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दिल्ली: सीटी स्कैन, MRI प्राइवेट हाथों में देने की तैयारी!

दिल्ली गेट स्थित जीबी पंत और लोकनायक अस्पताल के कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार एमआरआई से लेकर सीटी स्कैन तक प्राइवेट कंपनियों के हवाले करना चाहती है। उनका कहना है कि अस्पतालों में इसके लिए पूरा सिस्टम बना हुआ है। प्राइवेट कंपनियों के कारण डॉक्टर व कर्मचारियों को खामियाजा उठाना पड़ेगा।

परीक्षित निर्भय | नवभारत टाइम्स 5 Oct 2016, 12:06 pm
नईदिल्ली
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दिल्ली: सीटी स्कैन, MRI प्राइवेट हाथों में देने की तैयारी!

दिल्ली गेट स्थित जीबी पंत और लोकनायक अस्पताल के कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार एमआरआई से लेकर सीटी स्कैन तक प्राइवेट कंपनियों के हवाले करना चाहती है। उनका कहना है कि अस्पतालों में इसके लिए पूरा सिस्टम बना हुआ है। प्राइवेट कंपनियों के कारण डॉक्टर व कर्मचारियों को खामियाजा उठाना पड़ेगा। कर्मचारियों ने बताया कि सरकार की इस पूरी योजना की जानकारी उन्हें तब मिली, जब जीबी पंत अस्पताल प्रशासन के ईमेल उनके हाथ लगे। इसके बाद उन्होंने एलजी से मुख्यमंत्री केजरीवाल की शिकायत की है।

बता दें कि दिल्ली के ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में एमआरआई और सीटी स्कैन की व्यवस्था नहीं है। जीबी पंत में आठ महीने से एमआरआई की मशीन बंद पड़ी है। लोकनायक अस्पताल में मरीजों को यह सुविधा मिल रही है। यहां धरने पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि सरकार पुरानी मशीनों को ठीक कराने की जगह पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के तहत नई मशीनें लाना चाहती है।

उन्होंने केजरीवाल सरकार के इस फैसले को गलत बताया है। साथ ही कहा है कि अगर सरकार फैसला वापस नहीं लेती है तो दिल्ली के सभी अस्पतालों में कर्मचारी आंदोलन करने को मजबूर होंगे। जीबी पंत अस्पताल के टेक्निकल कर्मचारियों की यूनियन का कहना है कि पुरानी मशीन को ठीक कराने और नई मशीन खरीदने के बजाए स्वास्थ्य विभाग जांच सुविधाओं का निजीकरण करना चाहता है।

कर्मचारियों ने नैशनल पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन के नेतृत्व में अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया है। एसोसिएशन से जुड़े भारत वीर ने कहा कि पिछले दो दिनों में दिल्ली सरकार या स्वास्थ्य विभाग के किसी अधिकारी ने हमसे संपर्क नहीं किया है।

लंबा होगा MRI का इंतजार
कर्मचारियों के इस धरने के बाद दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में एमआरआई की सुविधा मिल पाना और भी ज्यादा मुश्किल हो गया है। तीन महीने पहले मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अस्पतालों में 10 एमआरआई और सीटी स्कैन मशीनें लगाने का वादा किया था। लेकिन अभी तक यह कागजों में सीमित है। सूत्रों की मानें तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस मसले पर कई बैठक कर चुके हैं। अधिकारियों ने प्राइवेट कंपनियों के प्रतिनिधियों से भी मीटिंग की है। लेकिन आपसी सहमति नहीं बन पाई।

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