नई दिल्ली
हौजखास विलेज में बुधवार सुबह एक रेस्तरां के छत वाले हिस्से में आग लग गई, जिसकी चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई। वह छत पर बने कमरे में था। उसके साथ फ्रांस की एक युवती भी थी, जो बुरी तरह जख्मी हुई है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
हादसा सुबह करीब 5:45 बजे मकान नंबर टी-71 में हुआ। दिल्ली फायर सर्विस के अनुसार, यहां फर्स्ट फ्लोर पर छत वाले हिस्से में शेड के सहारे कॉफी हाउस बना था, जिससे आग भड़की। दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि आग रेस्तरां में नहीं लगी, बल्कि उसके पीछे के हिस्से में लगी, जहां पहली मंजिल पर बने कमरे में एक युवक किराए पर रहता था। उससे साथ बीती रात फ्रांस की एक युवती ठहरी थी।
दोनों छत गिरने और धुएं की चपेट में आने से बेहोशी की हालत में सफदरजंग अस्पताल ले जाए गए, जहां डॉक्टरों ने युवक को मृत बताया, उसकी शिनाख्त गौरव तनेजा (37) के तौर पर हुई। वह पेशे से प्रॉपर्टी डीलर बताया जा रहा है। मूल रूप से हरियाणा के करनाल का रहने वाला है।
विदेशी युवती की पहचान एंक्लोरा (23) के तौर पर हुई है। वह भारत में स्टूडेंट वीजा पर आई हुई हैं। सोनीपत के किसी इंस्टीट्यूट से कोर्स कर रही है। शुरुआती जांच में आग लगने के कारणों का पता नहीं चला है।
चमचमाते विलेज की सुरक्षा पर सवाल
इस घटना से दिल्ली की रंगीन रातों के लिए 'हॉट स्पॉट' बन चुके हौजखास विलेज की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हुआ है। चीफ फायर ऑफिसर अतुल गर्ग के अनुसार, ''आग बहुत बड़ी नहीं थी, करीब डेढ़ घंटे में लपटों पर काबू पा लिया गया, लेकिन विलेज की संकरी गलियों में फायर की गाड़ियों के मुड़ने की जगह नहीं मिलने से फायर फाइटिंग में खासी मुश्किल आई। एक गाड़ी खाली होकर रिवर्स बैक आई, तब दूसरी गाड़ी जा सकी। गनीमत रही कि आग सुबह के समय लगी और ज्यादा नहीं फैली। यही हादसा रात में हुआ होता तो ज्यादा भयावह होता।''
सूत्रों के अनुसार, विलेज में करीब 70 रेस्तरां हैं, जिनमें फायर का अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) सिर्फ 3 रेस्तरां के पास है। नियमों के अनुसार, फायर की NOC लेने की जरूरत 50 फीट से ज्यादा एरिया कवर करने वाले रेस्तरां को पड़ती है, लेकिन विलेज में अधिकतर रेस्तरां 50 फीट से कम एरिया में बने हैं।
इसलिए उनमें फायर से बचाव के उपायों को नजरंदाज किया जाता है। अग्निश्मन अधिकारियों का कहना है कि जिस तरह से हौजखास विलेज में रात के समय भीड़ जुटती है, उसे देखते हुए पुराने नियमों की आड़ में बड़ा रिस्क लिया जा रहा है।
हौजखास विलेज में बुधवार सुबह एक रेस्तरां के छत वाले हिस्से में आग लग गई, जिसकी चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई। वह छत पर बने कमरे में था। उसके साथ फ्रांस की एक युवती भी थी, जो बुरी तरह जख्मी हुई है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
हादसा सुबह करीब 5:45 बजे मकान नंबर टी-71 में हुआ। दिल्ली फायर सर्विस के अनुसार, यहां फर्स्ट फ्लोर पर छत वाले हिस्से में शेड के सहारे कॉफी हाउस बना था, जिससे आग भड़की। दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि आग रेस्तरां में नहीं लगी, बल्कि उसके पीछे के हिस्से में लगी, जहां पहली मंजिल पर बने कमरे में एक युवक किराए पर रहता था। उससे साथ बीती रात फ्रांस की एक युवती ठहरी थी।
दोनों छत गिरने और धुएं की चपेट में आने से बेहोशी की हालत में सफदरजंग अस्पताल ले जाए गए, जहां डॉक्टरों ने युवक को मृत बताया, उसकी शिनाख्त गौरव तनेजा (37) के तौर पर हुई। वह पेशे से प्रॉपर्टी डीलर बताया जा रहा है। मूल रूप से हरियाणा के करनाल का रहने वाला है।
विदेशी युवती की पहचान एंक्लोरा (23) के तौर पर हुई है। वह भारत में स्टूडेंट वीजा पर आई हुई हैं। सोनीपत के किसी इंस्टीट्यूट से कोर्स कर रही है। शुरुआती जांच में आग लगने के कारणों का पता नहीं चला है।
चमचमाते विलेज की सुरक्षा पर सवाल
इस घटना से दिल्ली की रंगीन रातों के लिए 'हॉट स्पॉट' बन चुके हौजखास विलेज की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हुआ है। चीफ फायर ऑफिसर अतुल गर्ग के अनुसार, ''आग बहुत बड़ी नहीं थी, करीब डेढ़ घंटे में लपटों पर काबू पा लिया गया, लेकिन विलेज की संकरी गलियों में फायर की गाड़ियों के मुड़ने की जगह नहीं मिलने से फायर फाइटिंग में खासी मुश्किल आई। एक गाड़ी खाली होकर रिवर्स बैक आई, तब दूसरी गाड़ी जा सकी। गनीमत रही कि आग सुबह के समय लगी और ज्यादा नहीं फैली। यही हादसा रात में हुआ होता तो ज्यादा भयावह होता।''
सूत्रों के अनुसार, विलेज में करीब 70 रेस्तरां हैं, जिनमें फायर का अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) सिर्फ 3 रेस्तरां के पास है। नियमों के अनुसार, फायर की NOC लेने की जरूरत 50 फीट से ज्यादा एरिया कवर करने वाले रेस्तरां को पड़ती है, लेकिन विलेज में अधिकतर रेस्तरां 50 फीट से कम एरिया में बने हैं।
इसलिए उनमें फायर से बचाव के उपायों को नजरंदाज किया जाता है। अग्निश्मन अधिकारियों का कहना है कि जिस तरह से हौजखास विलेज में रात के समय भीड़ जुटती है, उसे देखते हुए पुराने नियमों की आड़ में बड़ा रिस्क लिया जा रहा है।