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निर्भया के दोषियों से तिहाड़ में पूछा गया, आखिरी इच्छा क्या?

निर्भया केस के चार गुनहगारों में से एक ने अपनी जिंदगी खत्म होने के डर से खाना छोड़ दिया है, जबकि दूसरा भी कम खाना खा रहा है। जेल अधिकारियों की ओर से पता लगा है कि चारों में से एक विनय ने दो दिनों तक खाना नहीं खाया था।

मनीष अग्रवाल | नवभारत टाइम्स 23 Jan 2020, 11:12 am

हाइलाइट्स

  • तिहाड़ जेल में बंद निर्भया केस के चारों गुनहगारों को जेल प्रशासन ने नोटिस थमाकर उनसे आखिरी इच्छा पूछी है
  • उनसे पूछा गया कि 1 फरवरी को तय उनकी फांसी के दिन से पहले अपनी अंतिम मुलाकात किससे करना चाहते हैं?
  • उनके नाम कोई प्रॉपर्टी है तो क्या वह उसे किसी के नाम ट्रांसफर करना चाहते हैं, किसी धर्मगुरु को बुलाना चाहते हैं?
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निर्भया के गुनहगार
नई दिल्ली
तिहाड़ जेल में बंद निर्भया केस के चारों गुनहगारों को जेल प्रशासन ने नोटिस थमाकर उनसे आखिरी इच्छा पूछी है। उनसे पूछा गया है कि 1 फरवरी को तय उनकी फांसी के दिन से पहले वह अपनी अंतिम मुलाकात किससे करना चाहते हैं? उनके नाम कोई प्रॉपर्टी है तो क्या वह उसे किसी के नाम ट्रांसफर करना चाहते हैं, कोई धार्मिक किताब पढ़ना चाहते हैं या किसी धर्मगुरु को बुलाना चाहते हैं? अगर वह चाहें तो इन सभी को 1 फरवरी को फांसी देने से पहले पूरा कर सकते हैं।
एक ने खाना छोड़ा तो दूसरे की भूख कम
इस बीच यह भी खबर मिली है कि चारों में से एक ने अपनी जिंदगी खत्म होने के डर से खाना छोड़ दिया है जबकि दूसरा भी कम खाना खा रहा है। जेल अधिकारियों से पता चला है कि चारों में से एक विनय ने दो दिनों तक खाना नहीं खाया था, लेकिन बुधवार को इसे बार-बार खाना खाने के लिए कहा गया तो थोड़ा खाना खाया।

मुकेश और अक्षय पर कोई असर नहीं
मंगलवार सुबह से अचानक पवन की खुराक में कमी होने लगी। मुकेश और अक्षय पर अभी खाना कम खाने या खाना छोड़ देने के रूप में कोई असर नहीं देखा जा रहा है। इनमें से मुकेश के पास फांसी को टालने के लिए अपने बचाव में जितने भी कानूनी उपचार थे, वह उन सभी को आजमा चुका है। इसकी दया याचिका भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास से डिसमिस हो चुकी है। अब अन्य तीनों के पास दया याचिका दायर करने और दो के पास सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल करने का कानूनी उपचार बचा है।


4 कैदियों के लिए 32 सिक्यॉरिटी गार्ड
जेल सूत्रों ने बताया कि चारों कातिलों को तिहाड़ की जेल नंबर-3 में अलग-अलग सेल में रखा गया है। हर दोषी की सेल के बाहर दो सिक्यॉरिटी गार्ड तैनात रहते हैं। इनमें से एक हिंदी और इंग्लिश का ज्ञान ना रखने वाला तमिलनाडु स्पेशल पुलिस का जवान और एक तिहाड़ जेल प्रशासन का होता है। हर दो घंटे में इन गार्डों को आराम दिया जाता है। शिफ्ट बदलने पर दूसरे गार्ड तैनात किए जाते हैं। हर एक कैदी के लिए 24 घंटे के लिए आठ-आठ सिक्यॉरिटी गार्ड लगाए गए हैं। यानी चार कैदियों के लिए कुल 32 सिक्यॉरिटी गार्ड। ये 24 घंटे में 48 शिफ्ट में काम कर रहे हैं।

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1 फरवरी को होनी है फांसी
चारों को फांसी पर लटकाने की नई तारीख 1 फरवरी सुबह 6 बजे तय की गई है। अगर इसी बीच मुकेश के अलावा अन्य तीनों में से किसी ने दया याचिका डाल दी तो यह मामला फिर कुछ दिन के लिए आगे बढ़ सकता है। ऐसे में कानूनी जानकारों का कहना है कि फिर से फांसी के लिए संभवत: एक नई डेट दी जाएगी। इन्हें फांसी पर लटकाने के लिए एक और ट्रायल किया गया है।
लेखक के बारे में
मनीष अग्रवाल
मनीष अग्रवाल, नवभारत टाइम्स में असिस्टेंट एडिटर हैं। वह केंद्रीय गृह मंत्रालय, रेलवे और एविएशन मिनिस्ट्री के अलावा केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, पैरामिलिट्री फोर्स, सीबीआई, एनआईए, ईडी और भारतीय चुनाव आयोग भी कवर करते हैं। इससे पहले वह क्राइम, कस्टम और तिहाड़ जेल कवर करते थे। वह एनबीटी में 20 साल से भी अधिक समय से अपनी सेवाएं दे रहे हैं।... और पढ़ें

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