नई दिल्ली
दिल्ली की एक अदालत ने तिहाड़ जेल के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को जेल में पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए। उन्हें गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था। खालिद को फरवरी में उत्तर पूर्व दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगे के सिलसिले में आतंकवाद निरोधक कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने तिहाड़ जेल के सुपरिटेंडेंड को निर्देश दिया कि जेल के नियमों के तहत बिना भेदभाव के आरोपी खालिद को पर्याप्त सुरक्षा देने के लिए कदम उठाए जाएं। आरोपी की तरफ से दायर आवेदन पर अदालत ने यह निर्देश दिया। उमर ने अपने आवेदन में जेल के अंदर पर्याप्त सुरक्षा देने की मांग की है, ताकि न्यायिक हिरासत में उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाए।
अदालत ने 17 अक्टूबर को अपने आदेश में कहा कि जेल नियमों के तहत खालिद को रोजाना की दिनचर्या का पालन करने दिया जाए। अदालत ने कहा, 'चूंकि आरोपी न्यायिक हिरासत में है, इसलिए नियम संख्या 1401 सहित जेल के नियम जो अन्य कैदियों पर लागू हैं, वे आवेदक (खालिद) पर भी लागू होते हैं... वर्तमान आवेदन का जेल सुपरिटेंडेंट को इस निर्देश के साथ निपटारा किया जाता है कि जेल के नियमों को बिना किसी भेदभाव के लागू करते हुए वर्तमान आरोपी उमर खालिद को पर्याप्त सुरक्षा देने के लिए कदम उठाए जाएं।'
नियम के मुताबिक विचाराधीन कैदी को सुबह-सुबह अपने सेल को छोड़ने, स्वैच्छिक आधार पर काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए और अखबार, पुस्तकालय की पुस्तकें आदि उपलब्ध कराई जानी चाहिए। उमर के वकील त्रिदीप पाइस ने पहले अदालत से कहा था कि उनके मुवक्किल पर कई बार हमले हो चुके हैं और जेल में उसकी सुरक्षा को लेकर खतरे की आशंका है। आरोपी यूएपीए के तहत 22 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में है।
दिल्ली की एक अदालत ने तिहाड़ जेल के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को जेल में पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए। उन्हें गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था। खालिद को फरवरी में उत्तर पूर्व दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगे के सिलसिले में आतंकवाद निरोधक कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था।
अदालत ने 17 अक्टूबर को अपने आदेश में कहा कि जेल नियमों के तहत खालिद को रोजाना की दिनचर्या का पालन करने दिया जाए। अदालत ने कहा, 'चूंकि आरोपी न्यायिक हिरासत में है, इसलिए नियम संख्या 1401 सहित जेल के नियम जो अन्य कैदियों पर लागू हैं, वे आवेदक (खालिद) पर भी लागू होते हैं... वर्तमान आवेदन का जेल सुपरिटेंडेंट को इस निर्देश के साथ निपटारा किया जाता है कि जेल के नियमों को बिना किसी भेदभाव के लागू करते हुए वर्तमान आरोपी उमर खालिद को पर्याप्त सुरक्षा देने के लिए कदम उठाए जाएं।'
नियम के मुताबिक विचाराधीन कैदी को सुबह-सुबह अपने सेल को छोड़ने, स्वैच्छिक आधार पर काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए और अखबार, पुस्तकालय की पुस्तकें आदि उपलब्ध कराई जानी चाहिए। उमर के वकील त्रिदीप पाइस ने पहले अदालत से कहा था कि उनके मुवक्किल पर कई बार हमले हो चुके हैं और जेल में उसकी सुरक्षा को लेकर खतरे की आशंका है। आरोपी यूएपीए के तहत 22 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में है।