ऐपशहर

अपने बेटों के साथ रात में बन जाता था SDM, करता था उगाही

दिल्ली के द्वारका इलाके में ट्रकों से उगाही करने वाले नकली एसडीएम साहब को उसके दो बेटों के साथ दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस गिरोह के कुल 4 लोगों की गिरफ्तारी द्वारका सेक्टर-23 से हुई है। वारदात में इस्तेमाल की जाने वाली 2 गाड़ियों को भी पुलिस ने जब्त कर लिया है।

नवभारत टाइम्स 29 Jan 2019, 11:44 am
विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम father-sons-duo

दिल्ली के द्वारका इलाके में ट्रकों से उगाही करने वाले नकली एसडीएम साहब को उसके दो बेटों के साथ दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस गिरोह के कुल 4 लोगों की गिरफ्तारी द्वारका सेक्टर-23 से हुई है। वारदात में इस्तेमाल की जाने वाली 2 गाड़ियों को भी पुलिस ने जब्त कर लिया है।

डीसीपी ऐंटो अलफोंस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में सत्यवान, दिलीप सिंह, देवेंद्र और पंकज शामिल हैं। इनमें से सत्यवान जो अपने आप को एसडीएम, हेड क्वॉर्टर बताता था और दो बेटे बाप के लिए वसूली करने में ट्रक रोकने का काम करते थे, जबकि चौथा आरोपी दिलीप सिंह अपने आप को एसडीएम साहब का ड्राइवर बताता था। पुलिस ने कॉरिडोर पट्रोलिंग के दौरान यह कामयाबी हासिल की। पुलिस के अनुसार हरिशंकर नाम के एक शख्स ने शिकायत की कि वह सीमेंट की बोरियों से भरा एक ट्रक लेकर कुरुक्षेत्र से आ रहा था और द्वारका इलाके में उसे रोका गया। कहा गया कि उसके ट्रक में जो 200 सीमेंट के कट्टे हैं, ज्यादा हैं। डेढ़ सौ से ज्यादा होने पर उसका ट्रक सीज हो सकता है और फिर उसे डरा-धमकाकर बामडोली गांव के पास यह बताया गया कि एसडीएम साहब गाड़ी में हैं और तुम्हारी गाड़ी सीज हो जाएगी। फिर उसके ट्रक से सीमेंट के कट्टे को उतारने के लिए कहा और करीब 25 कट्ठे उतार के रख लिए।

जब ड्राइवर ट्रक लेकर आगे पहुंचा तो कॉरिडोर पट्रोलिंग में पुलिस टीम को देखकर उसने अपने साथ हुई घटना के बारे में जानकारी दी। इसके बाद पुलिस टीम स्पॉट पर पहुंची। पुलिस ने देखा कि एसडीएम का स्टीकर लगी एक स्विफ्ट गाड़ी में सीमेंट की बोरियां भरी जा रही हैं। पुलिस को देखते ही गाड़ी लेकर दो लड़के भागने लगे, लेकिन पुलिस टीम ने सतर्कता दिखाते हुए, तुरंत कंट्रोल रूम को मेसेज भी दिया और दूसरी पुलिस की गाड़ी अभी आ गई। स्विफ्ट डिजायर गाड़ी को सेक्टर 22 में बैंक विहार सोसायटी के पास पकड़ लिया गया और उनमें से दो युवकों को हिरासत में लिया गया, जिनकी पहचान देवेंद्र और पंकज के रूप में हुई।

एसीपी राजेंद्र सिंह की टीम ने जब थाना प्रभारी संतन सिंह की अगुवाई में छानबीन की तो पता चला कि सत्यवान जो पालम कॉलोनी का रहने वाला है। वह अपने आपको एसडीएम बताता था, जबकि उसके दो बेटे देवेंद्र और पंकज ट्रक को रोकने का काम करते थे। दिलीप सिंह खुद को एसडीएम का ड्राइवर बताता था। ये लोग लोकल होने की वजह से रात में वारदात को अंजाम देने के लिए निकलते थे और ट्रक-टेंपो को रोककर उनसे वसूली करते थे। पूछताछ में पता चला कि 47 साल का सत्यवान पहले टैक्सी का बिजनस करता था और उसने कुछ समय पहले कॉन्ट्रैक्ट पर एसडीम ऑफिस में अपनी गाड़ी लगाई थी। बाद में मई 2018 में उसका कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया, लेकिन उसने अपनी गाड़ी पर लगे एसडीएम के स्टीकर को हटाया नहीं और वारदात को अंजाम देने लगा।

अगला लेख

Metroकी ताजा खबरें, ब्रेकिंग न्यूज, अनकही और सच्ची कहानियां, सिर्फ खबरें नहीं उसका विश्लेषण भी। इन सब की जानकारी, सबसे पहले और सबसे सटीक हिंदी में देश के सबसे लोकप्रिय, सबसे भरोसेमंद Hindi Newsडिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नवभारत टाइम्स पर