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मोटी कमाई का लालच देकर जाल में फंसा रहे 'जिगोलो क्लब'

20 से 25 हजार कमवाने का दावा करने वाले एड के आखिर में कॉन्टेक्ट नंबर दिए होते हैं। इन नंबरों पर बात करने के लिए ट्रेंड फीमेल होती हैं। कॉल करने पर आपको दूसरी ओर से किसी लड़की की बेहद सुरीली आवाज सुनाई देगी, जो कि इंग्लिश-हिंदी मिक्स लैंग्वेज में आपसे बात करेंगी।

Authored byविशाल शर्मा | Navbharat Times 28 Oct 2020, 1:23 pm
नई दिल्लीः दिल्ली में जिगोलो कल्चर है या नहीं, इसके पुख्ता प्रमाण फिलहाल नहीं मिले हैं, लेकिन जिगोलो बनाने का दावा करने की सैकड़ों आकर्षक वेबसाइट चल रही हैं। बस, एक क्लिक और जिगोलो की अडल्ट साइट्स ओपन। इसी हफ्ते जनकपुरी पुलिस ने जिगोलो के नाम पर साइबर ठगी का खुलासा किया था। 20 से 25 हजार कमवाने का दावा करने वाले एड के आखिर में कॉन्टेक्ट नंबर दिए होते हैं। इन नंबरों पर बात करने के लिए ट्रेंड फीमेल होती हैं। कॉल करने पर आपको दूसरी ओर से किसी लड़की की बेहद सुरीली आवाज सुनाई देगी, जो कि इंग्लिश-हिंदी मिक्स लैंग्वेज में आपसे बात करेंगी। पहली कॉल पर ही ऐसा लगेगा मानो आप अब जिगोलो बन चुके हैं। बस यहीं से लोगों को जाल में फंसने का काम शुरू हो जाता है। एनबीटी रिपोर्टर ने नाम बदलकर इसी तरह की इन वेबसाइट्स के नंबरों पर कॉल कर रियलटी चेक किया। सभी कॉल लड़कियों ने ही उठाए। इस दौरान उनसे क्या बातें हुईं, बातचीत के सारे अंश यहां बताए जा रहे हैं।
नवभारतटाइम्स.कॉम gigolo


रिपोर्टर: हैलो, मैम आप **** से बोल रही हैं! यह नंबर इंटरनेट पर ऐड में देखा था।
लेडी: यस

रिपोर्टर: मुझे भी मेंबर बनना है, पार्ट टाइम जॉब करना चाहता हूं।
लेडी: क्या नाम है आपका, और ऐज क्या है?

रिपोर्टर: जी, रेहान (बदला हुआ नाम) लगभग 30 साल।
लेडी: ओके, रेहान, हमारे यहां जॉब करने के लिए कंपनी की प्राइवेसी पॉलिसी को फॉलो करना होगा। उसके लिए आप जब रजिस्ट्रेशन कराएंगे, तब बता दिया जाएगा।

रिपोर्टर: मुझे पता है प्राइवेसी बहुत जरूरी है मैम। बेसिक डिटेल दीजिए, क्या करना होगा मुझे।
लेडी: आपको हमारे क्लब से जुड़ीं हाई प्रोफाइल कस्टमर के पास भेजा जाएगा। मीटिंग फिक्स कराएंगे। पेमेंट उसके बाद...

रिपोर्टर: ओके, पेमेंट का हिसाब किताब कैसे है?
लेडी: 2 घंटे के लिए आपको 15 से 20 हजार रुपये मिलेंगे। जिसमें से 20 पर्सेंट कमीशन कंपनी का काटकर आपको पे कर दिया जाएगा।

रिपोर्टर: जी मैम, इसमें रिस्क तो नहीं है!
लेडी: नहीं.. नहीं, इसमें कोई रिस्क नहीं। आपको जहां भी भेजा जाएगा, वो पूरी तरह सेफ होता है। हमारे क्लब से जुड़ने के लिए अलग-अलग पैकेज हैं। प्लेटिनम, सिल्वर, गोल्ड। वीक में दो या तीन बार ही भेजा जाएगा। ये सारी डिटेल्स रजिस्ट्रेशन के बाद मिल जाएंगी।

रिपोर्टर: मैम मैं तैयार हूं, कहां कैसे मिलूं?
लेडी: रेहान जी, उसके लिए पहले आपको कंपनी रूल्स के अकॉर्डिंग रजिस्ट्रेशन करना है। जिसकी फीस बहुत मामूली 2500 रुपए है। जैसे ही रजिस्ट्रेशन होगा, आपको 2 घंटे के भीतर टर्म्स एंड कंडीशन और क्लब की प्राइवेसी पॉलिसी समझा दी जाएगी।

रिपोर्टर: ओके...और कस्टमर से मीटिंग?
लेडी: वो दो दिन के अंदर हमारी तरफ से आपको कॉल आ जाएगी। अब आप बताएं तैयार हैं?

रिपोर्टर: मैम, फीस तो दे दूंगा लेकिन फंस न जाऊं?
लेडी: इस बात की कंपनी गारंटी लेती है, आप नहीं फंसेंगे। यहां प्राइवेसी मेंटेन की जाती है। आप तैयार हैं तो बोलिए?

रिपोर्टर: रजिस्ट्रेशन के लिए क्या करूं?
लेडी: आपको हम क्लब का बैंक अकाउंट नंबर दे रहे हैं, इसमें ऑनलाइन पे कीजिए। उसके बाद पेमेंट रेफरेंस नंबर हमें भेज दें। या आप बैंक (प्राइवेट बैंक का नाम लेते हुए) में पहुंच जाओ। मैं अकाउंट नंबर बता दूंगी, जैसे ही पैसे आ जाएंगे। 2 घंटे के भीतर आपको कॉल कर दी जाएगी।

रिपोर्टर: मैम, अपने ऑफिस का एड्रेस दे दीजिए, मैं वहीं आकर फीस दे देता हूं।
लेडी: रेहान जी, क्लब का सिस्टम ऑनलाइन चलता है। मेंबरशिप मिलने पर आप क्लब से जुड़ जाएंगे। वैसे भी कोविड में अलाऊ नहीं है।

रिपोर्टर: ठीक है आपको कॉल करके बता दूंगा

ब्लैकमेलिंग या अनहोनी घटना के भी खतरे: डीसीपी साइबर सेल
साइबर सेल के डीसीपी अन्येष रॉय का कहना है कि सोशल मीडिया में जहां भी जिस प्लेटफॉर्म पर भी क्विक मनी कमाने का दावा किया जाता है, वह फेक हैं। ऐसे लिंक, वेबसाइट्स से सावधान रहें। जाने अनजाने में ऐसे साइबर अपराध का युवा शिकार हो रहे हैं। खासकर दूर दराज देहात, कस्बों के लोग आसानी से इनके जाल में फंस जाते हैं। शर्म, बेइज्जती की वजह से पुलिस कंप्लेंट भी नहीं करते। यही वजह है कि बेधड़क ऐसे गैंग सक्रिय हैं। ऐसे मामलों में ब्लैकमेलिंग या अनहोनी घटना के खतरे भी हैं। अपनी समझदारी, होशियारी से ही ऐसे अपराधों से बचा जा सकता है।
लेखक के बारे में
विशाल शर्मा

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