तिहाड़ में बंद कैदी ने फिरौती से इतना माल बटोरा, दिल्ली में रंगदारी के सब रेकॉर्ड टूट गए
Tihar Jail Extortion Case: पहले पुलिस को लगा कि सुकेश चंद्रशेखर ने 50 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी है। अब सूत्र बता रहे हैं कि मामला उससे कहीं बड़ा है। चंद्रशेखर ने तिहाड़ में बंद रहते हुए करीब 200 करोड़ रुपये वसूले।
हाइलाइट्स
- हाई प्रोफाइल चीटर सुकेश चंद्रशेखर समेत तीन गिरफ्तार
- दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को केस ट्रांसफर
- फर्जी केस सेटल करने के लिए जेल से ही मांगी थी फिरौती
- सरकारी अफसर बताते हुए कहा कि केस की जांच उसके पास है
नई दिल्ली
सुकेश चंद्रशेखर नाम के एक धोखेबाज ने दिल्ली पुलिस के होश उड़ा दिए हैं। तिहाड़ जेल में बंद रहते हुए सुकेश ने 190-200 करोड़ रुपये की फिरौती वसूली। जेल के भीतर से इतनी फिरौती आज तक नहीं वसूली गई थी। यहां तक कि दिल्ली में किसी भी अपराधी के फिरौती मांगने का यह एक रेकॉर्ड है। पहले यह रकम करीब 50 करोड़ मानी जा रही थी मगर मामला आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के पास गया तो केस बड़ा होता चला गया। EOW के अलावा अब प्रवर्तन निदेशालय ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है। बिजनेसमैन से मांगी 50 करोड़ की फिरौती
सुकेश पर आरोप है कि उसने जेल में रहने के दौरान फर्जी सरकारी अफसर बनकर एक बिजनेसमैन से 50 करोड़ की फिरौती मांगी थी। आरोप यह भी है कि उसने रकम यह कहकर मांगी कि बिजनेसमैन के खिलाफ केस दर्ज हुआ, जिसकी जांच उसके पास है। जांच शुरु हो चुकी है। सुकेश ने बिजनेसमैन को यह भी धमकी दी कि अगर जांच ने तेजी पकड़ी तो वह और उसका पूरा परिवार बर्बाद हो जाएगा। बिजनेस भी तबाह हो जाएगा। लिहाजा मामले को सेटल करने के एवज में 50 करोड़ की डिमांड कर डाली।
जब बिजनसमैन को अहसास हुआ कि उनके साथ धोखा हुआ है, तब जुलाई के आखिरी हफ्ते में एफआईआर कराई गई। चंद्रशेखर की आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए उसे रोहिणी जेल शिफ्ट किया गया था। टॉप लेवल का फर्जी सरकारी अफसर बनकर 50 करोड़ के लिए कॉल की बात सामने आने पर दिल्ली पुलिस सकते में आई गई।
चंद्रशेखर के खिलाफ 20 से ज्यादा केस
पीड़ित एक बड़े कारोबारी समूह से जुड़ा है। EOW इस मामले में फोरेंसिक एक्सपर्ट्स की मदद ले सकते हैं। चंद्रशेखर के दो अन्य साथी, दीपक रामदानी और प्रदीप रामदानी फायनेंस में डील करते हैं। दीपक न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी जबकि प्रदीप मॉडल टाउन में रहता है। उनके पास से नोट गिनने की एक मशीन भी सीज की गई है। देशभर में चंद्रशेखर के खिलाफ कम से कम दो दर्जन मुकदमे दर्ज हैं।
सुकेश एक साल से चला रहा था जेल में मोबाइल फोन
कैसे पकड़ा गया सुकेश?
स्पेशल सेल की टीम मोबाइल की लोकेशन के साथ ही रोहिणी जेल में रेड की थी। 8 अगस्त को रेड के दौरान सुकेश के बैरक से 2 मोबाइल फोन भी बरामद कर लिए। सूत्रों के मुताबिक, सुकेश जेल से भी कई बड़े बिजनसमैन से कॉन्टैक्ट में था और फोन करके पुलिस, सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट में मैटर सुलझाने का दावा करके पैसे वसूल कर रहा था। जेल में मोबाइल फोन मिलने के बाद से जेल प्रशासन से जुड़े कुछ अधिकारी रेडार पर आ गए हैं। हाल फिलहाल वो रोहिणी जेल में बंद था। सुकेश जेल में जिस फोन का इस्तेमाल कर रहा था, उसे फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है।
सुकेश चंद्रशेखर की हिस्ट्रीशीट
चंद्रशेखर को कथित रूप से टीटीवी दिनाकरण से पैसे लेने के आरोप में पकड़ा गया था। उस समय वह चुनाव आयोग में संपर्क होने का दावा कर 50 करोड़ रुपये की डील करने की कोशिश कर रहा था। चंद्रशेखर का दावा था कि वह चुनाव आयोग के अधिकारियों को घूस देकर शशिकला खेमे को AIADMK के दो पत्तियों वाले चुनाव चिन्ह दिला देगा। 2017 में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक होटल में उसके कमरे से 1.3 करोड़ रुपये कैश बरामद किया था।
