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एरोसिटी एरिया की नकली पार्किंग स्लिप से टैक्सी वाले कर रहे फर्जीवाड़ा, 24 घंटे वाली नकली पार्किंग पर्ची से हो रहा है खेल

दिल्ली एयरपोर्ट के पास एरोसिटी में नकली पार्किंग टिकट से फर्जीवाड़ा चल रहा है। टैक्सी और कैब वाले नकली पार्किंग स्लिप छपवाकर एरोसिटी में दाखिल हो रहे हैं। बता दें कि एरोसिटी के अंदर जाने के लिए कमर्शियल नंबर की कैब को 30 रुपये प्रति घंटा के हिसाब से पार्किंग चार्ज देना होता है।

Authored byमनीष अग्रवाल | नवभारत टाइम्स 27 Apr 2022, 12:29 pm
आईजीआई एयरपोर्ट: एरोसिटी एरिया की पार्किंग पर्चियों में फर्जीवाड़ा सामने आया है। दो टैक्सी ड्राइवरों के पास जीएमआर एरोसिटी की नकली पार्किंग पर्ची बरामद की गई। जांच में पता लगा कि इस तरह की नकली पार्किंग स्लिप छपवाकर और भी टैक्सी और कैब वाले एरोसिटी में दाखिल हो रहे हैं। जिनके पास 24 घंटे वाली नकली पार्किंग पर्ची होती है।
नवभारतटाइम्स.कॉम Delhi Airport
दिल्ली एयरपोर्ट


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पुलिस ने बताया कि इस तरह की शिकायत जीएमआर एरोसिटी के पार्किंग मैनेजर सचिन ने आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस थाने में दी है। उन्होंने बताया कि हाल ही में उन्होंने नीरज और सुरेंद्र नाम के दो टैक्सी ड्राइवरों के पास एरोसिटी पार्किंग की संदिग्ध पार्किंग स्लिप देखी गई। जांच में पता लगा कि यह नकली हैं। पुलिस ने बताया कि इस मामले में और टैक्सी ड्राइवरों से पूछताछ की गई, लेकिन उन्होंने बहुत अधिक जानकारी नहीं दी। इसके बाद मामला पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने दोनों टैक्सी ड्राइवरों से पूछताछ की। पता लगा कि एरोसिटी की यह नकली पार्किंग स्लिप पास में ही महिपालपुर से बनवाई जा रही थी। पुलिस ने महिपालपुर में छापेमारी कर यहां से दो लोगों को पकड़ा। पुलिस का कहना है कि जांच की जा रही है कि इस तरह से एरोसिटी पार्किंग की नकली पर्ची बनवाकर यह लोग कब से फर्जीवाड़ा कर रहे थे।

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पुलिस का कहना है कि असल में एरोसिटी के अंदर जाने पर किसी भी कमर्शियल नंबर की कैब को 30 रुपये प्रति घंटा के हिसाब से पार्किंग चार्ज देना होता है। 24 घंटे के लिए यह चार्ज 120 रुपये है। हां, 10 मिनट में अगर टैक्सी वाले का पिक एंड ड्रॉप का काम हो जाता है, तो उससे कोई पैसा नहीं लिया जाता। लेकिन इससे अधिक समय लगने पर पार्किंग पर्ची काटी जाती है। इसी से बचने के लिए एरोसिटी के होटलों में लोगों को पिक एंड ड्रॉप करने वाले कैब वालों ने यहां की नकली पार्किंग पर्ची बनवानी शुरू कर दी। जांच में पता लगा है कि इस तरह के दो या तीन नहीं बल्कि एरोसिटी में अपनी सेवाएं देने वाले ढेरों कैब और टैक्सी वाले ऐसे हैं। जो इस तरह से एरोसिटी की नकली पार्किंग स्लिप छपवाकर धोखाधड़ी कर रहे थे।
लेखक के बारे में
मनीष अग्रवाल
मनीष अग्रवाल, नवभारत टाइम्स में असिस्टेंट एडिटर हैं। वह केंद्रीय गृह मंत्रालय, रेलवे और एविएशन मिनिस्ट्री के अलावा केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, पैरामिलिट्री फोर्स, सीबीआई, एनआईए, ईडी और भारतीय चुनाव आयोग भी कवर करते हैं। इससे पहले वह क्राइम, कस्टम और तिहाड़ जेल कवर करते थे। वह एनबीटी में 20 साल से भी अधिक समय से अपनी सेवाएं दे रहे हैं।... और पढ़ें

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