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भारत-ऑस्ट्रेलिया के फाइनल में सट्टा लगवाने वाले ‘प्लेइंग इलेवन’ अरेस्ट

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरे और फाइनल मुकाबले में सट्टा लगाने के आरोप में पुलिस ने 11 बुकी को अरेस्ट किया है। पुलिस का कहना है कि कार्रवाई के वक्त 5 कोरड़ तक का सट्टा लगाया जा चुका था।

नवभारत टाइम्स 21 Jan 2020, 10:53 am
नई दिल्ली
नवभारतटाइम्स.कॉम सांकेतिक चित्र
सांकेतिक चित्र

भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच रविवार को खेले गए तीसरे और फाइनल वन डे मुकाबले में सट्टा लगा रहे गैंग का भंडाफोड़ हुआ है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच का दावा है कि मैच पर करीब 5 करोड़ रुपए का दांव लग चुका था। इसी दौरान डाली गई रेड में 11 बुकी को गिरफ्तार लिया गया। पुलिस ने इनके पास से सात लैपटॉप, 74 मोबाइल, दो एलसीडी टीवी और 4 ब्रीफकेस बरामद किए हैं।

11 लोगों को सट्टा खिलाने के आरोप में पकड़ा गया

अडिशनल सीपी (क्राइम) डॉ. ए के सिंगला ने बताया कि एसीपी पंकज सिंह की अगुवाई में इंस्पेक्टर विकास राणा की टीम ने रविवार दोपहर कड़कड़डूमा के अशोका निकेतन में एक घर पर छापा मारा। यहां से 11 लोगों को सट्टा खिलाने के आरोप में पकड़ा गया। इनकी पहचान अमित अरोड़ा (48), उसका भाई अनुज अरोड़ा (44), रितेश बंसल (37), अंशुल बंसल (27), नवीन कुमार (32), रोहित शर्मा (34), रितेश अग्रवाल (38), रोहित रस्तोगी (33), अमन गुप्ता (22), अंकुश बंसल (38) और अनुराग अग्रवाल (35) के तौर पर हुई है।

कार्रवाई के वक्त 5 करोड़ का सट्टा लग चुका था

पुलिस ने बताया कि कार्रवाई के वक्त भारत-ऑस्ट्रेलिया के मैच पर करीब 5 करोड़ रुपए का सट्टा लगाया जा चुका था। अमित रैकेट का मास्टरमाइंड है। उसका नेटवर्क देशभर में फैला हुआ है। पंटर एक खास नंबर पर कॉल कर रकम लगाते थे। सट्टे का लेखा-जोखा लैपटॉप पर रखा जाता था। अमित ने तीन खास फोन कनेक्शन ले रखे थे, जिन्हें वह तोता लाइन बोलते थे। हर बॉल के बाद सट्टे के करंट रेट बताए जाते थे।

खास ऐप्स का इस्तेमाल कर लगाते थे सट्टा

दांव टॉस जीतने से लेकर, रन, सेशन, विकेट, मैच की जीत समेत कई चीजों पर लगवाया जाता था। ये लोग लैपटॉप पर दो खास ऐप्स का इस्तेमाल करते थे, जिन्हें पंजाब के ऑपरेटर ने मुहैया कराया था। अमित बचने के लिए लगातार ठिकाने बदलता रहता था। जहां से गिरफ्तारी हुई है, वह घर भी किराए पर लिया हुआ था। अमित मूलरूप से मुजफ्फरनगर का रहने वाला है। उसने 12वीं के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स में डिप्लोमा किया था। उसने दिल्ली में कॉपर वायर की फैक्ट्री खोली थी, इसमें उसे नुकसान हुआ था। करीब 10 साल पहले वह बुकी बन गया। इसके बाद उसका गैंग देशभर में फैलता चला गया। पुलिस ने सोमवार सुबह सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से इन्हें जेल भिजवा दिया गया है।

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