उससे पहले वह अपनी गर्लफ्रेंड और 'मद्रास कैफे' फिल्म की एक्ट्रेस के साथ गिरफ्तार हुआ था। दोनों पर फिल्म प्रोड्यूसर बन कारोबारियों को ठगने के आरोप थे। वह कई बार सीबीआई अधिकारी बनकर भी लोगों को ठग चुका है। उसके शिकारों में टीडीपी के पूर्व सांसद सम्बाशिव राव, मध्य प्रदेश के एक पूर्व सांसद भी शामिल हैं।
सुकेश चंद्रशेखर नाम के एक धोखेबाज ने दिल्ली पुलिस के होश उड़ा दिए हैं। तिहाड़ जेल में बंद रहते हुए सुकेश ने 190-200 करोड़ रुपये की फिरौती वसूली। जेल के भीतर से इतनी फिरौती आज तक नहीं वसूली गई थी। यहां तक कि दिल्ली में किसी भी अपराधी के फिरौती मांगने का यह एक रेकॉर्ड है। पहले यह रकम करीब 50 करोड़ मानी जा रही थी मगर मामला आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के पास गया तो केस बड़ा होता चला गया। EOW के अलावा अब प्रवर्तन निदेशालय ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है।
सुकेश पर आरोप है कि उसने जेल में रहने के दौरान फर्जी सरकारी अफसर बनकर एक बिजनेसमैन से 50 करोड़ की फिरौती मांगी थी। आरोप यह भी है कि उसने रकम यह कहकर मांगी कि बिजनेसमैन के खिलाफ केस दर्ज हुआ, जिसकी जांच उसके पास है। जांच शुरु हो चुकी है। सुकेश ने बिजनेसमैन को यह भी धमकी दी कि अगर जांच ने तेजी पकड़ी तो वह और उसका पूरा परिवार बर्बाद हो जाएगा। बिजनेस भी तबाह हो जाएगा। लिहाजा मामले को सेटल करने के एवज में 50 करोड़ की डिमांड कर डाली।
जब बिजनसमैन को अहसास हुआ कि उनके साथ धोखा हुआ है, तब जुलाई के आखिरी हफ्ते में एफआईआर कराई गई। चंद्रशेखर की आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए उसे रोहिणी जेल शिफ्ट किया गया था। टॉप लेवल का फर्जी सरकारी अफसर बनकर 50 करोड़ के लिए कॉल की बात सामने आने पर दिल्ली पुलिस सकते में आई गई।
चंद्रशेखर के खिलाफ 20 से ज्यादा केस
पीड़ित एक बड़े कारोबारी समूह से जुड़ा है। EOW इस मामले में फोरेंसिक एक्सपर्ट्स की मदद ले सकते हैं। चंद्रशेखर के दो अन्य साथी, दीपक रामदानी और प्रदीप रामदानी फायनेंस में डील करते हैं। दीपक न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी जबकि प्रदीप मॉडल टाउन में रहता है। उनके पास से नोट गिनने की एक मशीन भी सीज की गई है। देशभर में चंद्रशेखर के खिलाफ कम से कम दो दर्जन मुकदमे दर्ज हैं।
सुकेश एक साल से चला रहा था जेल में मोबाइल फोन
कैसे पकड़ा गया सुकेश?
स्पेशल सेल की टीम मोबाइल की लोकेशन के साथ ही रोहिणी जेल में रेड की थी। 8 अगस्त को रेड के दौरान सुकेश के बैरक से 2 मोबाइल फोन भी बरामद कर लिए। सूत्रों के मुताबिक, सुकेश जेल से भी कई बड़े बिजनसमैन से कॉन्टैक्ट में था और फोन करके पुलिस, सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट में मैटर सुलझाने का दावा करके पैसे वसूल कर रहा था। जेल में मोबाइल फोन मिलने के बाद से जेल प्रशासन से जुड़े कुछ अधिकारी रेडार पर आ गए हैं। हाल फिलहाल वो रोहिणी जेल में बंद था। सुकेश जेल में जिस फोन का इस्तेमाल कर रहा था, उसे फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है।
सुकेश चंद्रशेखर की हिस्ट्रीशीट
चंद्रशेखर को कथित रूप से टीटीवी दिनाकरण से पैसे लेने के आरोप में पकड़ा गया था। उस समय वह चुनाव आयोग में संपर्क होने का दावा कर 50 करोड़ रुपये की डील करने की कोशिश कर रहा था। चंद्रशेखर का दावा था कि वह चुनाव आयोग के अधिकारियों को घूस देकर शशिकला खेमे को AIADMK के दो पत्तियों वाले चुनाव चिन्ह दिला देगा। 2017 में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक होटल में उसके कमरे से 1.3 करोड़ रुपये कैश बरामद किया था।
उससे पहले वह अपनी गर्लफ्रेंड और 'मद्रास कैफे' फिल्म की एक्ट्रेस के साथ गिरफ्तार हुआ था। दोनों पर फिल्म प्रोड्यूसर बन कारोबारियों को ठगने के आरोप थे। वह कई बार सीबीआई अधिकारी बनकर भी लोगों को ठग चुका है। उसके शिकारों में टीडीपी के पूर्व सांसद सम्बाशिव राव, मध्य प्रदेश के एक पूर्व सांसद भी शामिल हैं।