को कहा। ऐसा करते ही कुछ दिनों के लिए उनका फोन बंद हो गया। इस दौरान जैन के क्रेडिट कार्ड्स से ठगों ने ऑनलाइन शॉपिंग की। जैन की शिकायत पर पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है। पुलिस को शक है कि पीड़ित ने जिस सॉफ्टवेयर को रन किया था, उसने उनके सिम का क्लोन बनाने में मदद की। पुलिस ने बताया कि बदमाशों को उसी क्लोन्ड सिम पर वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) मिला होगा और उन्होंने ऑनलाइन शॉपिंग कर ली।
जैन ने अपनी शिकायत में कहा, दिसंबर के अंतिम सप्ताह में उन्हें एक फोन कॉल आया, कॉल करने वाले ने अपना परिचय संजय के रूप में दिया। उसने खुद को एक प्राइवेट बैंक का प्रतिनिधि बताते हुए मुझे फ्री में एक क्रेडिट कार्ड ऑफर किया। 30 दिसंबर 2016 और 2 जनवरी 2017 को मुझे VK-MYAMEX से तीन मेसेज आए, जिनमें 'अमेरिकन एक्सप्रेस' की वेबसाइट के लिंक थे। मेसेज में मुझे अपनी मेल आईडी के साथ लॉगिन करने और पैन कार्ड व पासपोर्ट की स्कैन्ड कॉपी मेल करने को कहा गया था। संजय ने मुझे वेबसाइट पर जाकर प्रोसेसिंग फीस के तौर पर 100 रुपए का भुगतान करने को कहा, मैंने अपने क्रेडिट कार्ड से ऐसा करने की कोशिश भी की लेकिन ट्रांजैक्शन फेल हो गया। इस बारे में संजय से बात करने पर उसने कहा कि टेक्निकल कारणों से ट्रांजैक्शन फेल हुआ होगा।'
जैन के मुताबिक, 4 जनवरी सुबह 11:30 बजे से उन्हें इंटरनैशनल नंबर्स से उन्हें कॉल्स आनी शुरू हो गईं। इसके बाद उन्होंने तुरंत अपने सर्विस प्रवाइडर से इन कॉल्स को ब्लॉक करने का संपर्क किया। सर्विस प्रवाइडर ने उनसे कहा कि इस तरह की कॉल्स पर उनका कोई कंट्रोल नहीं है।
इसके बाद 6 जनवरी को जैन को प्रदीप कुमार नामक एक व्यक्ति ने कॉल किया। प्रदीप ने दावा किया कि वह उनकी सर्विस प्रवाइडर कंपनी का सिक्यॉरिटी ऑफिसर है। उसने जैन को अपने फोन में एक सॉफ्वेयर रन करने को कहा। जैन ने जैसे ही उस सॉफ्टवेयर को रन किया, उनका फोन ऑफ हो गया। इसके बाद जब जैन ने अपना टीपिन चेंज करवाने के लिए बैंक में संपर्क किया तो उन्हें बताया गया कि उनके क्रेडिट कार्ड्स से 2.24 लाख और 7.79 लाख रुपए खर्च किए गए हैं।
पूर्वी दिल्ली के एक बिजनसमैन को बदमाशों ने 10 लाख रुपए का चूना लगाया है। बदमाशों ने जिस तरह से बिजनसमैन को ठगा है उससे पुलिस भी हैरान है। ठगों ने पहले तो बिजनसमैन को फ्री में एक क्रेडिट कार्ड ऑफर किया और फिर फोन कॉल्स की बौछार कर दी।
अनचाही फोन कॉल्स से परेशान पीड़ित संजय जैन से कुछ लोगों ने उनके टेलिफोन सर्विस प्रवाइडर के सिक्यॉरिटी ऑफिसर के रूप में संपर्क किया। इसके बाद उन्होंने जैन से अपने फोन में एक सॉफ्टवेयर रन करने को कहा। ऐसा करते ही कुछ दिनों के लिए उनका फोन बंद हो गया। इस दौरान जैन के क्रेडिट कार्ड्स से ठगों ने ऑनलाइन शॉपिंग की। जैन की शिकायत पर पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है। पुलिस को शक है कि पीड़ित ने जिस सॉफ्टवेयर को रन किया था, उसने उनके सिम का क्लोन बनाने में मदद की। पुलिस ने बताया कि बदमाशों को उसी क्लोन्ड सिम पर वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) मिला होगा और उन्होंने ऑनलाइन शॉपिंग कर ली।
जैन ने अपनी शिकायत में कहा, दिसंबर के अंतिम सप्ताह में उन्हें एक फोन कॉल आया, कॉल करने वाले ने अपना परिचय संजय के रूप में दिया। उसने खुद को एक प्राइवेट बैंक का प्रतिनिधि बताते हुए मुझे फ्री में एक क्रेडिट कार्ड ऑफर किया। 30 दिसंबर 2016 और 2 जनवरी 2017 को मुझे VK-MYAMEX से तीन मेसेज आए, जिनमें 'अमेरिकन एक्सप्रेस' की वेबसाइट के लिंक थे। मेसेज में मुझे अपनी मेल आईडी के साथ लॉगिन करने और पैन कार्ड व पासपोर्ट की स्कैन्ड कॉपी मेल करने को कहा गया था। संजय ने मुझे वेबसाइट पर जाकर प्रोसेसिंग फीस के तौर पर 100 रुपए का भुगतान करने को कहा, मैंने अपने क्रेडिट कार्ड से ऐसा करने की कोशिश भी की लेकिन ट्रांजैक्शन फेल हो गया। इस बारे में संजय से बात करने पर उसने कहा कि टेक्निकल कारणों से ट्रांजैक्शन फेल हुआ होगा।'
जैन के मुताबिक, 4 जनवरी सुबह 11:30 बजे से उन्हें इंटरनैशनल नंबर्स से उन्हें कॉल्स आनी शुरू हो गईं। इसके बाद उन्होंने तुरंत अपने सर्विस प्रवाइडर से इन कॉल्स को ब्लॉक करने का संपर्क किया। सर्विस प्रवाइडर ने उनसे कहा कि इस तरह की कॉल्स पर उनका कोई कंट्रोल नहीं है।
इसके बाद 6 जनवरी को जैन को प्रदीप कुमार नामक एक व्यक्ति ने कॉल किया। प्रदीप ने दावा किया कि वह उनकी सर्विस प्रवाइडर कंपनी का सिक्यॉरिटी ऑफिसर है। उसने जैन को अपने फोन में एक सॉफ्वेयर रन करने को कहा। जैन ने जैसे ही उस सॉफ्टवेयर को रन किया, उनका फोन ऑफ हो गया। इसके बाद जब जैन ने अपना टीपिन चेंज करवाने के लिए बैंक में संपर्क किया तो उन्हें बताया गया कि उनके क्रेडिट कार्ड्स से 2.24 लाख और 7.79 लाख रुपए खर्च किए गए हैं।