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बच्ची की जान गई, केमिस्ट अरेस्ट

डॉक्टरी सलाह के बिना दुकानदार ने दवाई दी, इंजेक्शन भी लगाया

रवि द्विवेदी | सांध्य टाइम्स 13 Dec 2019, 12:02 pm
Ravi.Dwivedi@timesgroup.com
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यह मां बाप की लापरवाही भी है और केमिस्ट की बेवकूफी भी, लेकिन दुख की बात यह है कि इसकी कीमत एक बच्ची की जान से चुकाई गई है। केमिस्ट को पुलिस ने एफआईआर दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया है। बाकी सबके लिए यह खबर एक सबक है, जिसे नजरंदाज करना उनके लिए भी जानलेवा साबित हो सकता है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, रश्मि अपने पति और दो साल की बच्ची मुस्कान (बदले हुए नाम) के साथ जीटीबी एंक्लेव की गली नंबर 1 में रहती हैं। तीन-चार दिनों से मुस्कान को बुखार था। छाती जाम और दूसरी शिकायत भी थी। उसे ठंड लग रही थी। इस गरीब परिवार को बच्ची की बीमारी समझ नहीं आई तो उन्होंने पड़ोस के मेडिकल स्टोर पर जाकर बातचीत की। शॉप के मालिक मनीष ने उनको कुछ सलाह देने के बजाए दवाई दी। एक दो दिन दवाई चली, लेकिन उससे आराम नहीं हुआ। गुरुवार को दोबारा रश्मि बच्ची के साथ दुकान पर पहुंचीं और बताया कि दवा से आराम नहीं हो रहा है। मनीष ने फिर भी उनको डॉक्टर के पास नहीं भेजा और खुद एक इंजेक्शन लगा दिया।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इंजेक्शन लगाने के 10 से 15 मिनट बाद मुस्कान की हालत बिगड़ने लगी। अब आनन फानन में परिजन उसको लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन वहां इससे पहले की डॉक्टर कुछ कर पाते उसकी मौत हो गई। इसके बाद मामले की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शुरुआती जांच में केमिस्ट की लापरवाही सामने आई है, क्योंकि उसने बिना डॉक्टरी सलाह के खुद दवाई दी और हालत बिगड़ने पर भी उनको अस्पताल नहीं भेजा। खुद ही इंजेक्शन भी लगा दिया, जिसके कारण बच्ची की मौत हो गई। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के नकली डॉक्टर विरोधी सेल के चेयरमैन अनिल बंसल ने बताया कि बिना डॉक्टरी सलाह के दवा देना तो गलत है ही, इंजेक्शन लगाना भी गैर-कानूनी है। इंजेक्शन सिर्फ एमबीबीएस डॉक्टर की देखरेख में लग सकता है।
डीसीपी शाहदरा अमित शर्मा ने बताया कि मामला पुलिस के संज्ञान में आया तो जीटीबी एंक्लेव पुलिस ने आरोपी केमिस्ट शॉप को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने लापरवाही से मौत होने की एफआईआर दर्ज की है। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन की नकली डॉक्टर विरोधी सेल के चेयरमैन अनिल बंसल ने बताया कि बिना डॉक्टरी सलाह के दवा देना तो गलत है ही, इंजेक्शन लगाना भी गैर-कानूनी है। इंजेक्शन सिर्फ एमबीबीएस डॉक्टर की देखरेख में लग सकता है।
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