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Tihar Jail News: तिहाड़ में बाहर से मोबाइल और ड्रग्स फेंकने पर लगेगी लगाम, जेलों में लगाए जाएंगे जाल

तिहाड़ जेल प्रशासन ने बताया कि बाहर से फेंके जाने वाले मोबाइल फोन, तंबाकू और अन्य तरह की ड्रग्स को रोकने के लिए अब जेल प्रशासन जेलों पर लोहे के जाल लगवा रहा है। फिलहाल यह जाल तिहाड़ की जेल नंबर-1,3,4 और जेल नंबर-8/9 में लगाया जाएगा ताकि इसे रोका जा सके।

Authored byमनीष अग्रवाल | नवभारत टाइम्स 20 Apr 2022, 3:19 pm
नई दिल्ली: तिहाड़ की कई जेलों में बाहर से फेंके जाने वाले मोबाइल फोन, तंबाकू और अन्य तरह की ड्रग्स को रोकने के लिए अब जेल प्रशासन इन जेलों पर जाल लगवा रहा है। रोहिणी और मंडोली जेलों में भी इसी तरह से जाल लगाए जाएंगे। क्योंकि इन सभी जेलों में बाहर से फोन और तंबाकू को फेंकने के लगातार मामले सामने आते रहे हैं।
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तिहाड़ जेल प्रशासन ने बताया कि तिहाड़ जेल में फिलहाल यह जाल तिहाड़ की जेल नंबर-1,3,4 और जेल नंबर-8/9 में लगाया जाएगा। इन जेलों में बाहर सड़क मार्ग से प्रतिबंधित सामान फेंके जाने की समस्या सबसे ज्यादा है। एक जेल के कुछ हिस्से में इस तरह से जाल लगाकर ट्रायल भी किया गया था। ताकि यह पता लग सके कि क्या इससे प्रतिबंधित सामान को रोकने में मदद मिलेगी या नहीं। ट्रायल के सकारात्मक परिणाम सामने आने के बाद जेलों में जाल लगाने की योजना आगे बढ़ाई गई है।

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दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट की तरफ से जाल लगाने का काम किया जाएगा। सर्वे करने के बाद यहां की पांच जेलों में जल्द ही जाल लगा दिए जाएंगे। इसके बाद जेलों में बाहर से मोबाइल फोन, तंबाकू और अन्य प्रतिबंधित सामान के कैदियों तक पहुंचने में काफी हद तक लगाम लगने की उम्मीद जताई जा रही है।

इसी तरह से रोहिणी और मंडोली जेलों में भी यह गंभीर समस्या है। इन जेलों में भी बाहर से प्रतिबंधित आइटम जेलों के अंदर फेंके जाते हैं। जेलों में संवेदनशील पॉइंट्स पर सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी रखी जा रही है। लेकिन अभी भी कुछ डार्क स्पॉट ऐसे हैं। जहां से सामान फेंके जाने के मामले सामने आ रहे हैं। इसी वजह से जाल लगाने की योजना बनाई गई है।

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जेल प्रशासन का कहना है कि कॉल ब्लॉकिंग टावर लगाए जाने से तिहाड़ जेल में मोबाइल नेटवर्क तो आने लगभग बंद हो गए हैं। लेकिन कई बार देखने में आया है कि एक-दो कंपनियों के नेटवर्क जेल के अंदर आ जाते हैं। इन्हीं कंपनियों के सिम कैदी इस्तेमाल करते हैं। इसलिए कॉल ब्लॉकिंग टावर के बाद अब जाल लगाने का काम किया जा रहा है। ताकि कैदियों तक फोन पहुंच ही ना पाएं।
लेखक के बारे में
मनीष अग्रवाल
मनीष अग्रवाल, नवभारत टाइम्स में असिस्टेंट एडिटर हैं। वह केंद्रीय गृह मंत्रालय, रेलवे और एविएशन मिनिस्ट्री के अलावा केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, पैरामिलिट्री फोर्स, सीबीआई, एनआईए, ईडी और भारतीय चुनाव आयोग भी कवर करते हैं। इससे पहले वह क्राइम, कस्टम और तिहाड़ जेल कवर करते थे। वह एनबीटी में 20 साल से भी अधिक समय से अपनी सेवाएं दे रहे हैं।... और पढ़ें

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