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जहांगीरपुरी डबल मर्डर: बंद कमरा, दो लाशें और सोता रहा कातिल

जहांगीरपुरी में हुई डबल मर्डर की वारदात जितनी खौफनाक है, उससे ज्यादा कातिल के इरादे रोंगटे खड़े करने वाले हैं। पुलिस अफसर की मानें तो डबल मर्डर को अंजाम देने के बाद भी आरोपी भागने की बजाय रातभर आराम से सोया रहा और मंगलवार तड़के फरार हुआ।

विशाल शर्मा | नवभारत टाइम्स 17 Jan 2018, 9:12 am
नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम jahangirpuri-2

जहांगीरपुरी में हुई डबल मर्डर की वारदात जितनी खौफनाक है, उससे ज्यादा कातिल के इरादे रोंगटे खड़े करने वाले हैं। पुलिस अफसर की मानें तो डबल मर्डर को अंजाम देने के बाद भी आरोपी भागने की बजाय रातभर आराम से सोया रहा और मंगलवार तड़के फरार हुआ। इसके बाद ही दो छोटे मासूम बेटों ने नीचे फ्लोर पर जाकर चाचा को रो-रोकर रात के उस कत्ल की कहानी बताई।

पुलिस जब पहुंची तो कमरे के फर्श पर शोभा और उनके बेटे की लाश खून से लथपथ हालत में पड़ी थी। फर्श और दीवार पर खून की छींटें लगी हुई थीं। मौके पर ईंट का टुकड़ा और चाकू पड़ा था। पास ही पड़े कुछ कपड़ों पर भी खून लगा हुआ था। वारदात वाली जगह से मिले सबूत, परिवार के बयान और हत्या के चश्मदीद रहे दोनों मासूम बेटों की गवाही से डबल मर्डर केस के सिक्वेंस को पुलिस ने पहली नजर में समझ लिया। पुलिस अफसर की मानें तो अंदेशा है कि कमरे में दोनों की हत्या सोमवार रात करीब 10 बजे के आसपास की गई।

चश्मदीद बेटे छह साल के सुशांत और आठ साल के राहुल साढ़े नौ बजे तक कमरे में जागे हुए थे। उनकी जुबानी जो जानकारी पुलिस को मिली उसके मुताबिक, सबसे छोटे बच्चे को जब पिता मार रहा था, मां ने बचाने की कोशिश की। पिता ने पहले बच्चे का सिर जोर से जमीन पर पटककर मार डाला। बचाने की कोशिश में मां की चाकू से हत्या कर दी। उसके बाद भी वह मारता रहा। पुलिस की मानें तो मुमकिन है कि आरोपी उस वक्त शराब के नशे में रहा हो।

जिस वक्त पिता के सिर पर खून सवार था, उस दौरान दोनों बेटे बेड के पास छिप गए थे। एक बार को दोनों मासूमों की चीख निकल पड़ी, जिसे सुनकर साढ़े दस बजे करीब नीचे के फ्लोर से बच्चों का चाचा आया। मगर ओमप्रकाश ने दरवाजा नहीं खोला। चाचा ने पूछा तो आरोपी ने बताया कि शोभा और सभी सो रहे हैं। इसके बाद वह लौट गया। वहीं, पिता ने हथियार दिखाकर दोनों बेटों को हत्या का डर दिखाते हुए आवाज न निकालने की धमकी दी। बच्चे चुपचाप रहे। रात में आरोपी ने शोभा और गोद से लिपटे मासूम को कई बार हिला-डुलाकर देखा। साथ ही, दोनों बच्चों को चुपचाप सोने की हिदायत दी। आंख बंद करके दोनों बच्चे रातभर बिस्तर पर पड़े रहे। वहीं, ओमप्रकाश भी बंद कमरे में दोनों लाशों के साथ सोया रहा। पुलिस सूत्रों का कहना है कि शोभा के हाथ, पेट, गले और सिर पर चोट के गहरे निशान थे जिससे लगता है कि शोभा ने बेटे को बचाने की काफी कोशिश की होगी।

...तो नशे ने की जिंदगियां बर्बाद
पुलिस को परिवार से पता चला कि शोभा करीब एक सप्ताह पहले ही हैदरपुर स्थित अपने मायके से जहांगीरपुरी ससुराल आई थी। विवाद खत्म होने के बाद वह करीब एक साल से अपने पति और तीनों बच्चों के साथ रह रही थी। छोटी-छोटी बातों पर दोनों में अकसर झगड़ा होता रहता था। ओमप्रकाश वहीं पर रहकर सफेदी का काम करता था, जबकि शोभा घर का खर्चा चलाने के लिए कोठियों में नौकरी करती थी। ससुराल आकर दोनों में शुरू के दो दिन कोई झगड़ा नहीं हुआ था लेकिन बाद में ओमप्रकाश शराब पीने के बाद झगड़ा करने लगता था। सोमवार रात को भी शोभा से शराब के नशे में झगड़ा किया था।

चरित्र पर शक!
महिला की शादी ओमप्रकाश से सन 2005 में हुई थी। दोनों में अकसर झगड़े रहने की वजह से विमिन सेल में केस भी चला था, जिसके बाद उनका राजीनामा हो गया था। आरोपी ओमप्रकाश शराब के नशे में शोभा के चरित्र को लेकर आपत्तिजनक बातें करता था और चरित्र पर शक करता था।

देवर ने दी पुलिस को जानकारी

पुलिस के मुताबिक, मृतक महिला की पहचान सुनीता उर्फ शोभा (32) और सवा साल के बच्चे की पहचान कर्ण के रूप में हुई है। शोभा अपने बेटे सुशांत (6), राहुल (8) और कर्ण के अलावा पति ओमप्रकाश के साथ जहांगीरपुरी ‘जी’ ब्लॉक इलाके में रहती थीं। मंगलवार सुबह करीब 8:30 बजे सुनीता के देवर बबलू ने पुलिस को हत्याकांड की सूचना दी थी। हत्या का केस दर्ज कर पुलिस फरार आरोपी की तलाश में जुट गई।

हिरासत में आरोपी के भाई
पुलिस ने आरोपी के दोनों भाइयों को पूछताछ के लिए हिरासत में ले रखा है। परिवार में महिला का ससुर खूबीराम, देवर कमल और छोटा देवर बबलू हैं। ससुर और देवर ग्राउंड फ्लोर पर, जबकि सुनीता पहली मंजिल पर परिवार के साथ रहती थीं। ओमप्रकाश मूल रूप से यूपी के आगरा का रहने वाला है, लेकिन परिवार काफी साल पहले दिल्ली शिफ्ट हो चुका है।
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विशाल शर्मा

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