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रखने के लिए दिए थे 20 लाख, नहीं लौटाए तो अपने मौलवी टीचर को किडनैप कर मांगी फिरौती

तफ्तीश में पता चला कि सदाकत 2008 से लगातार मौलाना के टच में था। वह ओखला में फूड स्टॉल चलाता था। वह पांच साल से अपना पैसा मौलाना के पास जमा करवाता था। अब तक 20 लाख रुपये दे चुका था। यह रकम उसने क्रिकेट में सट्टा लगाकर कमाई थी।

Authored byएनबीटी डेस्क | नवभारत टाइम्स 11 Apr 2021, 11:20 am

हाइलाइट्स

  • 2008 में मौलाना के मदरसा में पढ़ चुका था आरोपी, क्रिकेट में सट्टे से कमाए थे पैसे
  • 20 लाख रुपये नहीं लौटाने पर मौलाना को अगवा कर 25 लाख की फिरौती मांगी गई
  • 6 अप्रैल को मोहम्मद मुज्जमिल ने अपने भाई के लापता होने की शिकायत कराई
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नई दिल्ली
शाहीन बाग में 20 लाख रुपये नहीं लौटाने पर मौलाना को अगवा कर 25 लाख की फिरौती मांगी गई। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इसी इलाके के एक फ्लैट से पीड़ित को बरामद कर लिया। फिरौती मांगने के लिए इस्तेमाल पीड़ित का मोबाइल भी जब्त कर लिया गया। पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनकी शिनाख्त बिहार के अररिया के सदाकत उर्फ राज (19), शमीम (26), नबी हसन (23), फिरदौस (22) और मंजर आलम (18) के तौर पर हुई। शमीम पर पहले से लूट समेत दो केस दर्ज हैं।
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फोन कर मौलवी के भाई से 25 लाख की फिरौती मांगी
अडिशनल सीपी (क्राइम) शिबेश सिंह ने बताया कि 6 अप्रैल को शाहीन बाग के मोहम्मद मुज्जमिल ने अपने भाई मौलाना मोहम्मद मुंतजिर आलम के गायब होने की थाने में रिपोर्ट लिखवाई। इसके बाद भाई के मोबाइल से ही वॉट्सऐप कॉल आई और मुज्जमिल से 25 लाख की फिरौती मांगी गई। डीसीपी भीष्म सिंह की देखरेख में क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर दिनेश कुमार, एसएचओ शाहीन बाग विजय पाल, इंस्पेक्टर संजय, एसआई अरुण सिंधू, हवा सिंह, पवन, अर्जुन समेत कई पुलिसकर्मियों की एक टीम बनाई गई।

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सीसीटीवी फुटेज में दिखा था संदिग्ध, नोएडा में मिली लोकेशन
सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर एक में संदिग्ध सदाकत मौलाना के साथ दिखाई दे गया। वह 2008 में मौलाना के मदरसा में पढ़ चुका था और उनके परिवार का जानकार था। सदाकत और उसके परिजनों का मोबाइल बंद था। सदाकत की आखिरी लोकेशन नोएडा के हरौला की आ रही थी। तफ्तीश में पता चला कि सदाकत हरौला में अपनी सास के यहां छुपा है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसकी निशानदेही पर अबुल फजल एनक्लेव के एन-ब्लॉक से मौलाना को सकुशल बरामद कर लिया गया।

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2008 से था मौलाना के संपर्क में
तफ्तीश में पता चला कि सदाकत 2008 से लगातार मौलाना के टच में था। वह ओखला में फूड स्टॉल चलाता था। वह पांच साल से अपना पैसा मौलाना के पास जमा करवाता था। अब तक 20 लाख रुपये दे चुका था। यह रकम उसने क्रिकेट में सट्टा लगाकर कमाई थी। वह इस रकम से अपने लिए एक दुकान खरीदना चाहता था। मौलाना से जब उसने पैसे मांगे तो उन्होंने देने से मना कर दिया। उसने अपने भाई मंजर और उसके दोस्त फिरदौस, शमीम और नबी हसन के लिए मौलाना को अगवा कर रकम लेने की साजिश रची।

झाड़-फूंक के लिए बुला बनाया बंधक
सदाकत ने साजिश के तहत शाहीन बाग के अबुल फजल एनक्लेव में अपने सहयोगियों के साथ किराए पर एक नया मकान लिया। मौलाना को झाड़-फूंक कराने का झांसा देकर 5 अप्रैल को बुलाया गया। मौलाना जब वहां आए तो उन्हें लोहे की चेन से बांध दिया गया। उनके फोन से ही फिरौती की डिमांड की गई।
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